नई दिल्ली: ऑल इंडिया गवर्नमेंट नर्सेज फेडरेशन (AIGNF) ने दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत कॉन्ट्रैक्ट नर्स एवं पैरामेडिक्स को नियमित करने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल को पत्र लिखा है. पत्र में मांग की है कि उच्च न्यायालय दिल्ली के आदेशानुसार इन्हें अविलंब नियमित किया जाए.
बता दें कि दिल्ली सरकार ने दिसंबर में सभी को हटाने से संबंधित आदेश जारी कर दिया है. इससे कॉन्ट्रैक्ट स्टाफ की परेशानी बढ़ गयी है. ऐसे में ऑल इंडिया गवर्नमेंट नर्सेज यूनियन ने मदद का हाथ बढ़ाया है.
कोरोना की वजह से रुकी कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट से केस वापस लेने के बाद दिल्ली सरकार ने इन कर्मचारियों को नियमित करने का कैबिनेट में 12 जुलाई 2019 को निर्णय लिया था. एक ओर दिल्ली सरकार ने नियमित करने का फैसला लिया और उच्च न्यायालय दिल्ली में 5 फरवरी को स्टेटमेंट दिया कि शीघ्र ही पॉलिसी जमा की जाएगी. इस मामले में 4 सप्ताह का समय दिया था, लेकिन कोरोना की वजह से कोर्ट की कार्रवाई नहीं चल रही है.
कोर्ट की अगली तारीख 15 अक्टूबर है, जो पहले 20 अगस्त निश्चित की गई थी. लेकिन 20 अगस्त 2020 के उपराज्यपाल के ऑर्डर आने से कॉन्ट्रैक्ट इंप्लाइज काफी भय के माहौल में काम करने को मजबूर हैं. क्योंकि इनके इस ऑर्डर के हिसाब से कर्मचारियों को 31 दिसंबर के बाद नौकरी जाने का खतरा है.
ऑल इंडिया गवर्मेंट नर्सेज फेडरेशन ने किया समर्थन
इस संदर्भ में ऑल इंडिया गवर्मेंट नर्सेज फेडरेशन ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को भी पत्र लिखा है. पत्र में इस दिशा में सकारात्मक पहल करने की मांग की है. ऑल इंडिया गवर्मेंट नर्सेज फेडरेशन के सेक्रेटरी जनरल जी के खुराना और फेडरेशन की अध्यक्ष अनीता पवार ने उपराज्यपाल से मिलने का समय भी मांगा है, ताकि इन समस्या से अवगत करवाया जाए.
नर्सेज फेडरेशन को नेतृत्व करने का आमंत्रण
कॉन्ट्रैक्ट इंप्लाइज की समस्या को फेडरेशन ने जिस प्रकार सहयोग देने का आश्वासन दिया है. इसका दिल्ली स्टेट कॉन्ट्रैक्ट इंप्लाइज एसोसिएशन के महासचिव गुलाब रब्बानी एवं उपाध्यक्ष कमल कांत शर्मा ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा है कि फेडरेशन इस संदर्भ में हमारा नेतृत्व करे. हम लोग उनके मार्गदर्शन में एक दिन जरूर कामयाब होंगें. कॉन्ट्रैक्ट इंप्लाइज को सहयोग देने का आश्वासन दिल्ली नर्सेज फेडरेशन ने भी दिया है.
7 से 9 सितंबर तक 2 घंटे का असहयोग आंदोलन
इसके साथ दिल्ली राज्य संयुक्त संघर्ष समिति ने भी कॉन्ट्रैक्ट इंप्लाइज के मुद्दे को अपने मांग पत्र में रखा है. समिति 7 से 9 सितंबर तक 2 घंटे का असहयोग आंदोलन भी करने का निर्णय किया है.