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दिल्ली की आबोहवा हुई खराब, कुतुब मीनार देखने वालों की संख्या में आई कमी - कुतुब मीनार देखने वालों की संख्या में आई कमी

राजधानी दिल्ली में इन दिनों प्रदूषण अपने चरम सीमा पर है. इस कारण दिल्ली आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या में कमी देखी जा रही है.

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विदेशी पर्यटकों की संख्या में कमी
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Published : Nov 6, 2022, 7:34 PM IST

नई दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली में लगातार आबोहवा खराब होती जा रही है. इसके वजह से विदेशी पर्यटकों की संख्या में कमी देखी जा रही है. क्योंकि विदेशी पर्यटक काफी संख्या में दिल्ली के कुतुब मीनार को देखने के लिए आते हैं. लेकिन इस बार प्रदूषण के कारण विदेशी पर्यटकों की संख्या काफी कम हो गया है. दिल्ली में शनिवार को एक्यूआई (Air Quality Index ) 431 के करीब पहुंच गया है, जो प्रदूषण (Pollution) का खतरनाक स्तर माना जाता है.

बता दें, हवा में PM2.5 लेवल बढ़ने के चलते लोगों को आंखों में जलन, सांस लेने में कठिनाई और गले में खराश जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बताया जा रहा है कि फेफड़ों को नुकसान (lung damaging) पहुंचाने वाले महीन कणों की सांद्रता 460 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से ऊपर थी, जो 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर की सुरक्षित सीमा का आठ गुना है.

विदेशी पर्यटकों की संख्या में कमी
दिल्ली- एनसीआर (Delhi pollution level rises) के कई इलाकों का प्रदूषण स्तर रेड जोन (Red Zone 300-400 AQI) में दर्ज किया गया है. सुबह एनसीआर के कई इलाकों धुंध की चादर भी देखने को मिली है. प्रदूषण में हुई बढ़ोतरी के कारण लोगों को स्वास्थ संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें : Delhi NCR Air Pollution: रेड जोन में दिल्ली का प्रदूषण स्तर, नोएडा गाज़ियाबाद की भी हालत खराब

Air quality Index की श्रेणी: एयर क्वालिटी इंडेक्स जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.

ये भी पढ़ें : दिल्ली विश्वविद्यालय के एसओएल में दाखिला चाहिए तो 15 नवंबर तक करा ले पंजीकरण

नई दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली में लगातार आबोहवा खराब होती जा रही है. इसके वजह से विदेशी पर्यटकों की संख्या में कमी देखी जा रही है. क्योंकि विदेशी पर्यटक काफी संख्या में दिल्ली के कुतुब मीनार को देखने के लिए आते हैं. लेकिन इस बार प्रदूषण के कारण विदेशी पर्यटकों की संख्या काफी कम हो गया है. दिल्ली में शनिवार को एक्यूआई (Air Quality Index ) 431 के करीब पहुंच गया है, जो प्रदूषण (Pollution) का खतरनाक स्तर माना जाता है.

बता दें, हवा में PM2.5 लेवल बढ़ने के चलते लोगों को आंखों में जलन, सांस लेने में कठिनाई और गले में खराश जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बताया जा रहा है कि फेफड़ों को नुकसान (lung damaging) पहुंचाने वाले महीन कणों की सांद्रता 460 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से ऊपर थी, जो 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर की सुरक्षित सीमा का आठ गुना है.

विदेशी पर्यटकों की संख्या में कमी
दिल्ली- एनसीआर (Delhi pollution level rises) के कई इलाकों का प्रदूषण स्तर रेड जोन (Red Zone 300-400 AQI) में दर्ज किया गया है. सुबह एनसीआर के कई इलाकों धुंध की चादर भी देखने को मिली है. प्रदूषण में हुई बढ़ोतरी के कारण लोगों को स्वास्थ संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

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Air quality Index की श्रेणी: एयर क्वालिटी इंडेक्स जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.

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