नई दिल्ली: सरकार के आदेश के बाद राजधानी दिल्ली में सैलून और पार्लर खुलने लगे हैं. लेकिन कोरोना महामारी के बीच सैलून और पार्लर की तस्वीर ही नहीं बल्कि काम करने का तरीका भी बदल रहा है.
पार्लर में जहां करीब 3 महीने के बाद रौनक लौट रही है, वही वहां काम करने वाले कर्मचारी भी अपने काम करने का तरीका बदलते हुए ही कस्टमर को अटेंड कर रहे हैं. जहां पहले सुकून के पल महसूस करने के लिए महिलाएं ब्यूटी पार्लर पहुंचती थीं ताकि ट्रीटमेंट के साथ कुछ गपशप भी हो जाए लेकिन अब ऐसा नहीं है.
अधिक सावधानी बरतने की जरूरत
दक्षिणी दिल्ली के गोविंदपुरी में ब्यूटी पार्लर चलाने वाली सविता ने बताया की पार्लर में महिलाएं फेशियल, क्लीनअप, हेयर स्पा वैक्सिंग, मैनीक्योर, पेडीक्योर, थ्रेडिंग समेत कई काम के लिए आती हैं.
ऐसे में बहुत सावधानी से उन्हें अटेंड करना बड़ी जिम्मेदारी बन जाती है. यह सभी काम करने के लिए हमें कस्टमर के पास जाना ही पड़ता है. लेकिन हम अब अपने काम करने का तरीका बदल रहे हैं और पूरी सावधानी के साथ ही कस्टमर के नजदीक जा रहे हैं.
अलग तकनीक से बना रहे आइब्रो
सविता ने बताया कि थ्रेडिंग बनाने के लिए धागे को मुंह से पकड़कर थ्रेडिंग बनानी होती है. लेकिन अब हम धागे को गले में बांधकर थ्रेडिंग कर रहे हैं. जैसा कि संक्रमण से बचाव के लिए मुंह, नाक, आंखों को अपने हाथों से नहीं छूना है. ऐसे में हम मास्क, गलव्स पहनकर ही सारा काम कर रहे हैं. इसके अलावा एप्रेन, हेड कवर सभी सुरक्षा के यंत्रों का इस्तेमाल किया जा रहा है.
जीवन शैली और कामकाज में बदलाव
सविता ने बताया कि कोरोना से बचना है तो अपने जीवन शैली और काम में भी बदलाव कर रहे हैं. पहले से ज्यादा साफ-सफाई और एहतियात बरती जा रही है. पार्लर में हमें कस्टमर के नजदीक जाकर उसका काम करना है, इसके लिए हम बहुत सावधानियां बरत रहे हैं.