नई दिल्ली: हर साल इंटरनेशनल मेंस्ट्रुअल हाईजीन डे 28 मई को मनाया जाता है. इसी मौके पर एम्स के डॉक्टरों ने एनजीओ के साथ मिलकर एम्स के विभिन्न विभागों में भर्ती महिलाओं के बीच सेनेटरी नैपकिन बांटे. एम्स की तरफ से सामाजिक कल्याण अधिकारी राजीव मैखुरी और उनकी टीम ने इस कार्यक्रम को संयोजित किया.
500 सेनेटरी नैपकिन पैड बांटे
कार्डियो रेडियोलॉजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अमरिंदर सिंह और जेरियाटिक विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विजय कुमार ने एम्स के डी-3 वार्ड, लेबर कैंप, ट्रामा सेंटर और किदवई नगर में हेल्थी एजिंग इंडिया के साथ मिलकर जरूरतमंद महिलाओं को 500 सेनेटरी नैपकिन बांटे. एम्स के सामाजिक कल्याण अधिकारी राजीव मैखुरी ने गरीब महिलाओं को सेनेटरी पैड बांटने की योजना बनाई.
हैशटैग नई सोच से जुड़े लोग
नई सोच मिशन ट्विटर पर भी खूब हैशटैग किया गया. एम्स के लगभग सभी हेल्थ वर्कर्स ने ट्विटर पर हैशटैग नई सोच चलाकर महिलाओं को सम्मान दिया. महिलाओं के लिए काम करने वाली एनजीओ वुमनाइट के हर्ष गुप्ता ने 600 सेनेटरी नैपकिन एम्स को डोनेट किये. डोनेशन में मिले नैपकिन को जरूरतमंद महिलाओं के बीच बांटा गया.
राशन के साथ फ्री सेनेटरी नैपकिन भी बांटे
इस अवसर पर डॉ. अमरिंदर सिंह ने बताया कि इस वक्त कोरोना महामारी के समय गरीब महिलाओं के पास जब ठीक से दो वक्त का खाना ही नहीं मिल पा रहा है तो सेनेटरी नैपकिन के लिए उनके पास पैसे कहां से आएंगे. लेकिन शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिये सेनेटरी नैपकिन बहुत जरूरी है. डॉ. अमरिंदर ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि कोरोना महामारी में सरकारें गरीबों के लिए राशन दे रही है तो गरीब महिलाओं के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए उन्हें सेनेटरी नैपकिन भी देनी चाहिए.