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सरकार के वादे के बाद भी कागजी कार्रवाई में अटका रेहड़ी पटरी वालों का लोन

जहां केंद्र सरकार की तरफ से बड़ा ऐलान किया गया कि बिना पहचान पत्र और विक्रय प्रमाण पत्र के बिना ठेले, रेहड़ी, पटरी वालों को ये ₹10,000 का कर्ज दिया जाएगा. वहीं रेहड़ी पटरी वालों का कहना है कि जब उन्होंने इसके लिए आवेदन किया, तो उनसे कई कागजात मांगे जा रहे हैं. नगर निगम समेत कई पर्चियां दिखाने को कहा जा रहा है.

Delhi Street vendors not getting loan due to lack of documentation
रेहड़ी पटरी वालों का लोन
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Published : Sep 1, 2020, 10:41 AM IST

नई दिल्ली: कोरोना काल में आर्थिक संकट से उभारने के लिए केंद्र और दिल्ली सरकार की तरफ से दिल्ली के लाखों रेहड़ी पटरी वालों को लोन दिए जाने की घोषणा की गई है. जिसके अंतर्गत दिल्ली सरकार रेहड़ी पटरी वालों को 20,000 रुपये और केंद्र सरकार 'प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना' के अंतर्गत 10,000 रुपये का लोन देगी, लेकिन घोषणा के करीब 1 महीने बीत जाने के बाद भी ये लोन अभी कागजी कार्रवाई में ही अटका हुआ है.

कागजी कार्रवाई में अटका लोन




प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के अंतर्गत 10 हजार का लोन


जहां केंद्र सरकार की तरफ से बड़ा ऐलान किया गया कि बिना पहचान पत्र और विक्रय प्रमाण पत्र के बिना ठेले, रेहड़ी, पटरी वालों को ये ₹10,000 का कर्ज दिया जाएगा. वहीं रेहड़ी पटरी वालों का कहना है कि जब उन्होंने इसके लिए आवेदन किया, तो उनसे कई कागजात मांगे जा रहे हैं. नगर निगम समेत कई पर्चियां दिखाने को कहा जा रहा है. जिसे दिए जाने के बाद भी कागज पर्याप्त नहीं पढ़ रहे हैं.


केवल 1 लाख रेहड़ी पटरी वाले हैं पंजीकृत


वहीं दिल्ली सरकार की तरफ से भी रेहड़ी पटरी वालों को ये सहायता दिए जाने की घोषणा की गई. राजधानी में करीब 5 लाख रेहड़ी पटरी वाले हैं, लेकिन दिल्ली नगर निगम के पास करीब डेढ़ लाख की रेहड़ी पटरी वाले पंजीकृत हैं. ऐसे में जो लोग पंजीकृत नहीं है. उन्हें लोन लेने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.



रेहड़ी पटरी वालों से मांगे जा रहे अलग-अलग दस्तावेज


सरोजनी नगर मार्केट में पटरी लगाने वाले श्रवण कुमार ने बताया कि लोन के लिए जब उन्होंने अप्लाई किया, तो उनसे ₹100 वाली पर्ची मांगी गई. इसके अलावा कई तरीके के दस्तावेज देने को कहा गया है, लेकिन हर किसी के पास सभी दस्तावेज नहीं है. इसके अलावा पिछले 25 सालों से मार्केट में चप्पलों की पटरी लगा रही शीला ने कहा कि लॉकडाउन के समय काफी परेशानी हुई. मार्केट पूरी तरीके से बंद थी कोई काम धंधा नहीं था और अब जब मार्केट खुली है, तो काम नहीं है.

