ETV Bharat / state

स्वास्थ्य दूत की सेवा को मिला दिल्ली मेडिकल काउंसिल का समर्थन - Health Envoy in Delhi

दिल्ली मेडिकल काउंसिल ने दिल्ली डिस्ट्रिक्ट के मिशन स्वास्थ्य दूत का समर्थन करते हुए कहा कि आने वाले समय में ये स्वास्थ्य दूत अस्थाई अस्पतालों में सेवा देंगे. बिना लक्षणों या कम लक्षण वाले मरीजों के वाइटल पैरामीटर्स का भी ख्याल रखेंगे. जो एक बेहतर सेवा साबित होगी.

Delhi Medical Council supports
दिल्ली मेडिकल काउंसिल ने दिया मिशन स्वास्थ्य दूत को समर्थन
author img

By

Published : Jun 30, 2020, 6:20 PM IST

Updated : Jun 30, 2020, 7:24 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली मेडिकल काउंसिल ने नई दिल्ली डिस्ट्रिक्ट के मिशन स्वास्थ्य दूत योजना का समर्थन किया है. साथ ही इस मिशन के लिए कंधे से कंधा मिलाकर मदद करने की पहल की है. दिल्ली मेडिकल काउंसिल के सचिव डॉ. गिरीश त्यागी ने बताया कि दिल्ली में कोरोना के मरीजों की संख्या काफी बढ़ रही है.

दिल्ली मेडिकल काउंसिल ने दिया मिशन स्वास्थ्य दूत को समर्थन

वहीं वर्मा कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक जुलाई तक दिल्ली में 6 लाख के आसपास कोविड मरीजों की संख्या हो जाएगी. इसकी वजह से हमारे डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ और पैरामेडिकल स्टाफ की भी कमी हो रही है. कोरोना मरीजों के लिए बिस्तरों की भी कमी नजर आयी है. ऐसे हालातों से निपटने के लिए ही बारात घर, कम्युनिटी हॉल और स्टेडियम को आस्थाई अस्पताल इन बदलने का फैसला दिल्ली सरकार ने लिया है. इन जगहों पर रखे गए मरीजों के वाइटल पैरामीटर्स पर स्वास्थ्य दूत ही नजर रखेंगे.


वहीं बारात घरों, कम्युनिटी हॉल और स्टेडियम जिन्हें अस्थाई अस्पताल में कन्वर्ट किया जाएगा, वहां कम लक्षणों या बिना लक्षणों वाले मरीजों को रखा जाएगा और इनके वाइटल पैरामीटर्स पर नजर रखने के लिए स्वास्थ्य दूत रखे जाएंगे. डॉ. त्यागी ने बताया कि ये स्वास्थ्य दूत मरीजों की नब्ज, सांस और तापमान की नियमित मॉनिटरिंग करेंगे. उसकी रोजाना रिपोर्ट बनाएंगे और उसे संबंधित डॉक्टर और हेल्थ डिपार्टमेंट को भेजेंगे. मरीजों के बारे में पल-पल की जानकारी नोडल अधिकारी को दी जाएगी. आम तौर ओर 14 दिनों में इस तथ्य के मरीज ठीक होकर घर चले आते हैं.

Delhi Medical Council supports
दिल्ली मेडिकल काउंसिल का समर्थन

अस्पताल में भेजने की भी रहेगी तैयारी

डॉ. त्यागी ने बताया कि इस तरह के अस्थाई हॉस्पिटल में किसी मरीज की तबीयत अचानक खराब हो जाती है. यानी उनका ऑक्सीजन लेवल कम हो जाता है या नब्ज धीमी पड़ जाती है. साथ ही सांस लेने में दिक्कत होने लगती है तो स्वास्थ्य दूत तुरंत इसकी सूचना संबंधित विभाग और डॉक्टर को देगा. अगर मरीज को आईसीयू में एडमिट करने की जरूरत है तो उनके लिए तुरंत आईसीयू बेड तैयार कर लिया जाएगा. साथ ही इस दौरान मरीज को वहां पहले से खड़ी एम्बुलेंस से अस्पताल में ले आया जाएगा. उसके बाद प्रोटोकॉल के हिसाब से उसका इलाज शुरू कर दिया जाएगा.

