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हिंदूराव के डॉक्टर्स के समर्थन में आए एम्स के डॉक्टर्स

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Published : Oct 8, 2020, 12:47 AM IST

हिंदूराव हॉस्पिटल के डॉक्टर्स के समर्थन में अब एम्स के डॉक्टर भी सामने आए हैं. एम्स आरडीए के अध्यक्ष डॉ. आदर्श सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री और दिल्ली के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर, स्वस्थ्यकर्मियों की सैलरी जारी करने की अपील की है.

aiims doctors came forward to support hindurao doctors
हिंदूराव डॉक्टर्स सैलरी

नई दिल्लीः नॉर्थ एमसीडी के अस्पतालों में पिछले 4 महीने से डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ और क्लेरिकल स्टाफ को सैलरी नहीं मिली है. इसको लेकर जहां नर्सिंग स्टाफ पिछले 3 हफ्ते से प्रोटेस्ट कर रहे हैं, वहीं डॉक्टर भी पेन डाउन प्रोटेस्ट के बाद अब प्रतिदिन 2 घंटे प्रोटेस्ट करना शुरू कर दिया है.

डॉक्टर्स चाहते हैं कि उनकी सैलरी का भुगतान एकमुश्त किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि आगे से ऐसी स्थिति नहीं आएगी. हर महीने के अंत में एक निश्चित तारीख को सैलरी मिल जाएगी, लेकिन इस मामले में इतना लंबा प्रोटेस्ट के बावजूद कोई भी सक्षम अधिकारी सामने आकर प्रोटेस्ट कर रहे इन कोरोना वॉरियर्स को आश्वासन नहीं दे पा रहे हैं.

मौखिक आश्वासन से डॉक्टर्स आश्वस्त नहीं

इस मामले में एक नया मोड़ आ गया है. नॉर्थ एमसीडी की तरफ से सभी स्टाफ को नवंबर महीने तक सैलरी दिए जाने की बात कही गई है, लेकिन यह भी एक मौखिक आश्वासन ही है. इसको लेकर डॉक्टर्स आश्वस्त नहीं हैं. मौखिक आश्वासन में भी ऐसा कुछ नहीं कहा गया है कि पिछले बकाये 4 महीने की सैलरी और अगर नवंबर तक का जोड़ा जाए, तो 6 महीने की सैलरी का भुगतान एक साथ किया जाएगा.

एम्स के डॉक्टर्स का मिला समर्थन

हिंदू राव हॉस्पिटल के डॉक्टर के समर्थन में अब देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने समर्थन किया है. एम्स आरडीए के अध्यक्ष डॉक्टर आदर्श प्रताप सिंह ने कहा कि दिल्ली देश की राजधानी है. यहां नॉर्थ दिल्ली म्युनिसिपल कारपोरेशन के अस्पताल में काम करने वाले नर्सिंग स्टाफ को 4 महीने से सैलरी नहीं दी गई है.

डॉक्टर आदर्श ने कहा कि अधिकारियों को क्या यह समझ में नहीं आ रहा कि अगर उन्हें 4 महीने की सैलरी नहीं दिया जाएगा, तो वो अपनी बेसिक जरूरतें कैसे पूरा करेंगे? मजबूरी में स्वास्थ्य कर्मियों को अपनी सैलरी के लिए सड़क पर उतरना पड़ रहा है. इनका काम मरीजों की देखभाल करना है, लेकिन अब ये मरीजों का इलाज करने की जगह सड़कों पर आकर प्रोटेस्ट कर रहे हैं.

'बिना सैलरी काम करने के लिए किया जा रहा मजबूर'

डॉ. आदर्श ने बताया कि हिंदू राव हॉस्पिटल कोविड-19 हॉस्पिटल है. यहां सिर्फ कोरोना के मरीजों का इलाज हो रहा है. इस अस्पताल में काम कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों को बिना सैलरी के ही काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है. यह बहुत ही गंभीर मामला है. सरकार को जल्दी ही संज्ञान में लेना चाहिए और डॉक्टरों को तुरंत सैलरी जारी किया जाना चाहिए.

