नई दिल्ली: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने आपस में योगदान कर संस्थान के पहले कोरोना शहीद के परिवार को आर्थिक मदद दी. एम्स के 235 हेल्थ केयर वर्कर्स ने आपस में डोनेशन कर रुपये जमा किए. इकठ्ठा की गई इस धनराशि को खीम सिंह के बेटे सोहन सिंह के बैंक अकाउंट में डाल दिया गया है.
![this people donated money for kheem singh](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/dl-sd-01-aiimsrdacrowedfunded310lakhrupeestohelpthefirstcoronavictimofaiimsmesworkerkhemchandfamily-vis-dlc10030_07062020190847_0706f_1591537127_731.jpg)
आपको बता दें कि 22 मई को रेसिडेंट हॉस्टल के मेस वर्कर खेमचंद सिंह की कोरोना से मौत हो गई थी. इसके लिए आरडीए ने मेस के सीनियर वार्डन और हॉस्टल सुपरिटेंडेंट पर लापरवाही का आरोप लगाकर उन्हें तुरंत हटाने की मांग की थी.
![people crowded fund for kheem singh](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/dl-sd-01-aiimsrdacrowedfunded310lakhrupeestohelpthefirstcoronavictimofaiimsmesworkerkhemchandfamily-vis-dlc10030_07062020190847_0706f_1591537127_462.jpg)
बेटे के अकाउंट में डाले पैसे
आरडीए एम्स के अध्यक्ष डॉ. आदर्श प्रताप सिंह ने जानकारी दी कि एम्स रेजिडेंट हॉस्टल के मेस वर्कर खीम सिंह एम्स के पहले कोरोना शहीद हैं. दो हफ्ते पहले कोरोना से उनकी मौत हो गई थी. एम्स के लगभग सभी हेल्थ केयर वर्कर्स उनके हाथों का बना खाना खाते थे. इतने दिनों तक उन्होंने जो एम्स की सेवा की. सभी के सहयोग से 3 लाख 10 हजार रुपये जमा हुए. इस धनराशि को खीम सिंह के बेटे सोहन सिंह के अकाउंट में डाल दिया गया है.
डॉ. आदर्श ने बताया कि सभी साथियों ने अलग-अलग माध्यम से योगदान किया है. इसका विवरण इस प्रकार है. वहीं उन्होंने बताया कि वह हर तरह की फंड की पारदर्शिता में विश्वास करते हैं. अगर किसी साथी को यह देखना है कि जो पैसे जमा हुआ है, उसे किस अकाउंट में ट्रांसफर किया गया है तो वो आरडीए ऑफिस में आकर देख सकते हैं.