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कोरोना वॉरियर्स के लिए बेहतर क्वालिटी की PPE किट्स बना रहा उत्तर रेलवे - PPE

कोरोना वॉरियर्स के लिए उत्तर रेलवे ने PPE किट्स बनाना शुरू कर दिया है. और भी तक 17000 से ज्यादा किट्स का उत्पादन कर लिया है. वहीं बीते दो दिनों में 6000 PPE किट्स का उत्पादन किया जा चुका है.

northern railway producing quality PPE kits for corona warriors
रेलवे पीपीई किट्स
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Published : May 3, 2020, 7:55 PM IST

Updated : May 3, 2020, 8:25 PM IST

नई दिल्लीः कोरोना कहर को रोकने में हर कोई सहयोग कर रहा है. इस बीच भारतीय रेल भी कोरोना के साथ चल रहे जंग में कोरोना वॉरियर्स के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा है. कोरोना वॉरियर्स की अबसे बड़ी शिकायत यह है कि उन्हें कोरोना का सामना करने के लिए घटिया क्वालिटी का PPE किट दिया जा रहा है.

हेल्थ वर्कर्स की इस शिकायत को दूर करने की पहल भारतीय रेल ने की है. उत्तर रेलवे की बनाई डिजाइन और इसकी तकनीक को भारत सरकार की सबसे बड़ी तकनीकी शोध करने वाली संस्था डीआरडीओ ने भी हरि झंडी दिखाई है. इससे उत्साहित होकर उत्तर रेलवे की बनाई डिजाइन और इसकी तकनीक को अपनाकर मई महीने में एक लाख PPE किट्स बनाने का लक्ष्य रखा गया है.

PPE किट्स बना रहा उत्तर रेलवे

उत्तर रेल के मुख्य मकेनिकल इंजीनियर अरुण अरोड़ा ने बताया कि उत्तर रेलवे कोरोना वॉरियर्स के लिए अच्छी क्वालिटी की PPE किट्स बना रहा है. अभी तक उत्तर रेलवे ने 17000 से ज्यादा किट्स का उत्पादन कर लिया है.

इसने अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाकर 2000 किट्स प्रतिदिन कर लिया है. उत्तर रेलवे के तकनीकी और उत्पादन के योगदान की वजह से अप्रैल महीने में भारतीय रेल के विभिन्न वर्क शॉप्स में 41000 PPE किट्स का उत्पादन किया जा चुका है. इसमें अकेले उत्तर रेलवे का योगदान 12000 किट्स है.

दो दिनों में 6000 किट्स का उत्पादन

अरोड़ा ने बताया कि मई के पहले दो दिनों में 6000 PPE किट्स का उत्पादन किया जा चुका है. इनमें से अकेले उत्तर रेलवे का योगदान 50 फीसदी यानी 3000 किट्स का है. ऐसा अनुमान है कि मई महीने तक उत्तर रेल 3000 किट्स का उत्पादन कर सकेगा.

उत्तर रेल के तकनीक की मदद से जो किट्स बनाए जा रहे हैं, उसके प्रति किट्स की लागत 447 रुपए प्रति किट है, जबकि बाजार में मिल रहे ऐसे ही किट्स की कीमत 805 रुपए प्रति किट है.

नई दिल्लीः कोरोना कहर को रोकने में हर कोई सहयोग कर रहा है. इस बीच भारतीय रेल भी कोरोना के साथ चल रहे जंग में कोरोना वॉरियर्स के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा है. कोरोना वॉरियर्स की अबसे बड़ी शिकायत यह है कि उन्हें कोरोना का सामना करने के लिए घटिया क्वालिटी का PPE किट दिया जा रहा है.

हेल्थ वर्कर्स की इस शिकायत को दूर करने की पहल भारतीय रेल ने की है. उत्तर रेलवे की बनाई डिजाइन और इसकी तकनीक को भारत सरकार की सबसे बड़ी तकनीकी शोध करने वाली संस्था डीआरडीओ ने भी हरि झंडी दिखाई है. इससे उत्साहित होकर उत्तर रेलवे की बनाई डिजाइन और इसकी तकनीक को अपनाकर मई महीने में एक लाख PPE किट्स बनाने का लक्ष्य रखा गया है.

PPE किट्स बना रहा उत्तर रेलवे

उत्तर रेल के मुख्य मकेनिकल इंजीनियर अरुण अरोड़ा ने बताया कि उत्तर रेलवे कोरोना वॉरियर्स के लिए अच्छी क्वालिटी की PPE किट्स बना रहा है. अभी तक उत्तर रेलवे ने 17000 से ज्यादा किट्स का उत्पादन कर लिया है.

इसने अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाकर 2000 किट्स प्रतिदिन कर लिया है. उत्तर रेलवे के तकनीकी और उत्पादन के योगदान की वजह से अप्रैल महीने में भारतीय रेल के विभिन्न वर्क शॉप्स में 41000 PPE किट्स का उत्पादन किया जा चुका है. इसमें अकेले उत्तर रेलवे का योगदान 12000 किट्स है.

दो दिनों में 6000 किट्स का उत्पादन

अरोड़ा ने बताया कि मई के पहले दो दिनों में 6000 PPE किट्स का उत्पादन किया जा चुका है. इनमें से अकेले उत्तर रेलवे का योगदान 50 फीसदी यानी 3000 किट्स का है. ऐसा अनुमान है कि मई महीने तक उत्तर रेल 3000 किट्स का उत्पादन कर सकेगा.

उत्तर रेल के तकनीक की मदद से जो किट्स बनाए जा रहे हैं, उसके प्रति किट्स की लागत 447 रुपए प्रति किट है, जबकि बाजार में मिल रहे ऐसे ही किट्स की कीमत 805 रुपए प्रति किट है.

Last Updated : May 3, 2020, 8:25 PM IST
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