नई दिल्ली : दिल्ली सहित देश के कई हिस्सों में छठ महापर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. चार दिनों तक चलने वाली इस छठ पूजा का आज तीसरा दिन है. लाखों श्रद्धालुओं ने यमुना के किनारे अस्ताचलगामी सूर्य को 'पहला अर्घ्य' दिया गया. वहीं दिल्ली में छठ घाट पर पानी ना पहुंचने को लेकर दिल्ली में सियासत भी गरमाई हुई हैं. जहां एक तरफ यमुना नदी छठ पूजा पर रोक को लेकर बीजेपी और आप आमने सामने तो इस कड़ी में कांग्रेस भी दिल्ली सरकार पर घाटों पर पानी ना पहुंचने को लेकर आरोप लगा रही हैं.
कांग्रेस के पूर्व निगम पार्षद वेद पाल लोहिया ने कहा कि बड़े शर्म की बात है कि पहली बार दिल्ली में छठ घाटों पर पानी की कालाबाजारी हो रही है. उन्होंने कभी अपने इतिहास में ऐसा नहीं देखा, छठ घाट पर पानी न हो. छठ घाटों पर समय रहते पानी आ जाता था, लेकिन इस बार सरकार सिर्फ अपने होर्डिंग बैनर के प्रचार में लगी है. जो फंड सरकार को छठ घाट पर खर्च करना चाहिए था उसको सरकार पोस्टर बैनर होर्डिंग पर खर्च कर रही है. बड़े-बड़े पोस्टर लगाए गए हैं. आया नगर के एच ब्लॉक में छठ घाट पर लोगों ने पैसे देकर प्राइवेट टैंकर से पानी मंगाए हैं. तब यहां पर पानी पहुंचा है. सरकार की तरफ से इस बार कोई मदद नहीं की गई है.
पूर्व निगम पार्षद ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों को भी सूचित किया गया. इसके बावजूद छठ घाट पर पानी नहीं पहुंचा, जो बड़े ही शर्म की बात है. दिल्ली सरकार सिर्फ बड़े-बड़े दावे करती है. जनता के टैक्स के पैसों से यह सरकार पोस्टर बैनर लगा रही है. व्रतियों ने अपनी व्यवस्था खुद की है. स्थानीय विधायक और शासन प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं की गई है. जबकि निगम की तरफ से ही सारे काम किया गया था.
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