नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने JNU के 45 शिक्षकों के खिलाफ जुलाई 2018 में एक प्रदर्शन में शामिल होने पर की जा रही जांच पर रोक लगा दी है. जस्टिस सुरेश कैत ने जेएनयू प्रशासन को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. कोर्ट ने जेएनयू प्रशासन को 10 अक्टूबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.
जेएनयू प्रशासन ने 45 शिक्षकों को आरोप-पत्र जारी कर इन पर 31 जुलाई 2018 को एक प्रदर्शन में शामिल होने का आरोप लगाया है, इन शिक्षकों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि जेएनयू प्रशासन के आरोप निराधार हैं. उन्हें झूठे मामले में फंसाने के लिए ये आरोप-पत्र जारी किया गया है.
कपिल सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि इसमें कुल तीन आधार बताए गए हैं, इसमें से एक आधार ये है कि केंद्रीय सिविल सेवा संहिता नियमों (सीसीएस कंडक्ट रूल्स) के तहत वो प्रदर्शन नहीं कर सकते.
जेएनयू प्रशासन ने हाईकोर्ट के अगस्त 2017 के आदेश का हवाला देते हुए आरोप पत्र जारी किया है कि इसमें कुछ जगहों पर प्रदर्शन करने पर रोक लगाई गई है. कपिल सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि जेएनयू के शिक्षक सामान्य तौर पर सीसीएस कंडक्ट के तहत नहीं आते.