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International Year of Millets: दिल्ली में एम्स के डॉक्टरों ने बताए मिलेट्स खाने के क्या है फायदे ?

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Published : Mar 18, 2023, 11:06 AM IST

मिलेट्स खाने के कितने फायदे और यह कितना लाभकारी होता है. इसे लेकर दिल्ली के एम्स में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई. इस दौरान डॉक्टरों ने बताया कि डायबिटीज, आंत कैंसर, मोटापा, एनीमिया और कई नॉनकम्युनिकेबल बीमारियों में मिलेट्स रामबाण साबित होता है. मिलेट्स खाने से कई बीमारी नहीं होते हैं.

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मिलेट्स खाने के क्या है फायदे

नई दिल्ली : संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को ‘अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया है. इसी को लेकर दिल्ली के सबसे प्रतिष्ठित संस्थान और बड़े अस्पताल एम्स में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई, जिसमें बताया गया कि मोटे अनाज के क्या फायदे हैं. साथ ही डॉक्टरों के पैनल ने चर्चा कर मिलेट्स के लाभ के बारे में बताया.

एम्स के प्रोफेसर और वरिष्ठ डॉक्टर संजय वाधवा ने बताया कि मीलेट्स में विटामिन-B3 होता है, जो शरीर की मेटाबॉलिज्‍म की प्रक्रिया को ठीक रखता है. इससे कैंसर जैसे रोग नहीं होते हैं. मिलेट शरीर में स्थित अम्लता यानी एसिड दूर करता है. मिलेट टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज को रोकने में सक्षम है. यह अस्थमा रोग में भी लाभदायक है. बाजरा खाने से श्वास से संबंधि सभी रोग दूर हो जाते हैं. यह थायरॉइड, यूरिक एसिड, किडनी, लिवर, लि‍पिड रोग और अग्‍नाशय से संबंधित रोगों में लाभदायक है, क्योंकि यह मेटाबोलिक सिंड्रोम दूर करने में सहायक होते हैं. उन्होंने बताया कि बाजरा खाने से कोई बीमारी नहीं होती है, पाचन प्रक्रिया सही रहती है. साथ ही बाजरा काफी हेल्दी होता है और मोटापे की समस्या नहीं होती है.

एम्स के डॉक्टर कपिल यादव ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष मनाने की घोषणा की है. इसकी शुरुआत 1 जनवरी से ही हो गई थी और पूरे साल भर इस दिवस को मनाया जाएगा. इसको लेकर दिल्ली एम्स में वरिष्ठ डॉक्टर और पैनल की टीम में चर्चा की सबसे बड़ी बात यह रही कि बाजरा खाने के कितने फायदे हैं. इसे खाने से गैस, कब्ज, एसिडिटी जैसे पेट के कोई रोग नहीं होते हैं. मिलेट में एंटीऑक्‍सीडेंट तत्‍व होते हैं, जो शरीर में फ्री रेडिकल्‍स के प्रभाव को कम करते हैं. यह त्वचा को जवां बनाए रखने में मददगार होते हैं. मिलेट में केराटिन, प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन और जिंक होते है, जो बालों से संबंधित समस्याओं को दूर करते हैं. यह शरीर को डीटॉक्‍सीफाई करते हैं, क्योंकि इसमें क्‍वेरसेटिन, करक्‍यूमिन, इलैजिक एसिड कैटिंस जैसे एंटीऑक्‍सीडेंट होते हैं.

ये भी पढ़ें : PMO का टॉप अधिकारी बताकर JK में 'धोखेबाजी' करने वाले शख्स को 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा

अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023 के लिए 8 मोटे अनाजों को शामिल किया गया है. इनमें बाजरा, रागी, कुटकी, संवा, ज्वार, कंगनी, चेना और कोदो हैं. भारत के प्रस्ताव पर 72 देशों के समर्थन के बाद संयुक्त राष्ट्र संघ ने साल 2023 को अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष घोषित किया है. दुनिया के कई देशों में मोटे अनाजों को लेकर कार्यक्रम हो रहे हैं. भारत में भी इसको लेकर कई तरह की तैयारियां चल रही हैं. किसानों को मोटे अनाज उगाने और लोगों को खाने के लिए प्रयोग करने को प्रेरित किया जा रहा है. और इससे भारतीय किसानों को फायदा भी होगा.

एम्स अस्पताल परिसर में 5जी नेटवर्क

दिल्ली एम्स अस्पताल प्रशासन ने संस्थान के परिसर को पुरी तरह से 5जी नेटवर्क की सुविधा से लैस करने की पहल की है. इसको लेकर एम्स के निदेशक डा. एम श्रीनिवास ने एक 5 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. इस कमेटी के दिशा निर्देश और देखरेख में 30 जून तक एम्स परिसर पूरी तरह 5जी नेटवर्क की सुविधा से लैस हो जाएगा.

