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सुशांत सिंह ने की थी आत्महत्या- एम्स की फॉरेंसिक टीम ने CBI को सौंपी रिपोर्ट

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Published : Oct 4, 2020, 1:54 PM IST

एक्टर सुशांत सिंह राजपूत कर कथित आत्महत्या मामले में एम्स के फॉरेंसिक डिपार्टमेंट द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड का बहुप्रतीक्षित रिपोर्ट सामने आ गई है, जिसमें सुशांत की मौत को आत्महत्या करार दिया गया है. एम्स की टीम ने अपनी रिपोर्ट शनिवार को सीबीआई को सौंप दी है.

it was a suicide not murder aiims forensic team submitted report to CBI
यह एक आत्महत्या थी हत्या नहीं , एम्स की फोरेंसिक टीम ने सीबीआई को सौंपी रिपोर्ट

नई दिल्ली: बहुचर्चित सुशांत सिंह राजपूत के कथित आत्महत्या मामले में देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स की फॉरेंसिक टीम ने 1 महीने तक जांच करने के बाद आखिरकार अपना फाइनल ओपिनियन सीबीआई को सौप दिया है. ज्यादातर लोगों की उम्मीद के विपरीत एम्स की फॉरेंसिक डिपार्टमेंट के अध्यक्ष डॉक्टर सुधीर गुप्ता की अध्यक्षता में गठित फॉरेंसिक टीम ने सुशांत सिंह राजपूत के मामले को आत्महत्या करार दिया है.

यह एक आत्महत्या थी हत्या नहीं , एम्स की फोरेंसिक टीम ने सीबीआई को सौंपी रिपोर्ट

बता दें कि एम्स के इस बहुप्रतीक्षित रिपोर्ट का पूरी दुनिया इंतजार कर रही थी. ज्यादातर लोगों का मानना था कि परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर एम्स की फोरेंसिक टीम सुशांत सिंह राजपूत मामले को हत्या का मामला जरूर करार देगी, लेकिन अब इस मामले में फॉरेंसिक टीम का ओपिनियन सामने आने के बाद इस केस की दशा और दिशा है बदलने की उम्मीद है.


हत्या साबित करने के लिये नहीं मिले कोई सुबूत

एम्स के फॉरेंसिक टीम द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड के मुताबिक सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या की थी. फॉरेंसिक टीम के अध्यक्ष डॉक्टर सुधीर गुप्ता का स्पष्ट मानना है कि सुशांत सिंह की मौत हैंगिंग से हुई है और यह आत्महत्या का मामला है. हैंगिंग से लटकने की वजह से गले के पास एक निशान के अलावा सुशांत सिंह के शरीर पर चोट के कहीं भी कोई भी निशान नहीं देखा गया. शरीर पर आत्मरक्षा में किए गए बचाव के प्रयास के निशान भी नहीं दिखे.

विसरा रिपोर्ट में नहीं मिला जहर का निशान

आपको बता दें कि 2 हफ्ते पहले ही एम्स के फॉरेंसिक टीम ने सुशांत सिंह राजपूत की 'विसरा' की जांच की थी. उस जांच में सुशांत सिंह को जहर देने का कोई संकेत नहीं मिला. मुंबई की कूपर हॉस्पिटल के फॉरेंसिक टीम जिसने सुशांत सिंह राजपूत का पोस्टमार्टम किया था, उसने भी की हत्या की आशंका को नहीं माना था. एम्स के सूत्र के मुताबिक शनिवार को टीम फॉरेंसिक टीम सीबीआई से मिली. यह पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता है कि एम्स की फॉरेंसिक टीम ने सीबीआई को इस मामले में सिर्फ अपना मौखिक ओपिनियन दिया है या इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट सौंपी है.

उपलध साक्ष्यों और विसरा रिपोर्ट के आधार पर ओपिनियन

आपको बता दें कि एम्स की फॉरेंसिक टीम ने मुंबई में सुशांत सिंह राजपूत के उस घर पर जाकर हर एंगल से जांच की थी. जहां पर सुशांत ने कथित तौर पर आत्महत्या की थी. पूरी घटनाक्रम को रीक्रिएट किया. सुशांत के गले पर पड़े लिगेचर मार्क्स की जांच की गई. कूपर हॉस्पिटल के फॉरेंसिक टीम से बात की जिसने पोस्टमार्टम किया था. सभी उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर और इस केस से जुड़े तमाम कड़ियों को जोड़ने के बाद एम्स के फॉरेंसिक टीम इस नतीजे पर पहुंची है कि एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत लटकने से हुई है जिसे आत्महत्या कहा जा सकता है.

