नई दिल्लीः देश भर में दीपावली का त्योहार जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे देश भर के अलग-अलग मार्केट में इस मौके पर लोग खरीदारी करने के लिए बाहर निकल रहे हैं. इस बार राजधानी दिल्ली के मार्केट में चाइनीज आइटम को लोग बायकॉट कर रहे हैं. इस कारण दुकानदारों के पास देश में ही बने मिट्टी और मोम के दीये की मार्केट में अच्छी डिमांड हैं. लेकिन इस बार मार्केट में दुकानदारों और ग्राहकों पर महंगाई का असर जरूर देखा जा रहा है.
दिल्ली का प्रसिद्ध कुम्हार बाजार सरोजिनी नगर (Sarojini Nagar Potter Market) इलाके में स्थित है. यहां के कुम्हार खुद अपने हाथों से मिट्टी के दीये बनाते हैं. भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की मूर्ति को अंतिम रूप दिया जा चुका है. साथ ही यहां घर को सजाने के लिए एक से एक खूबसूरत डिजाइन में सजावट का समान भी मिलने लगा है. इस मार्केट की खास बात यह है कि सब कुछ मार्केट के अंदर मेड इन इंडिया यानि भारत के अलग-अलग राज्यों में बनी मूर्ति, दीये, सजावट के समान और मोम के दीये को यहां पर बेचा जा रहा हैं.
मार्केट के अंदर मूर्ति और दीये को खरीदने के लिए ग्राहक पहुंच तो रहे है, लेकिन महंगाई का असर यहां भी देखा जा रहा हैं. वही मार्केट में दुकान लगा रहे दुकानदारों का कहना है कि पहले के मुकाबले अब बहुत कुछ महंगा हो गया है. पहले कच्चा माल काफी सस्ता आता था, लेकिन अब कच्चा माल महंगा हो गया है, जिसकी वजह से हमें भी अपने आयटम को महंगा बेचना पड़ रहा है. जो गुजराती दीये का पैकेट हमने पिछले साल 220 का बेचा था, उसका रेट इस बार 280 रुपए हो गया है. लेकिन इस बार महंगाई का असर मार्केट में जरूर हैं, लेकिन लोग अपने देश में बने सामान को खरीदने के लिए आ रहे हैं.
सरोजिनी नगर का प्रसिद्ध कुम्हार मार्केट काफी पुराना है. ये कुम्हार बस्ती लगभग सौ साल पहले से बसा हुआ है. यहां के कुम्हार यहीं रहते हैं और यहीं इनकी दुकानें हैं. यहां दिल्ली और एनसीआर से ग्राहक खरीदारी करने आते हैं. कारण यहां मिट्टी से बना हर चीज आधुनिक डिजाइन कलर और अन्य मार्केटों से सस्ती मिलती है. दीवाली के समय में यहां पैर रखने की जगह नहीं होती थी. लेकिन इस बार महंगाई की मार इस मार्केट पर भी परी है.
मार्केट में दिवाली के लिए मिट्टी के दीये, मूर्ति या सजावट का समान खरीदने बहुत कम ग्राहक आ रहे हैं और जो आ रहे हैं वो अच्छी खरीदारी कर रहे हैं. उनका कहना है कि दो साल बाद खुलकर दिवाली मनाने जा रहे हैं तो भले ही सामान महंगा हो गया हो लेकिन इसका असर अपने त्योहार पर नहीं पड़ने देंगे. साथ ही चाइनीज चीजों का बहिष्कार करेंगे और अपने देश की मिट्टी से बनी एवं अपने देश के कारीगरों द्वारा बनाये हुए समान खरीदेंगे ताकि हमारे देश का पैसा हमारे देश में ही रहे.