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सोनू सूद की मदद से फिलीपींस से 5 बच्चे पहुंचे भारत, जल्द होगा लिवर ट्रांसप्लांट

बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद ने बृहस्पतिवार को ऐलान किया कि वह लिवर ट्रांसप्लांट सर्जरी के लिए 39 बच्चों को फिलीपींस से नई दिल्ली लाने के लिए व्यवस्था करेंगे. इसके अंतर्गत 5 बच्चों को सोनू सूद ने प्राइवेट चार्टर्ड प्लेन भेजकर उन्हें दिल्ली लाने में मदद की. इनका ऑपरेशन साकेत के मैक्स हॉस्पिटल में होगा.

five infants reached delhi for liver transplant surgery with the help of sonu sood
पांच बच्चों को सोनू सूद के चार्टर प्लेन से लाया गया दिल्ली
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Published : Aug 18, 2020, 8:04 AM IST

Updated : Aug 18, 2020, 10:51 AM IST

नई दिल्ली: कोरोना महामारी के कठीन समय में सामाजिक कार्यों को कर बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद सुर्खियां बटोर रहे हैं. बीते गुरुवार को सोनू ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट साझा किया था, जिसमें उन्होंने फिलीपींस से 39 छोटे बच्चों को देश की राजधानी दिल्ली लाने का फैसला किया है. यह बच्चे लिवर की समस्या से जूझ रहे हैं और इसके इलाज के लिए इन्हें दिल्ली लेकर आना जरूरी है.

पांच बच्चों को सोनू सूद के चार्टर प्लेन से लाया गया दिल्ली

पांच बच्चों का होगा लिवर ट्रांसप्लांट

दुर्लभ लिवर बीमारी से पीड़ित फिलीपींस के 39 छोटे बच्चों में से पांच बच्चों का साकेत के मैक्स हॉस्पिटल में अनोखा और बेहद जोखिम और चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन होना है. इन पांचों बच्चों का लिवर ट्रांसप्लांट होना है, इन बच्चों की उम्र 2 महीने से लेकर 6 साल के बीच है. ये बेहद गरीब परिवार से हैं. इन बच्चों की मां ने ही इन्हें अपने लिवर का एक हिस्सा डोनेट किया है. लॉकडाउन की वजह से मनीला और दिल्ली के बीच फ्लाइट सेवा बंद होने की वजह से मशहूर अभिनेता सोनू सूद ने प्राइवेट चार्टर्ड प्लेन भेजकर उन्हें दिल्ली लाने में बड़ी मदद की. जल्दी ही इन बच्चों का साकेत मैक्स हॉस्पिटल में लिवर ट्रांसप्लांट किया जायेगा.




(फिक्की) फिलीपींस कर रहा मदद



बच्चों का लिवर ट्रांसप्लांट फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स ऑफ द फिलीपींस की मदद से किया जा रहा है. इनकी मदद से ही ये बच्चे अपने माता-पिता के साथ इलाज कराने के लिए भारत आए हैं. इनके इलाज का खर्चा फेडरेशन और वहां की सरकार मिलकर उठा रही है. मनीला और दिल्ली के बीच में कोई सीधी फ्लाईट कोरोना महामारी की वजह से नहीं होने के चलते मशहूर फिल्मकार सोनू सूद ने उन्हें दिल्ली लाने के लिए विशेष चार्टर प्लेन भेजा, जिससे वह अपने परिवार के साथ यहां आ सके.

  • Let’s save these precious lives.

    Will get them to India in the next two days.

    Lining up for these 39 angels.

    Pack their bags. ✈️ https://t.co/oY700MN4B2

    — sonu sood (@SonuSood) August 13, 2020 ़" class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ़">

क्या है बिलिअरी अट्रीसिया (Biliary Atresia) बीमारी?
साकेत मैक्स हॉस्पिटल के इंस्टिट्यूट ऑफ लीवर एंड बिलिअरी साइंसेज के चेयरमैन डॉ. सुभाष गुप्ता बताते हैं कि बिलियरी अट्रीसिया एक दुर्लभ बीमारी है, जो नवजात बच्चों को होती है. बच्चे के जन्म के 2 से 8 हफ्ते के अंदर इस बीमारी के लक्षण दिखने लगते हैं. लीवर से एक तरह का तरल पदार्थ निकलता है. इसे बाइल कहा जाता है, जो भोजन को पचाने में मदद करता है. बाइल वसा को बचाता है और लीवर की गंदगी और अपशिष्ट पदार्थों को इंटेस्टाइन की तरफ धकेलता है. बिलिअरी अट्रीसिया बीमारी में यही बाइल डक्ट बंद हो जाता है. इसकी वजह से अपशिष्ट पदार्थ लीवर में ही फंसा रह जाता है. जिससे लिवर सिरोसिस की समस्या पैदा हो जाती है. अगर समय रहते इलाज नहीं किया जाए तो लिवर फैलियर हो जाता है.
नवजात बच्चों का सफल लिवर ट्रांसप्लांट करना जंग जितने जैसा
डॉ. सुभाष गुप्ता इन बच्चों का लिवर ट्रांसप्लांट करने वाले हैं. उन्होंने कहा कि नवजात बच्चों का सफलतापूर्वक लिवर ट्रांसप्लांट करना एक बहुत बड़ा जंग जीत लेने जैसा होता है. इसके लिए बेहतरीन पीडियाट्रिक टीम का होना बहुत जरूरी है. लॉकडाउन की वजह से इन नवजात बच्चों की सर्जरी में पहले ही 2 महीने देर हो चुकी है. हमें इस बात की खुशी है कि आखिरकार इन बच्चों को दिल्ली लिवर ट्रांसप्लांट के लिए ले जाया गया है. जितना जल्दी हो सकें, उतनी जल्दी इन बच्चों का ट्रांसप्लांट कर इन्हें नहीं जिंदगी देने की कोशिश शुरू हम करेंगे. सभी बच्चे जिनका लिवर ट्रांसप्लांट होना है, वे डॉ. शरद वर्मा की निगरानी में हैं.