नई दिल्ली: बहुचर्चित सुशांत सिंह राजपूत के कथित आत्महत्या मामले में देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स की फॉरेंसिक टीम ने 1 महीने तक जांच करने के बाद आखिरकार अपना फाइनल ओपिनियन सीबीआई को सौप दिया है. ज्यादातर लोगों की उम्मीद के विपरीत एम्स की फॉरेंसिक डिपार्टमेंट के अध्यक्ष डॉक्टर सुधीर गुप्ता की अध्यक्षता में गठित फॉरेंसिक टीम ने सुशांत सिंह राजपूत के मामले को आत्महत्या करार दिया है.

यह एक आत्महत्या थी हत्या नहीं , एम्स की फोरेंसिक टीम ने सीबीआई को सौंपी रिपोर्ट

बता दें कि एम्स के इस बहुप्रतीक्षित रिपोर्ट का पूरी दुनिया इंतजार कर रही थी. ज्यादातर लोगों का मानना था कि परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर एम्स की फोरेंसिक टीम सुशांत सिंह राजपूत मामले को हत्या का मामला जरूर करार देगी, लेकिन अब इस मामले में फॉरेंसिक टीम का ओपिनियन सामने आने के बाद इस केस की दशा और दिशा है बदलने की उम्मीद है.


हत्या साबित करने के लिये नहीं मिले कोई सुबूत

एम्स के फॉरेंसिक टीम द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड के मुताबिक सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या की थी. फॉरेंसिक टीम के अध्यक्ष डॉक्टर सुधीर गुप्ता का स्पष्ट मानना है कि सुशांत सिंह की मौत हैंगिंग से हुई है और यह आत्महत्या का मामला है. हैंगिंग से लटकने की वजह से गले के पास एक निशान के अलावा सुशांत सिंह के शरीर पर चोट के कहीं भी कोई भी निशान नहीं देखा गया. शरीर पर आत्मरक्षा में किए गए बचाव के प्रयास के निशान भी नहीं दिखे.

विसरा रिपोर्ट में नहीं मिला जहर का निशान

आपको बता दें कि 2 हफ्ते पहले ही एम्स के फॉरेंसिक टीम ने सुशांत सिंह राजपूत की 'विसरा' की जांच की थी. उस जांच में सुशांत सिंह को जहर देने का कोई संकेत नहीं मिला. मुंबई की कूपर हॉस्पिटल के फॉरेंसिक टीम जिसने सुशांत सिंह राजपूत का पोस्टमार्टम किया था, उसने भी की हत्या की आशंका को नहीं माना था. एम्स के सूत्र के मुताबिक शनिवार को टीम फॉरेंसिक टीम सीबीआई से मिली. यह पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता है कि एम्स की फॉरेंसिक टीम ने सीबीआई को इस मामले में सिर्फ अपना मौखिक ओपिनियन दिया है या इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट सौंपी है.

उपलध साक्ष्यों और विसरा रिपोर्ट के आधार पर ओपिनियन

आपको बता दें कि एम्स की फॉरेंसिक टीम ने मुंबई में सुशांत सिंह राजपूत के उस घर पर जाकर हर एंगल से जांच की थी. जहां पर सुशांत ने कथित तौर पर आत्महत्या की थी. पूरी घटनाक्रम को रीक्रिएट किया. सुशांत के गले पर पड़े लिगेचर मार्क्स की जांच की गई. कूपर हॉस्पिटल के फॉरेंसिक टीम से बात की जिसने पोस्टमार्टम किया था. सभी उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर और इस केस से जुड़े तमाम कड़ियों को जोड़ने के बाद एम्स के फॉरेंसिक टीम इस नतीजे पर पहुंची है कि एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत लटकने से हुई है जिसे आत्महत्या कहा जा सकता है.

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