नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया. बजट मेंं कई ऐलान हुए, मध्यमवर्ग को रिझाने की कोशिश तो हुई लेकिन महंगे पेट्रोल, डीजल ने आम आदमी को निराश कर दिया है. डीजल पेट्रोल पर अतिरिक्त सेस लगाने का फैसला किया गया है. ईटीवी भारत ने इस मामले पर आम लोगों से राय जानी. जहां अधिकतर लोगों ने इस ऐलान से नाखुशी जताई है.
'बढ़ेगी कई तरीके की महंगाई'
लोगों का कहना है कि पेट्रोल और डीजल आम लोगों से जुड़े होते हैं इसके बढ़ने से इसका सीधा असर आम लोगों की जेब पर पड़ेगा और इससे कई तरीके की महंगाई बढ़ेगी. मंथली सेविंग पर भी असर होगा. क्योंकि पेट्रोल पर ज्यादा खर्च करने पड़ेंगे. ये फैसला जनता पर जबरदस्ती थोपा जा रहा है.
वहीं साथ ही कुछ लोगों का ये भी कहना है कि माल ढुलाई की गाड़ियां डीजल से चलती हैं तो माल ढुलाई जो बढ़ेगी तो इसका असर ये होगा कि जितनी जरूरत की चीजें हैं वो महंगी हो जाएंगी और इसका कहीं न कहीं असर आम आदमी पर भी होगा. इसलिए ये कदम ठीक नहीं है.
कुल मिलाकर लोगों का ये कहना है कि सरकार को आम आदमी के लिए सोचना चाहिए और डीजल पेट्रोल के रेट पर काबू रखना चाहिए.
वहीं व्यापारी वर्ग का कहना है कि जब उनकी जेब पर बोझ पड़ेगा तो कस्टमर को ज्यादा पैसे देने होंगे.