नई दिल्ली: राजधानी में 8 फरवरी को विधानसभा चुनाव होना है और चुनावी बिगुल पूरी तरीके से जोर पकड़ चुका है. दिल्ली में 8 फरवरी को मतदान होगा और 11 फरवरी को नतीजे घोषित किए जाएंगे. इस बार चुनाव आयोग की तरफ से शत प्रतिशत मतदान कराने की कोशिश की जा रही है.
दिल्ली चुनाव आयोग के CEO रणबीर सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि चुनाव की तैयारियां जोर शोर से चल रही है और कोशिश है कि पिछले सारे रिकार्ड इस बार तोड़ दिए जाएं.
साल 2015 में हुआ था 60.50 फीसदी मतदान
आपको बता दें कि दिल्ली में साल 2014 के लोकसभा चुनाव में करीब 65 फ़ीसदी मतदान हुआ था और वहीं साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भी 60% मतदान हुआ था यानी कि साफ जाहिर है कि 2014 के मुकाबले 2019 में 5 फ़ीसदी मतदान घट गया था और दिल्ली में साल 2015 के विधानसभा चुनाव में 60.50 फ़ीसदी मतदान हुआ था.
इस बार चुनाव आयोग की तरफ से लगातार कोशिश की जा रही है कि सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए जाए. इसके लिए नुक्कड़ नाटक के साथ-साथ और भी कई सारी गतिविधियां लगातार चुनाव आयोग की तरफ से चलाई जा रही है.
दिल्ली में 2.30 लाख नए मतदाता
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए दिल्ली इलेक्शन कमिशन के सीईओ रणवीर सिंह ने बताया कि दिल्ली में इस बार करीब 2 लाख 30 हजार नए मतदाता बने हैं. उन्हें ईवीएम के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है तो इसके लिए पूरी दिल्ली में 140 मोबाइल वैन लगाई गई हैं जो लोगों के घरों में जाकर यह बता रही हैं कि किस तरीके से उन्हें इस बार मतदान करना है और इस बार मतदान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन ईवीएम होगां जिसे VVPAT भी कहा जा सकता है.
वही बुजुर्गों के लिए दिल्ली चुनाव आयोग की तरफ से वोट डलवाने की प्रक्रिया मुफ्त होगी. दिल्ली चुनाव आयोग का दावा है कि जो भी व्यक्ति अगर घर से ही पिक और ड्रॉप चाहता है तो उसे चुनाव आयोग की तरफ से सुविधा मुहैया कराई जाएगी. बशर्ते उसे 1950 पर फोन करके जानकारी देनी होगी या फिर इच्छुक व्यक्ति अपने नजदीकी बीएलओ से संपर्क कर सकता है और मतदान बूथ पर खाने-पीने की भी सारी व्यवस्थाएं चुनाव आयोग की तरफ से कर ली गई है.