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शाहीन बाग पहुंचे पूर्व IAS अधिकारी गोपीनाथन, 'CAA-NRC से गरीब लोगों पर असर'

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर आईएएस गोपीनाथन ने कहा कि इस कानून से सबसे ज्यादा गरीब पिसेगा क्योंकि अमीर लोगों के पास डॉक्युमेंट्स होंगे. उन्होंने कहा जो लोग रिक्शा चलाते हैं, दुकानदार हैं, फैरी वाले हैं इनके पास पेपर्स नहीं होंगे ये लोग कहां से पेपर दिखायेंगे.

Former IAS officer Gopinathan
शाहीन बाग पहुंचे IAS ऑफिसर गोपीनाथ
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Published : Jan 19, 2020, 2:45 PM IST

Updated : Jan 19, 2020, 6:15 PM IST

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के विरोध में इस्तीफा देने वाले पूर्व IAS ऑफिसर कन्नन गोपीनाथन शाहीन बाग प्रदर्शन में पहुंचे. उन्होंने प्रदर्शन में बैठी महिलाओं की सराहना करते हुए कहा कि इस कानून से सबसे ज्यादा गरीब पर असर होगा. इतना ही नहीं उन्होंने महिलाओं के इतनी बड़ी तादाद में बाहर आने पर खुशी जाहिर की.

शाहीन बाग पहुंचे गोपीनाथन

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर आईएएस गोपीमाथन ने कहा कि इस कानून से सबसे ज्यादा गरीब पिसेगा क्योंकि अमीर लोगों के पास डॉक्युमेंट्स होंगे. उन्होंने कहा कि जो लोग रिक्शा चलाते हैं, दुकानदार हैं, फैरी वाले हैं इनके पास पेपर्स नहीं होंगे ये लोग कहां से पेपर दिखायेंगे. ये गरीब इंसान पर सबसे बड़ा प्रहार है.

प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे संविधान में धर्म के आधार पर लोंगों को नहीं बांटा जाएगा. उन्होंने सरकार की नीयत पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि सरकार को अगर हिंदुओं को ही नागरिकता देनी थी जो थ्योरी सरकार की है कि हिन्दू राष्ट्र बनायेंगे तो श्रीलंका का नाम क्यों नहीं दिया. वहां तो सबसे ज्यादा हिन्दू हैं क्योकि ये जानबूझकर ऐसे देशों को नाम लाये जो मुस्लिम देश थे ताकि धर्म की आड़ में लोगों में फर्क पैदा किया जा सके.

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के विरोध में इस्तीफा देने वाले पूर्व IAS ऑफिसर कन्नन गोपीनाथन शाहीन बाग प्रदर्शन में पहुंचे. उन्होंने प्रदर्शन में बैठी महिलाओं की सराहना करते हुए कहा कि इस कानून से सबसे ज्यादा गरीब पर असर होगा. इतना ही नहीं उन्होंने महिलाओं के इतनी बड़ी तादाद में बाहर आने पर खुशी जाहिर की.

शाहीन बाग पहुंचे गोपीनाथन

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर आईएएस गोपीमाथन ने कहा कि इस कानून से सबसे ज्यादा गरीब पिसेगा क्योंकि अमीर लोगों के पास डॉक्युमेंट्स होंगे. उन्होंने कहा कि जो लोग रिक्शा चलाते हैं, दुकानदार हैं, फैरी वाले हैं इनके पास पेपर्स नहीं होंगे ये लोग कहां से पेपर दिखायेंगे. ये गरीब इंसान पर सबसे बड़ा प्रहार है.

प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे संविधान में धर्म के आधार पर लोंगों को नहीं बांटा जाएगा. उन्होंने सरकार की नीयत पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि सरकार को अगर हिंदुओं को ही नागरिकता देनी थी जो थ्योरी सरकार की है कि हिन्दू राष्ट्र बनायेंगे तो श्रीलंका का नाम क्यों नहीं दिया. वहां तो सबसे ज्यादा हिन्दू हैं क्योकि ये जानबूझकर ऐसे देशों को नाम लाये जो मुस्लिम देश थे ताकि धर्म की आड़ में लोगों में फर्क पैदा किया जा सके.