स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री को लेटर लिखकर मांगीं मदद

डॉक्टर आदर्श ने बताया कि उन्होंने एम्स आरडीए की तरफ से स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लेटर लिखा है. उनसे आग्रह किया है कि वे इस मामले में तत्काल ध्यान दें और स्वास्थ्य कर्मियों की सैलरी जारी करवाएं, जिसको लेकर वे प्रोटेस्ट कर रहे हैं.

नई दिल्लीः नॉर्थ एमसीडी के अस्पतालों में पिछले 4 महीने से डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ और क्लेरिकल स्टाफ को सैलरी नहीं मिली है. इसको लेकर जहां नर्सिंग स्टाफ पिछले 3 हफ्ते से प्रोटेस्ट कर रहे हैं, वहीं डॉक्टर भी पेन डाउन प्रोटेस्ट के बाद अब प्रतिदिन 2 घंटे प्रोटेस्ट करना शुरू कर दिया है.

डॉक्टर्स चाहते हैं कि उनकी सैलरी का भुगतान एकमुश्त किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि आगे से ऐसी स्थिति नहीं आएगी. हर महीने के अंत में एक निश्चित तारीख को सैलरी मिल जाएगी, लेकिन इस मामले में इतना लंबा प्रोटेस्ट के बावजूद कोई भी सक्षम अधिकारी सामने आकर प्रोटेस्ट कर रहे इन कोरोना वॉरियर्स को आश्वासन नहीं दे पा रहे हैं.

मौखिक आश्वासन से डॉक्टर्स आश्वस्त नहीं

इस मामले में एक नया मोड़ आ गया है. नॉर्थ एमसीडी की तरफ से सभी स्टाफ को नवंबर महीने तक सैलरी दिए जाने की बात कही गई है, लेकिन यह भी एक मौखिक आश्वासन ही है. इसको लेकर डॉक्टर्स आश्वस्त नहीं हैं. मौखिक आश्वासन में भी ऐसा कुछ नहीं कहा गया है कि पिछले बकाये 4 महीने की सैलरी और अगर नवंबर तक का जोड़ा जाए, तो 6 महीने की सैलरी का भुगतान एक साथ किया जाएगा.

एम्स के डॉक्टर्स का मिला समर्थन

हिंदू राव हॉस्पिटल के डॉक्टर के समर्थन में अब देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने समर्थन किया है. एम्स आरडीए के अध्यक्ष डॉक्टर आदर्श प्रताप सिंह ने कहा कि दिल्ली देश की राजधानी है. यहां नॉर्थ दिल्ली म्युनिसिपल कारपोरेशन के अस्पताल में काम करने वाले नर्सिंग स्टाफ को 4 महीने से सैलरी नहीं दी गई है.

डॉक्टर आदर्श ने कहा कि अधिकारियों को क्या यह समझ में नहीं आ रहा कि अगर उन्हें 4 महीने की सैलरी नहीं दिया जाएगा, तो वो अपनी बेसिक जरूरतें कैसे पूरा करेंगे? मजबूरी में स्वास्थ्य कर्मियों को अपनी सैलरी के लिए सड़क पर उतरना पड़ रहा है. इनका काम मरीजों की देखभाल करना है, लेकिन अब ये मरीजों का इलाज करने की जगह सड़कों पर आकर प्रोटेस्ट कर रहे हैं.

'बिना सैलरी काम करने के लिए किया जा रहा मजबूर'

डॉ. आदर्श ने बताया कि हिंदू राव हॉस्पिटल कोविड-19 हॉस्पिटल है. यहां सिर्फ कोरोना के मरीजों का इलाज हो रहा है. इस अस्पताल में काम कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों को बिना सैलरी के ही काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है. यह बहुत ही गंभीर मामला है. सरकार को जल्दी ही संज्ञान में लेना चाहिए और डॉक्टरों को तुरंत सैलरी जारी किया जाना चाहिए.

स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री को लेटर लिखकर मांगीं मदद

डॉक्टर आदर्श ने बताया कि उन्होंने एम्स आरडीए की तरफ से स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लेटर लिखा है. उनसे आग्रह किया है कि वे इस मामले में तत्काल ध्यान दें और स्वास्थ्य कर्मियों की सैलरी जारी करवाएं, जिसको लेकर वे प्रोटेस्ट कर रहे हैं.

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