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भारतीय उपमहाद्वीप के पहले चिकित्सा सलाहकार बने राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे की प्रेरणा ! - नेशनल डॉक्टर्स डे 2022 इतिहास

मरीजों की सेवा कर उन्हें नई जिंदगी देने वाले डॉक्टर्स के सम्मान के लिये एक जुलाई बहुत खास है. देश के पहले फैमिली डॉक्टर भारत रत्न एवं पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रहे डॉ. विधान चंद्र राय की जन्मतिथि और पुण्यतिथि के अवसर पर नेशनल डॉक्टर्स डे मनाया जाता है.

National Doctors Day
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Published : Jul 1, 2022, 12:38 PM IST

नई दिल्ली: डॉक्टर धरती के भगवान कहे जाते हैं. ऐसा कहना अतिशयोक्ति भी नहीं है, क्योंकि एक इंसान के जीवन में डॉक्टर का महत्व जन्म लेने के पूर्व से लेकर मृत्यु होने तक बना रहता है. डॉक्टरों के इसी महत्व को देखते हुए उनकी सेवा, समर्पण और त्याग को सम्मानित करने के लिए हर वर्ष एक जुलाई को नेशनल डॉक्टर्स डे (National Doctor’s Day) के रूप में मनाया जाता है. साथ ही उनमें से बेहतरीन काम करने वाले को डॉक्टर बी सी रॉय अवॉर्ड से नवाजा जाता है. इस वर्ष National Doctor’s Day का थीम फैमिली डॉक्टर ऑन दी फ्रंटलाइन है. 1991 से राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे (National Doctor’s Day) मनाने का प्रचलन शुरू हुआ. नेशनल डॉक्टर्स डे एक प्रसिद्ध डॉक्टर के कृतित्व को सेलिब्रेट करने के लिए मनाया जाता है और वह डॉक्टर हैं पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. बिधान चंद्र राय.

आपको बता दें कि डॉ. बिधान चंद्र राय पश्चिम बंगाल के मशहूर चिकित्सक थे. राजनीति से भी उनका गहरा जुड़ाव था. वह पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री भी रहे. इसके अलावा शिक्षा के क्षेत्र में भी उन्होंने बहुत बड़ा योगदान दिया. उन्होंने यहां प्रसिद्ध मेडिकल संस्थान जादवपुर टीबी मेडिकल संस्थान की स्थापना में अहम भूमिका निभाई थी.

डॉ. बिधान चंद्र राय को उनके काम के लिए भारत रत्न से नवाजा गया

डॉ. बिधान चंद्र राय भारतीय उपमहाद्वीप में पहले चिकित्सा सलाहकार के रूप में प्रसिद्ध हुए. चिकित्सा क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें 4 फरवरी 1961 को भारत रत्न सम्मान से भी नवाजा. उन्होंने मानवता की सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उनकी इस सेवा भाव को एक पहचान देने के लिए भारत सरकार ने राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की.

इसलिये एक जुलाई को मनाया जाता है नेशनल डाक्टर्स डे

एक जुलाई को ही नेशनल डॉक्टर्स डे क्यों मनाया जाता है, इसके पीछे भी एक बड़ी दिलचस्प बात है. डॉ. बिधान चंद्र राय का जन्म 1 जुलाई 1882 को हुई थी और उनकी मृत्यु भी संयोग से 1 जुलाई 1962 को हुई. इसीलिए भारत सरकार ने उनके जन्म तिथि और पुण्य तिथि एक साथ मनाने के उद्देश्य से 1 जुलाई को ही डॉक्टर डे मनाने का निर्णय लिया. 1991 में पहली बार डॉक्टर्स डे मनाया गया। तब से लगातार 1 जुलाई को डॉक्टर्स डे मनाने की परंपरा शुरू हुई.

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नई दिल्ली: डॉक्टर धरती के भगवान कहे जाते हैं. ऐसा कहना अतिशयोक्ति भी नहीं है, क्योंकि एक इंसान के जीवन में डॉक्टर का महत्व जन्म लेने के पूर्व से लेकर मृत्यु होने तक बना रहता है. डॉक्टरों के इसी महत्व को देखते हुए उनकी सेवा, समर्पण और त्याग को सम्मानित करने के लिए हर वर्ष एक जुलाई को नेशनल डॉक्टर्स डे (National Doctor’s Day) के रूप में मनाया जाता है. साथ ही उनमें से बेहतरीन काम करने वाले को डॉक्टर बी सी रॉय अवॉर्ड से नवाजा जाता है. इस वर्ष National Doctor’s Day का थीम फैमिली डॉक्टर ऑन दी फ्रंटलाइन है. 1991 से राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे (National Doctor’s Day) मनाने का प्रचलन शुरू हुआ. नेशनल डॉक्टर्स डे एक प्रसिद्ध डॉक्टर के कृतित्व को सेलिब्रेट करने के लिए मनाया जाता है और वह डॉक्टर हैं पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. बिधान चंद्र राय.

आपको बता दें कि डॉ. बिधान चंद्र राय पश्चिम बंगाल के मशहूर चिकित्सक थे. राजनीति से भी उनका गहरा जुड़ाव था. वह पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री भी रहे. इसके अलावा शिक्षा के क्षेत्र में भी उन्होंने बहुत बड़ा योगदान दिया. उन्होंने यहां प्रसिद्ध मेडिकल संस्थान जादवपुर टीबी मेडिकल संस्थान की स्थापना में अहम भूमिका निभाई थी.

डॉ. बिधान चंद्र राय को उनके काम के लिए भारत रत्न से नवाजा गया

डॉ. बिधान चंद्र राय भारतीय उपमहाद्वीप में पहले चिकित्सा सलाहकार के रूप में प्रसिद्ध हुए. चिकित्सा क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें 4 फरवरी 1961 को भारत रत्न सम्मान से भी नवाजा. उन्होंने मानवता की सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उनकी इस सेवा भाव को एक पहचान देने के लिए भारत सरकार ने राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की.

इसलिये एक जुलाई को मनाया जाता है नेशनल डाक्टर्स डे

एक जुलाई को ही नेशनल डॉक्टर्स डे क्यों मनाया जाता है, इसके पीछे भी एक बड़ी दिलचस्प बात है. डॉ. बिधान चंद्र राय का जन्म 1 जुलाई 1882 को हुई थी और उनकी मृत्यु भी संयोग से 1 जुलाई 1962 को हुई. इसीलिए भारत सरकार ने उनके जन्म तिथि और पुण्य तिथि एक साथ मनाने के उद्देश्य से 1 जुलाई को ही डॉक्टर डे मनाने का निर्णय लिया. 1991 में पहली बार डॉक्टर्स डे मनाया गया। तब से लगातार 1 जुलाई को डॉक्टर्स डे मनाने की परंपरा शुरू हुई.

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