नई दिल्ली : दिल्ली के सफदरजंग और एम्स अस्पताल के पास करीब चार साल पहले एक रेड लाइट हुआ करती थी, जिससे सफदरजंग से एम्स और एम्स से सफदरजंग अस्पताल आने-जाने वाले लोगों को काफी सहूलियत होती थी. लेकिन रेड लाइट को चार साल पहले बंद कर दिया गया. स्थानीय लोगों और दुकानदारों की शिकायत पर शासन-प्रशासन से यहां पर फुट ओवरब्रिज बनाने का प्रस्ताव रखा गया. फुट ओवरब्रिज बनाने के लिए बजट भी पास कर दिया गया, लेकिन अभी तक यहां पर लोगों की सहूलियत के लिए कोई भी फुटओवर ब्रिज नहीं बनाया है.
ईटीवी भारत की टीम ने वहां के लोगों से बात की तो उनका कहना था कि हमें काफी परेशानी और दिक्कत होती हैं. कई बार तो ऐसा देखने को मिलता है कि लोग सड़क के बीच में बनी रेलिंग के ऊपर से चढ़कर सड़क क्रॉस करते हैं. कई बार हादसा भी हो जाता है. मेडिकल एसोसिएशन के प्रेसिडेंट रमेश भूटानी ने बताया कि आज से करीब 4 साल पहले यहां पर रेड लाइट हुआ करती थी, लोग पैदल सड़क को क्रॉस करते थे. तब लोगों को सड़क पार करने में काफी सहूलियत होती थी. लोगों का समय बचता था, लेकिन एनडीएमसी ने यहां के रेड लाइट को बंद करवा दिया. इससे लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
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उन्होंने कहा कि हम लोगों ने एनडीएमसी को अपनी समस्या बताए, जिसके बाद यहां पर फुट ओवरब्रिज बनाने का प्रस्ताव पास कर दिया गया, लेकिन अभी तक कोई फुट ओवर ब्रिज नहीं बनाया गया. अब हालत यह है कि लोगों को सफदरजंग अस्पताल से एम्स काफी कठिन हो गया है. लोग जल्दबाजी में रेलिंग क्रॉस करते हैं और हादसे का शिकार हो जाते हैं. कई बार अधिकारियों से बात भी हो चुकी हैं, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है. कई अधिकारी तो ऐसे हैं जो फोन नहीं उठाते हैं. हमारी मांग है कि यहां पर एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल जाने के लिए फुटओवर ब्रिज का निर्माण कराया जाए, जिससे लोगों को राहत मिल सके.
स्थानीय निवासी रमेश कुमार ने बताया कि एनडीएमसी अगर यहां पर फुट ओवरब्रिज बना देती है तो मरीजों के तीमारदारों, डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ को सड़क से दूसरी तरफ जाने वाले लोगों को सहूलियत मिलेगी. हम लोग काफी लंबे समय से फुट ओवरब्रिज बनवाने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. इसका बजट भी सेंशन कर दिया गया है उसके बावजूद भी फुट ओवरब्रिज नहीं बनाया गया है.
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