नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली जल बोर्ड का सीएजी ऑडिट करवाने का आदेश दिया है. केजरीवाल सरकार जल बोर्ड के पिछले 15 साल का CAG ऑडिट कराएगी. दिल्ली सरकार ने यह फैसला जल बोर्ड के खिलाफ उठ रहे भ्रष्टाचार के सवालों को लेकर लिया है.
जल बोर्ड ने पिछले दिनों दिल्ली सरकार के वित्त विभाग से अपना पैसा मांगा था, लेकिन वित्त विभाग ने वह पैसा जारी नहीं किया. अब यह बात निकल कर आ रही थी कि जल बोर्ड ने इससे पहले जारी किए गए पैसे का हिसाब या यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट वित्त विभाग को नहीं दिया है. दूसरी तरफ, बीजेपी दिल्ली जल बोर्ड में लगातार घोटाले होने का आरोप लगा रही. हालांकि, केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार में किसी भी कीमत का भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
दिल्ली जल बोर्ड के वाइस चेयरमैन सोमनाथ भारती ने अब इस पूरे मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि 100 सुनार की और एक लोहार की. यह जो फैसला मुख्यमंत्री केजरीवाल ने लिया, इसका पूरी तरीके से समर्थन करता हूं. उन्होंने साबित कर दिया कि दिल्ली सरकार एक ईमानदार सरकार है, इसलिए मुख्यमंत्री ने CAG ऑडिट कराने का आदेश दिया. सोमनाथ भारती ने मीडिया से बताया कि जब CAG ऑडिट की रिपोर्ट आएगी तो भारतीय जनता पार्टी को मुंह की खानी पड़ेगी. बीजेपी का हमेशा से यही काम रहा है कि जो व्यक्ति काम कर रहा है उसे कैसे रोका जाए.
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आम आदमी पार्टी चला रही हस्ताक्षर अभियान: दिल्ली में एक बार फिर आम आदमी पार्टी के द्वारा एक अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें पार्टी के बड़े नेता से लेकर कार्यकर्ता तक इस अभियान के साथ जुड़ चुके हैं. बता दें कि 'मैं भी केजरीवाल' एक अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें आम आदमी पार्टी के नेता कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों से राय ले रहे हैं कि अगर दिल्ली के मुखिया केजरीवाल को गिरफ्तार किया जाता है और उनको जेल जाना पड़े, तो क्या दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को इस्तीफा देना चाहिए या फिर जेल से ही सरकार चलानी चाहिए.