नई दिल्ली: देश के अलग-अलग राज्यों में इनफ्लुएंजा वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन यह वायरस पहले के मुकाबले ज्यादा खतरनाक है. इस बार इसका शिकार होने पर मरीज को ना सिर्फ तेज बुखार बल्कि लंबे वक्त तक खांसी जैसी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ सकता है. दिल्ली एनसीआर के लोगों में सीने में जकड़न जैसी समस्याएं सामने आ रही हैं. इसे लेकर दिल्ली एम्स मेडिसन विभाग के डॉ पीयूष रंजन ने बताया कि, H3N2 वैरीएंट के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है. बीते दो-तीन महीनों में H3N2 वायरस बहुत तेजी से फैला है. इसके लक्षण हैं- दो-तीन दिन तक तेज बुखार, शरीर और सिर में दर्द, गले में खराश और दो-तीन सप्ताह तक लगातार खांसी आना.
उन्होंने बताया कि, अस्पताल आने वाले मरीजों में वायरल फीवर, सर्दी-खांसी, फेफड़ों में एलर्जी जैसे मामले बहुत ज्यादा आ रहे हैं. मौजूदा वक्त में बदलता मौसम भी काफी हद तक इसका जिम्मेदार है. इसके अलावा प्रदूषण भी परेशानी की वजह बना हुआ है. यह कोविड-19 वायरस की तुलना में उतना घातक नहीं है. इस संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा बुजुर्गों, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को है. वहीं अस्थमा और सांस लेने में परेशानी जैसी बीमारियों से जूझ रहे लोगों को भी इस वायरस से खतरा है. अगर लोगों को अस्थमा जैसी गंभीर परेशानी है तो इस मौसम में ज्यादा सावधानी बरतें वरना यह अस्थमा अटैक का कारण बन सकता है.
यह भी पढ़ें-एम्स मीडिया सेल की इंचार्ज बनीं डॉक्टर रीमा दादा, डॉ नंदकुमार को भी मिली नई जिम्मेदारी
डॉक्टर पीयूष रंजन के मुताबिक, इस वायरस के लक्षण ठंड लगना, खांसी, बुखार, जी मिचलाना, उल्टी, गले में दर्द, गले में खराश, मांसपेशियों और शरीर में दर्द, डायरिया, छींक आना और नाक बहना आदी हैं. यदि किसी व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई सीने में दर्द या बेचैनी का अनुभव हो रहा है और लगातार बुखार आ रहा है तो समय रहते डॉक्टर को दिखाना बहुत जरूरी है.
H3N2 इनफ्लुएंजा वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में खांसने, छींकने या किसी संक्रमित व्यक्ति द्वारा बात करने पर निकलने वाली बूंदों के माध्यम से फैल सकता है. यह तब भी फैलता है, जब कोई किसी संक्रमित सतह के संपर्क में आने के बाद अपने मुंह या नाक को छूता है. गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों, बुजुर्ग और अंतर्निहित चिकित्सा समस्या वाले व्यक्तियों को इस बीमारी का अधिक खतरा होता है. इसलिए इस बीमारी से अगर बचना है तो अपने हाथ को नियमित रूप से पानी या साबुन से धोएं और फेस मास्क पहनें. साथ ही भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें और अपनी नाक और मुंह को बिना हाथ धोए न छुएं.
यह भी पढ़ें-दिल्ली: एम्स नर्सिंग ऑफिसर द्वारा बनाई गई पेंटिंग्स को इंडिया हैबिटेट सेंटर में किया गया प्रदर्शित