सभी दस्तावेज जमा करवाने के बाद भी नहीं मिला लोन


इसी बीच सरकार की तरफ से लोन देने की घोषणा की गई, तो कुछ राहत की उम्मीद जगी. उन्होंने कहा कि उनके पास सभी दस्तावेज हैं, जो जमा करने के बाद भी लोन नहीं मिला है. हमने अलग-अलग रेहड़ी पटरी वालों से बात की. जिसमें से कई पटरी वालों के पास दस्तावेज की कमी के चलते लोन के लिए आवेदन नहीं हो पा रहा है. वहीं जिनके पास सभी दस्तावेज हैं. उन्होंने आवेदन कर दिया है, लेकिन लोन अभी तक नहीं मिला.

नई दिल्ली: कोरोना काल में आर्थिक संकट से उभारने के लिए केंद्र और दिल्ली सरकार की तरफ से दिल्ली के लाखों रेहड़ी पटरी वालों को लोन दिए जाने की घोषणा की गई है. जिसके अंतर्गत दिल्ली सरकार रेहड़ी पटरी वालों को 20,000 रुपये और केंद्र सरकार 'प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना' के अंतर्गत 10,000 रुपये का लोन देगी, लेकिन घोषणा के करीब 1 महीने बीत जाने के बाद भी ये लोन अभी कागजी कार्रवाई में ही अटका हुआ है.

कागजी कार्रवाई में अटका लोन




प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के अंतर्गत 10 हजार का लोन


जहां केंद्र सरकार की तरफ से बड़ा ऐलान किया गया कि बिना पहचान पत्र और विक्रय प्रमाण पत्र के बिना ठेले, रेहड़ी, पटरी वालों को ये ₹10,000 का कर्ज दिया जाएगा. वहीं रेहड़ी पटरी वालों का कहना है कि जब उन्होंने इसके लिए आवेदन किया, तो उनसे कई कागजात मांगे जा रहे हैं. नगर निगम समेत कई पर्चियां दिखाने को कहा जा रहा है. जिसे दिए जाने के बाद भी कागज पर्याप्त नहीं पढ़ रहे हैं.


केवल 1 लाख रेहड़ी पटरी वाले हैं पंजीकृत


वहीं दिल्ली सरकार की तरफ से भी रेहड़ी पटरी वालों को ये सहायता दिए जाने की घोषणा की गई. राजधानी में करीब 5 लाख रेहड़ी पटरी वाले हैं, लेकिन दिल्ली नगर निगम के पास करीब डेढ़ लाख की रेहड़ी पटरी वाले पंजीकृत हैं. ऐसे में जो लोग पंजीकृत नहीं है. उन्हें लोन लेने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.



रेहड़ी पटरी वालों से मांगे जा रहे अलग-अलग दस्तावेज


सरोजनी नगर मार्केट में पटरी लगाने वाले श्रवण कुमार ने बताया कि लोन के लिए जब उन्होंने अप्लाई किया, तो उनसे ₹100 वाली पर्ची मांगी गई. इसके अलावा कई तरीके के दस्तावेज देने को कहा गया है, लेकिन हर किसी के पास सभी दस्तावेज नहीं है. इसके अलावा पिछले 25 सालों से मार्केट में चप्पलों की पटरी लगा रही शीला ने कहा कि लॉकडाउन के समय काफी परेशानी हुई. मार्केट पूरी तरीके से बंद थी कोई काम धंधा नहीं था और अब जब मार्केट खुली है, तो काम नहीं है.

सभी दस्तावेज जमा करवाने के बाद भी नहीं मिला लोन


इसी बीच सरकार की तरफ से लोन देने की घोषणा की गई, तो कुछ राहत की उम्मीद जगी. उन्होंने कहा कि उनके पास सभी दस्तावेज हैं, जो जमा करने के बाद भी लोन नहीं मिला है. हमने अलग-अलग रेहड़ी पटरी वालों से बात की. जिसमें से कई पटरी वालों के पास दस्तावेज की कमी के चलते लोन के लिए आवेदन नहीं हो पा रहा है. वहीं जिनके पास सभी दस्तावेज हैं. उन्होंने आवेदन कर दिया है, लेकिन लोन अभी तक नहीं मिला.

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