नई दिल्ली: कोरोना महामारी के कठीन समय में सामाजिक कार्यों को कर बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद सुर्खियां बटोर रहे हैं. बीते गुरुवार को सोनू ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट साझा किया था, जिसमें उन्होंने फिलीपींस से 39 छोटे बच्चों को देश की राजधानी दिल्ली लाने का फैसला किया है. यह बच्चे लिवर की समस्या से जूझ रहे हैं और इसके इलाज के लिए इन्हें दिल्ली लेकर आना जरूरी है.

पांच बच्चों को सोनू सूद के चार्टर प्लेन से लाया गया दिल्ली

पांच बच्चों का होगा लिवर ट्रांसप्लांट

दुर्लभ लिवर बीमारी से पीड़ित फिलीपींस के 39 छोटे बच्चों में से पांच बच्चों का साकेत के मैक्स हॉस्पिटल में अनोखा और बेहद जोखिम और चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन होना है. इन पांचों बच्चों का लिवर ट्रांसप्लांट होना है, इन बच्चों की उम्र 2 महीने से लेकर 6 साल के बीच है. ये बेहद गरीब परिवार से हैं. इन बच्चों की मां ने ही इन्हें अपने लिवर का एक हिस्सा डोनेट किया है. लॉकडाउन की वजह से मनीला और दिल्ली के बीच फ्लाइट सेवा बंद होने की वजह से मशहूर अभिनेता सोनू सूद ने प्राइवेट चार्टर्ड प्लेन भेजकर उन्हें दिल्ली लाने में बड़ी मदद की. जल्दी ही इन बच्चों का साकेत मैक्स हॉस्पिटल में लिवर ट्रांसप्लांट किया जायेगा.




(फिक्की) फिलीपींस कर रहा मदद



बच्चों का लिवर ट्रांसप्लांट फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स ऑफ द फिलीपींस की मदद से किया जा रहा है. इनकी मदद से ही ये बच्चे अपने माता-पिता के साथ इलाज कराने के लिए भारत आए हैं. इनके इलाज का खर्चा फेडरेशन और वहां की सरकार मिलकर उठा रही है. मनीला और दिल्ली के बीच में कोई सीधी फ्लाईट कोरोना महामारी की वजह से नहीं होने के चलते मशहूर फिल्मकार सोनू सूद ने उन्हें दिल्ली लाने के लिए विशेष चार्टर प्लेन भेजा, जिससे वह अपने परिवार के साथ यहां आ सके.

  • Let’s save these precious lives.

    Will get them to India in the next two days.

    Lining up for these 39 angels.

    Pack their bags. ✈️ https://t.co/oY700MN4B2

    — sonu sood (@SonuSood) August 13, 2020 ़" class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ़">

क्या है बिलिअरी अट्रीसिया (Biliary Atresia) बीमारी?
साकेत मैक्स हॉस्पिटल के इंस्टिट्यूट ऑफ लीवर एंड बिलिअरी साइंसेज के चेयरमैन डॉ. सुभाष गुप्ता बताते हैं कि बिलियरी अट्रीसिया एक दुर्लभ बीमारी है, जो नवजात बच्चों को होती है. बच्चे के जन्म के 2 से 8 हफ्ते के अंदर इस बीमारी के लक्षण दिखने लगते हैं. लीवर से एक तरह का तरल पदार्थ निकलता है. इसे बाइल कहा जाता है, जो भोजन को पचाने में मदद करता है. बाइल वसा को बचाता है और लीवर की गंदगी और अपशिष्ट पदार्थों को इंटेस्टाइन की तरफ धकेलता है. बिलिअरी अट्रीसिया बीमारी में यही बाइल डक्ट बंद हो जाता है. इसकी वजह से अपशिष्ट पदार्थ लीवर में ही फंसा रह जाता है. जिससे लिवर सिरोसिस की समस्या पैदा हो जाती है. अगर समय रहते इलाज नहीं किया जाए तो लिवर फैलियर हो जाता है.
नवजात बच्चों का सफल लिवर ट्रांसप्लांट करना जंग जितने जैसा
डॉ. सुभाष गुप्ता इन बच्चों का लिवर ट्रांसप्लांट करने वाले हैं. उन्होंने कहा कि नवजात बच्चों का सफलतापूर्वक लिवर ट्रांसप्लांट करना एक बहुत बड़ा जंग जीत लेने जैसा होता है. इसके लिए बेहतरीन पीडियाट्रिक टीम का होना बहुत जरूरी है. लॉकडाउन की वजह से इन नवजात बच्चों की सर्जरी में पहले ही 2 महीने देर हो चुकी है. हमें इस बात की खुशी है कि आखिरकार इन बच्चों को दिल्ली लिवर ट्रांसप्लांट के लिए ले जाया गया है. जितना जल्दी हो सकें, उतनी जल्दी इन बच्चों का ट्रांसप्लांट कर इन्हें नहीं जिंदगी देने की कोशिश शुरू हम करेंगे. सभी बच्चे जिनका लिवर ट्रांसप्लांट होना है, वे डॉ. शरद वर्मा की निगरानी में हैं.
Last Updated : Aug 18, 2020, 10:51 AM IST
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