डॉक्टरों की तरफ से दावा किया जा रहा है कि दिल्ली एम्स देश का ऐसा पहला संस्थान होगा, जिसका परिसर सबसे पहले पूरी तरह 5जी नेटवर्क से लैस होगा. मौजूदा समय की बात करें तो दिल्ली एम्स के कैंसर सेंटर, प्रशासनिक ब्लाक व डेंटल सेंटर पर 5जी नेटवर्क के बूस्टर लगाए जा चुके हैं. फिर भी एम्स में 5जी का नेटवर्क बेहद कमजोर रहता है. एम्स में कई जगहों पर 3जी और 4जी का नेटवर्क भी ठीक से काम नहीं कर कहा है. इस वजह से डॉक्टर, मेडिकल के छात्रों, मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

नई दिल्ली : संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को ‘अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया है. इसी को लेकर दिल्ली के सबसे प्रतिष्ठित संस्थान और बड़े अस्पताल एम्स में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई, जिसमें बताया गया कि मोटे अनाज के क्या फायदे हैं. साथ ही डॉक्टरों के पैनल ने चर्चा कर मिलेट्स के लाभ के बारे में बताया.

एम्स के प्रोफेसर और वरिष्ठ डॉक्टर संजय वाधवा ने बताया कि मीलेट्स में विटामिन-B3 होता है, जो शरीर की मेटाबॉलिज्‍म की प्रक्रिया को ठीक रखता है. इससे कैंसर जैसे रोग नहीं होते हैं. मिलेट शरीर में स्थित अम्लता यानी एसिड दूर करता है. मिलेट टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज को रोकने में सक्षम है. यह अस्थमा रोग में भी लाभदायक है. बाजरा खाने से श्वास से संबंधि सभी रोग दूर हो जाते हैं. यह थायरॉइड, यूरिक एसिड, किडनी, लिवर, लि‍पिड रोग और अग्‍नाशय से संबंधित रोगों में लाभदायक है, क्योंकि यह मेटाबोलिक सिंड्रोम दूर करने में सहायक होते हैं. उन्होंने बताया कि बाजरा खाने से कोई बीमारी नहीं होती है, पाचन प्रक्रिया सही रहती है. साथ ही बाजरा काफी हेल्दी होता है और मोटापे की समस्या नहीं होती है.

एम्स के डॉक्टर कपिल यादव ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष मनाने की घोषणा की है. इसकी शुरुआत 1 जनवरी से ही हो गई थी और पूरे साल भर इस दिवस को मनाया जाएगा. इसको लेकर दिल्ली एम्स में वरिष्ठ डॉक्टर और पैनल की टीम में चर्चा की सबसे बड़ी बात यह रही कि बाजरा खाने के कितने फायदे हैं. इसे खाने से गैस, कब्ज, एसिडिटी जैसे पेट के कोई रोग नहीं होते हैं. मिलेट में एंटीऑक्‍सीडेंट तत्‍व होते हैं, जो शरीर में फ्री रेडिकल्‍स के प्रभाव को कम करते हैं. यह त्वचा को जवां बनाए रखने में मददगार होते हैं. मिलेट में केराटिन, प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन और जिंक होते है, जो बालों से संबंधित समस्याओं को दूर करते हैं. यह शरीर को डीटॉक्‍सीफाई करते हैं, क्योंकि इसमें क्‍वेरसेटिन, करक्‍यूमिन, इलैजिक एसिड कैटिंस जैसे एंटीऑक्‍सीडेंट होते हैं.

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अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023 के लिए 8 मोटे अनाजों को शामिल किया गया है. इनमें बाजरा, रागी, कुटकी, संवा, ज्वार, कंगनी, चेना और कोदो हैं. भारत के प्रस्ताव पर 72 देशों के समर्थन के बाद संयुक्त राष्ट्र संघ ने साल 2023 को अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष घोषित किया है. दुनिया के कई देशों में मोटे अनाजों को लेकर कार्यक्रम हो रहे हैं. भारत में भी इसको लेकर कई तरह की तैयारियां चल रही हैं. किसानों को मोटे अनाज उगाने और लोगों को खाने के लिए प्रयोग करने को प्रेरित किया जा रहा है. और इससे भारतीय किसानों को फायदा भी होगा.

एम्स अस्पताल परिसर में 5जी नेटवर्क

दिल्ली एम्स अस्पताल प्रशासन ने संस्थान के परिसर को पुरी तरह से 5जी नेटवर्क की सुविधा से लैस करने की पहल की है. इसको लेकर एम्स के निदेशक डा. एम श्रीनिवास ने एक 5 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. इस कमेटी के दिशा निर्देश और देखरेख में 30 जून तक एम्स परिसर पूरी तरह 5जी नेटवर्क की सुविधा से लैस हो जाएगा.

डॉक्टरों की तरफ से दावा किया जा रहा है कि दिल्ली एम्स देश का ऐसा पहला संस्थान होगा, जिसका परिसर सबसे पहले पूरी तरह 5जी नेटवर्क से लैस होगा. मौजूदा समय की बात करें तो दिल्ली एम्स के कैंसर सेंटर, प्रशासनिक ब्लाक व डेंटल सेंटर पर 5जी नेटवर्क के बूस्टर लगाए जा चुके हैं. फिर भी एम्स में 5जी का नेटवर्क बेहद कमजोर रहता है. एम्स में कई जगहों पर 3जी और 4जी का नेटवर्क भी ठीक से काम नहीं कर कहा है. इस वजह से डॉक्टर, मेडिकल के छात्रों, मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

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