नई दिल्लीः नॉर्थ एमसीडी के अस्पतालों में पिछले 4 महीने से डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ और क्लेरिकल स्टाफ को सैलरी नहीं मिली है. इस वजह से जहां नर्सिंग स्टाफ पिछले 3 हफ्ते से प्रोटेस्ट कर रहे हैं, वहीं डॉक्टर्स भी पेन डाउन प्रोटेस्ट के बाद अब प्रतिदिन 2 घंटे प्रोटेस्ट कर रहे हैं.
कर्मचारी चाहते हैं कि उनकी सैलरी का भुगतान एकमुश्त किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि आगे से ऐसी स्थिति नहीं आएगी. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि हर महीने के अंत में एक निश्चित तारीख को सैलरी मिले और 4 महीने की सैलरी का एकमुश्त भुगतान किया जाए.
एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स का मिला समर्थन
हिंदू राव हॉस्पिटल के डॉक्टर के समर्थन में अब देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने अपना समर्थन दिया है. एम्स आरडीए के अध्यक्ष डॉक्टर आदर्श प्रताप सिंह ने कहा कि दिल्ली देश की राजधानी है. यहां नॉर्थ दिल्ली म्युनिसिपल कारपोरेशन के अस्पताल में काम करने वाले नर्सिंग स्टाफ को 4 महीने से सैलरी नहीं दी गई है.
'बिना सैलरी काम करने को किया जा रहा मजबूर'
डॉ. आदर्श ने बताया कि हिंदू राव हॉस्पिटल कोविड-19 हॉस्पिटल था, जिसके स्टेटस को कुछ दिन पहले ही बदल दिया गया, क्योंकि उनसे सैलरी की मांग हो रही थी. उन्होंने कहा कि अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों को बिना सैलरी के ही काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है. सरकार को इस पर जल्दी ही संज्ञान में लेना चाहिए और डॉक्टरों को तुरंत सैलरी जारी किया जाना चाहिए.
केंद्र और दिल्ली सरकार पर साधा निशाना
डॉक्टर आदर्श ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि कोरोना महामारी के नाम पर प्रधानमंत्री के बनाए पीएम राहत कोष में बेहिसाब पैसा आया. वो पैसा कहां खर्च हुए किसी को नहीं पता. संकट के समय में सरकार को उसी फंड से कोरोना वॉरियर्स की सैलरी का भुगतान करना चाहिए. उन्होंने दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राजनीति तो बाद में भी कर लेंगे, लेकिन अभी कोरोना के नाम पर राजनीति बंद करें.