नई दिल्लीः सफदरजंग अस्पताल में दिन की ओपीडी में इलाज के लिए पंजीकरण बंद होने के बाद मरीजों को परेशान नहीं होना पड़ेगा. इसके लिए अगले माह एक अक्टूबर से सफदरजंग अस्पताल में शाम की ओपीडी शुरू होगी. यह ओपीडी अस्पताल में कोरोना के इलाज के लिए बने मेक शिफ्ट सेंटर में चलेगी. इसमें मेडिसिन, जनरल सर्जरी और पीडियाट्रिक इन तीन विभागों की ओपीडी होगी. इससे सामान्य बीमारियों से पीड़ित होने वाले ज्यादातर मरीज इस ओपीडी में अपना इलाज करा सकेंगे. यह जानकारी सफदरजंग अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डॉ. वंदना तलवार ने दी. यह पहला सरकारी अस्पताल होगा, जहां शाम तक ओपीडी सेवा उपलब्ध होगी.
उन्होंने करीब तीन माह पहले ही अस्पताल में चिकित्सा अधीक्षक की कमान संभाली है. वह सफदरजंग अस्पताल की पहली महिला चिकित्सा अधीक्षक हैं. उन्होंने बताया कि अभी अस्पताल की जनरल ओपीडी में इलाज के लिए दिन में 11.30 बजे तक पंजीकरण होता है. इसके बाद इमरजेंसी में भीड़ बढ़ जाती है. कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए स्पोर्ट्स इंजरी सेंटर के पास मेक शिफ्ट सेंटर बनाया गया था. इसमें 28 आइसीयू बेड और वेंटिलेटर थे.इस वेंटिलेटर को मेडिसिन विभाग के आइसीयू में स्थानांतरित कर दिया गया है, लेकिन मेक शिफ्ट सेंटर अभी बंद पड़ा है. इसमें शाम की ओपीडी शुरू की जाएगी. इसके लिए दिन में 11.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक ओपीडी पंजीकरण होगा और दोपहर 12 बजे से छह बजे तक डाक्टर मरीज देखेंगे. इससे मरीजों को फायदा होगा और इमरजेंसी में भीड़ कम हो जाएगी.
उन्होंने बताया कि जनरल ओपीडी को भी व्यवस्थित बनाने के लिए सभी सुपर स्पेशियलिटी विभागों की ओपीडी को सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक में स्थानांतरित किया जाएगा. पहले चरण में इंडोक्रिनोलाजी और गैस्ट्रोलाजी विभाग स्थानांतरित किए जाएंगे. इससे गायनी विभाग और योग के लिए अतिरिक्त जगह उपलब्ध हो जाएगी. दूसरे चरण में मेडिकल आंकोलाजी और हेमेटोलाजी विभाग को स्थानांतरित किए जाने के लिए चर्चा चल रही है. इसके अलावा प्राइवेट ओपीडी में भी इलाज की सुविधा जल्द शुरू होगी. इसमें दस रुपये पंजीकरण शुल्क लगेगा.
इमरजेंसी में होगी सुरक्षा जांच
उन्होंने बताया कि अस्पताल में मौजूद 500 बेड की इमरजेंसी ब्लाक में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई जाएगी. इसके लिए इमरजेंसी ब्लाक के भूतल पर सेना से सेवानिवृत सुरक्षा कर्मियों को तैनात करने के लिए बातचीत चल रही है. इमरजेंसी में पहुंचने वाले मरीजों और स्वजनों की सुरक्षा जांच होगी. एक मरीज के साथ एक स्वजन को अस्पताल में प्रवेश की स्वीकृति मिलेगी.
कुत्तों के काटने को लेकर शुरू होगा नया क्लीनिक
सफदरजंग अस्पताल में बड़ी संख्या में कुत्तों के कोटने के पीड़ित लोग रेबीज का टीका लगवाने के लिए पहुंचते हैं. इस वजह से टीका लगवाने के लिए पहुंचे लोगों को लंबी लाइन में देर तक इंतजार करना पड़ता है. मौजूदा समय में इमरजेंसी ब्लॉक में इसके लिए क्लीनिक चलाया जाता है. अस्पताल प्रशासन के अनुसार प्रतिदिन करीब 300 लोग रेबीज का टीका लगवाने के लिए पहुंचते हैं. इसे ध्यान में रखते हुए मेक शिफ्ट अस्पताल में रेबीज का टीका लगाने के लिए एक अलग क्लीनिक जल्द शुरू किया जाएगा. रेबीज से बचाव के लिए शुरुआती टीके इमरजेंसी ही लगेंगे. इसके बाद के टीके मेक शिफ्ट सेंटर में लगाया जाएगा.
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