Intro:नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के विरोध में इस्तीफा देने वाले पूर्व IAS ऑफिसर कन्नन गोपीनाथन शाइन बाग प्रदर्शन में पहुंचे और वहां बैठी महिलाओं की सराहना करते हुये IAS गोपीनाथन ने कहां कि इस कानून से सबसे ज्यादा गरीब पर असर होगा।Body:गौरतलब है कि पिछले 36 दिनों से चल रहे प्रोटेस्ट के बीच शाइन बाग में बैठी महिलाओं को तमाम बड़े लोगों का समर्थन मिला है । इन महिलाओं से पूर्व IAS ऑफिसर कन्नन गोपीनाथन भी मिलने पहुंचे उन्होंने महिलाओं इतनी बड़ी तादात में बाहर आने पर खुशी जाहिर की और उनको बताया कि सभी इस कानून के आप लोगों के साथ हैं।

CAA-NRC से गरीब लोंगों पर असर
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर आईएएस गोपीमाथन ने कहा कि इस कानून से सबसे ज्यादा गरीब पिसेगा क्योंकि अमीर लोगों के पास डॉक्युमेंट्स होंगे लेकिन जो लोग रिक्शा चलाते हैं, दुकानदार हैं , फैरी वाले हैं इनके पास पेपर्स नहीं होंगे ये लोग कहां से पेपर दिखायेंगे। ये गरीब इंसान पर सबसे बड़ा प्रहार है।

मजहब के आधार पर बांटने से ये कानून असंवैधानिक होता है
आइएएस ने बताया कि हमारे संविधान में धर्म के आधार पर लोंगों को नहीं बांटा जाएगा लेकिन ये सरकार जिस तरह मुस्लिम देशों के नाम कानून में लाई है कि वहां अल्पसंख्यकों को नागरिकता दी जाएगी और उसमें मुसलमान का नाम नहीं है उससे ये साफ जाहिर है कि सरकार की मंशा गलत है। उनहोंने आगे कहा कि अगर हिन्दुआों को ही नागरिकता देनी थी जो थ्योरी सरकार की है कि हिन्दू राष्ट्र बनायेंगे तो श्रीलंका का नाम क्यों नहीं दिया वहां तो सबसे ज्यादा हिन्दू हैं क्योकि ये जानबूझकर ऐसे देशों को नाम लाये जो मुस्लिम देश थे ताकि धर्म की आड़ में लोगों में फर्क पैदा किया जा सके।

कश्मीर का मुद्दा ना उठने से थे नाराज़
लोंगो को सं बात करते हुये मंच से उन्होंने कहा कि में कश्मीर में जो भी हुआ संविधानिक ढ़ाचे का टूटना था उस वक्त आवाज़ नहीं उठने से में नाराज़ था अगर उस समय इसी तरह कीआवाज़ उठायी होती तो शायद आज कशमीर फ्री होता । उन्होंने बताया कि आज 160 दिन होने के बाद भी कश्मीर की हालत वेसी ही है लोंगों को हिरासत में रखा गया है वहां मोबाइल नेटवर्क सब बंद है वहां लोकतंत्र को बुरी तरह क्षति पहुंचाई गई। लोग कहते है कि कश्मीर हमारा हिस्सा है क्या कभी किसी पूछा वहां कैसे हालात हैं जो सरकार कहती गई सब मानते गये।

गोपीनाथन ने कहा बेवकूफों की सरकार
मंच से पूर्व IPS ने कहा कि अमित शाह बोलते है कि NRC तो जरूर आयेगा और एक इंच पीछे नहीं हटेंगे उनको बताओ कि वह काफी पीछे हट चुके हैं। डिटेंशन सेंटर पर उन्होंने कहा कि यदि CAA के बाद 2 करोंड़ लोग लिस्ट से बाहर हुये तो क्या करेंगे उनका पाकिस्तान तो नहीं लेगा, अफगानिस्तान भी नहीं लेगा फिर डिटेंशन सेंटर में डालोगे तो दिल्ली जैसा प्रदेश देना पड़ेगा । आगे उन्होंने कहा कि जो लोग बाहर से आयेंगे उनकी जांच केसे होगी कैसे पता करेंगे वो रिफ्यूजी कौन है उसकी कोई तैयारी सरकार ने नहीं की इसलिये ये फांसीवादी ,हिटलर नहीं बल्कि बेवकूफ सरकार है।Conclusion:आपको बता दें कि शाइन बाग और जामिया में चल रहे प्रदर्शन में तमाम बड़े लोग अपनी बात रखने आ रहे हैं और इस असंवैधीनिक कानून के खिलाफ चल रही लड़ाई में एकजुट होकर साथ दे रहे हैं। प्रदर्शकारियों का कहना कि जब तक कानून नहीं हटेगा हम पीछे नहीं हटेंगे।
Last Updated : Jan 19, 2020, 6:15 PM IST
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