सरकार की अच्छी पहल

डॉ. त्यागी में बताया कि भविष्य की योजना सरकार ने समय रहते बना ली है. अगर कोरोना के मरीजों की संख्या वर्मा कमेटी की रिपोर्ट के हिसाब से बढ़ती है तो उससे निपटने में स्वास्थ्य दूत के सहयोग से काफी मदद मिलेगी.

नई दिल्ली: दिल्ली मेडिकल काउंसिल ने नई दिल्ली डिस्ट्रिक्ट के मिशन स्वास्थ्य दूत योजना का समर्थन किया है. साथ ही इस मिशन के लिए कंधे से कंधा मिलाकर मदद करने की पहल की है. दिल्ली मेडिकल काउंसिल के सचिव डॉ. गिरीश त्यागी ने बताया कि दिल्ली में कोरोना के मरीजों की संख्या काफी बढ़ रही है.

दिल्ली मेडिकल काउंसिल ने दिया मिशन स्वास्थ्य दूत को समर्थन

वहीं वर्मा कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक जुलाई तक दिल्ली में 6 लाख के आसपास कोविड मरीजों की संख्या हो जाएगी. इसकी वजह से हमारे डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ और पैरामेडिकल स्टाफ की भी कमी हो रही है. कोरोना मरीजों के लिए बिस्तरों की भी कमी नजर आयी है. ऐसे हालातों से निपटने के लिए ही बारात घर, कम्युनिटी हॉल और स्टेडियम को आस्थाई अस्पताल इन बदलने का फैसला दिल्ली सरकार ने लिया है. इन जगहों पर रखे गए मरीजों के वाइटल पैरामीटर्स पर स्वास्थ्य दूत ही नजर रखेंगे.


वहीं बारात घरों, कम्युनिटी हॉल और स्टेडियम जिन्हें अस्थाई अस्पताल में कन्वर्ट किया जाएगा, वहां कम लक्षणों या बिना लक्षणों वाले मरीजों को रखा जाएगा और इनके वाइटल पैरामीटर्स पर नजर रखने के लिए स्वास्थ्य दूत रखे जाएंगे. डॉ. त्यागी ने बताया कि ये स्वास्थ्य दूत मरीजों की नब्ज, सांस और तापमान की नियमित मॉनिटरिंग करेंगे. उसकी रोजाना रिपोर्ट बनाएंगे और उसे संबंधित डॉक्टर और हेल्थ डिपार्टमेंट को भेजेंगे. मरीजों के बारे में पल-पल की जानकारी नोडल अधिकारी को दी जाएगी. आम तौर ओर 14 दिनों में इस तथ्य के मरीज ठीक होकर घर चले आते हैं.

Delhi Medical Council supports
दिल्ली मेडिकल काउंसिल का समर्थन

अस्पताल में भेजने की भी रहेगी तैयारी

डॉ. त्यागी ने बताया कि इस तरह के अस्थाई हॉस्पिटल में किसी मरीज की तबीयत अचानक खराब हो जाती है. यानी उनका ऑक्सीजन लेवल कम हो जाता है या नब्ज धीमी पड़ जाती है. साथ ही सांस लेने में दिक्कत होने लगती है तो स्वास्थ्य दूत तुरंत इसकी सूचना संबंधित विभाग और डॉक्टर को देगा. अगर मरीज को आईसीयू में एडमिट करने की जरूरत है तो उनके लिए तुरंत आईसीयू बेड तैयार कर लिया जाएगा. साथ ही इस दौरान मरीज को वहां पहले से खड़ी एम्बुलेंस से अस्पताल में ले आया जाएगा. उसके बाद प्रोटोकॉल के हिसाब से उसका इलाज शुरू कर दिया जाएगा.

सरकार की अच्छी पहल

डॉ. त्यागी में बताया कि भविष्य की योजना सरकार ने समय रहते बना ली है. अगर कोरोना के मरीजों की संख्या वर्मा कमेटी की रिपोर्ट के हिसाब से बढ़ती है तो उससे निपटने में स्वास्थ्य दूत के सहयोग से काफी मदद मिलेगी.

Last Updated : Jun 30, 2020, 7:24 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.