नई दिल्ली: दिल्ली के पैरामेडिकल स्टाफ बुधवार 17 जून से कोरोना शहीदों के लिए सरकार द्वारा घोषित 3 करोड़ रुपये जारी करने, कोरोना वारियर्स के लिए अस्पतालों में अलग ओपीडी और वार्ड, कॉन्ट्रैक्ट पर रखे गये स्टाफ के लिये हेल्थ कार्ड और क्वारंटाइन पॉलिसी में बदलाव करने की मांग को लेकर मूक प्रदर्शन करेंगे. अपनी बांह पर काली पट्टी बांधकर अस्पताल प्रशासन और सरकार का ध्यान खींचने का प्रयास करेंगे.
दिल्ली स्टेट पैरामेडिकल टेक्निकल एम्पलॉइज फेडरेशन के अध्यक्ष विवेक सिंह ने बताया कि सभी लोग दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में काम करते हैं. दिल्ली सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोविड आउटब्रेक होने के बाद कोविड शहीदों के परिवार के लिये एक करोड़ रुपये देने की घोषणा की थी. लेकिन तीन स्टाफ मेंबर देवेंदर सिंह, सहरन सिंह और जगप्रवेश डगर कोरोना ड्यूटी के दौरान कोविड पॉजिटिव हुए और इसकी वजह से उनकी मृत्यु हो गई. लेकिन सरकार ने अपने वादे के मुताबिक 1 करोड़ रुपये की मदद नहीं दी. सरकार जल्दी से जल्दी कोरोना शहीद के परिवार को आर्थिक मदद करे इसके लिए मूक प्रदर्शन कर सरकार का ध्यान आकर्षित किया जाएगा.
पैरामेडिकल स्टाफ के सारे खाली पद भरे जाएं
विवेक ने बताया कि दिल्ली के ज्यादातर अस्पतालों में भारी मात्रा में पैरामेडिकल स्टाफ के पद खाली पड़े हैं. स्टाफ कम होने की वजह से सीमित स्टाफ के ऊपर वर्क लोड काफी बढ़ जाता है. सारे खाली पद भरे जाने के बाद ज्यादा से ज्यादा कोविड मरीजों को सेवा दे पाएंगे.
ठेके पर रखे गए स्टाफ के लिये मिले हेल्थ कार्ड
विवेक के मुताबिक जितने भी आउटसोर्स के जरिये ठेके पर स्टाफ रखे गए हैं, उन्हें कोई भी सामाजिक सुरक्षा की सुविधा नहीं मिलती है. इसकी वजह से उनका मनोबल कम होता है. इन्हें भी अगर हेल्थ कार्ड दिया जाए जिससे बीमार होने पर उन्हें और उनके परिवार को अच्छा इलाज मिल सके.
क्वारंटाइन पॉलिसी में हो बदलाव
विवेक ने बताया कि क्वारंटाइन को लेकर सरकार को एक अच्छी गाइडलाइन जारी करनी चाहिए. डिस्पेंसरी में काम करने वाले स्टाफ जो कोविड का सैंपल कलेक्ट करते हैं, वो हाई रिस्क में होते हैं फिर भी उन्हें क्वारंटाइन सुविधा नहीं दी जाती है. इन्हें क्वारंटाइन नहीं मिलेगा तो किसे मिलेगा? जिसकी वजह से मांग पूरी नहीं होने तक प्रोटेस्ट जारी रहेगा.