नई दिल्ली: आईएलबीएस अस्पताल में 24वें हैपेटाइटिस दिवस पर मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली सरकार गर्भवती महिलाओं के लिए हेपेटाइटिस की मुफ्त जांच सेवाएं और उपचार उपलब्ध कराने की योजना बना रही है ताकि हेपेटाइटिस-सी का वक्त रहते इलाज कर बच्चे को संक्रमित होने से बचाया जा सके. इसके अलावा मोहल्ला क्लीनिक के कर्मचारियों को इस बीमारी के इलाज के लिए स्क्रीनिंग के साथ इलाज को लेकर प्रशिक्षण देंगे. यह सुनिश्चित करेंगे कि प्राथमिक स्तर पर इस बीमारी के इलाज के लिए मुफ्त दवाइयां हर मोहल्ला क्लीनिक में उपलब्ध हों. इसके अतिरिक्त हम अगले कुछ महीनों के भीतर हेपेटाइटिस को दिल्ली की अधिसूचित रोगों की सूची में लाएंगे.
जैन ने कहा कि दिल्ली सरकार अपने आगामी स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (HMIS प्रोजेक्ट) में हेपेटाइटिस का टेस्ट अनिवार्य करेगी. इससे सरकार यह सुनिश्चित कर सकेगी कि प्रत्येक हैल्थ कार्ड धारक ने जीवन में एक बार हेपेटाइटिस का टेस्ट जरूर कराया हो.
स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने इस बात का संज्ञान लिया कि हेपेटाइटिस के रोगियों को समाज में बहुत भेदभाव का सामना करना पड़ता है. उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार दिल्ली में हेपेटाइटिस बी और सी के रोगियों के साथ होने वाले भेदभाव के विरुद्ध एक कानून पारित करेगी, जो देश में पहली बार होगा.
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दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस अवसर पर आईएलबीएस अस्पताल को बधाई दी. हेपेटाइटिस को एक घरेलू विषय बनाने के लिए निरंतर प्रयासों के लिए टीम की सराहना की. उन्होंने कोविड महामारी के दौरान संस्थान के प्रयासों की भी सराहना की. उप मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार हेपेटाइटिस बी और सी को जड़ से ख़त्म करने के लिए प्रतिबद्ध है. इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आईएलबीएस द्वारा आवश्यक किसी भी अतिरिक्त नीति परिवर्तन और वित्तीय सहायता प्रदान करने को तैयार है.
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दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने इंस्टिट्यूट ऑफ लीवर एंड बिलियरी साइंस (आईएलबीएस) में 24वें हेपेटाइटिस दिवस में भाग लिया. इस अवसर पर उन्होंने हेपेटाइटिस जागरूकता गतिविधियों पर एक रिपोर्ट जारी की. उन्होंने सतत विकास लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में संस्थान द्वारा वर्षों से की जा रही विभिन्न एक्टिविटी के लिए आईएलबीएस अस्पताल को बधाई दी.
इनका उद्देश्य 2030 तक वायरल हेपेटाइटिस को समाप्त करना है. सत्येंद्र जैन ने बताया कि हेपेटाइटिस-सी का इलाज 12 सप्ताह के अंदर दवाइयों द्वारा आसानी से किया जा सकता है. इसके साथ-साथ हेपेटाइटिस बी को भी रोका जा सकता है. हेपेटाइटिस-बी दो कारणों, गर्भवती मां से बच्चे को और संक्रमित रक्त के माध्यम से फैलता है. इसकी पहचान वक़्त रहते कर लेने से इसे आसानी से रोका जा सकता है.