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कोल्ड ड्रिंक में शराब, हथियार की जगह कंडोम, पढ़िए ट्रिपल मर्डर की सबसे बड़ी मिस्ट्री

दिल्ली ट्रिपल मर्डर को अंजाम देने वाला आरोपी मनोज भट्ट बेहद ही शातिर है. वह इस वारदात को अंजाम देने के लिए कोई हथियार नहीं बल्कि अपने साथ कंडोम लेकर गया था.

दिल्ली ट्रिपल मर्डर केस में ध्यान भटकाने की कोशिश
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Published : Jun 27, 2019, 9:10 AM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के वसंत विहार इलाके में कुछ दिन पहले एक बुजुर्ग दंपत्ति और उनकी नौकरानी की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी. हत्या को अंजाम देने वाला आरोपी मनोज भट्ट बेहद ही शातिर है. वह इस वारदात को अंजाम देने के लिए कोई हथियार नहीं बल्कि अपने साथ कंडोम लेकर गया था.

दिल्ली ट्रिपल मर्डर केस में ध्यान भटकाने की कोशिश

आपराधी इसके जरिये पुलिस का ध्यान भटकाना चाहता था. जिसमें वो काफी हद तक कामयाब भी रहा.

ऐसे बना मनोज भट्ट अपराधी
क्राइम ब्रांच द्वारा की गई पूछताछ में मनोज भट्ट ने पुलिस को बताया कि वह दसवीं कक्षा तक पढ़ा है. वह पहले लाजपत नगर में पत्नी के साथ रहता था. वर्ष 2010 में किसी बात पर पत्नी से उसका झगड़ा हो गया. उसने अपने परिचित फकरु एवं उसके दोस्तों से अपनी पत्नी की हत्या करवा दी.

मामले में उसे साजिश के चलते गिरफ्तार किया गया था. पांच साल जेल में रहने के बाद वह बरी हो गया था. वर्ष 2016 में उसकी मुलाकात प्रीति सहरावत से हुई थी. उनके बीच जल्द दोस्ती हो गई और वह लिव-इन में रहने लगे. उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, इसलिए वह कोई बड़ा हाथ मारना चाहता था.

चकमा देने के लिए रखा कंडोम
मनोज ने पुलिस को बताया कि वह अपने साथ एक जोड़ी कपड़े, कोल्ड ड्रिंक की बोतल में शराब और कंडोम लेकर वहां गया था. वह पहले गला दबाकर तीनों को मारना चाहता था, लेकिन बाद में उसने इसके लिए किचन से उठाए गए चाकू का इस्तेमाल किया.

तीनों की हत्या करने के बाद उसने खुशबू के बिस्तर पर कंडोम छोड़ दिया ताकि पुलिस को यह लूट का मामला न लगे. वह चाहता था कि पुलिस इसे खुशबू का प्रेम-प्रसंग, दुष्कर्म आदि समझे. वास्तव में हुआ भी यही छानबीन कर रही लोकल पुलिस ने इसे लूट का मामला नहीं माना.

ऐसे दिया वारदात को अंजाम
पुलिस को किसी भी सूरत में उनका सुराग न लगे, इसके लिए मनोज ने पूरा प्रयास किया. उसने यहां पर किसी भी सीसीटीवी में दोनों का चेहरा नहीं आने दिया. हत्या के बाद उसने चलती हुई बाइक से चाकू फेंक दिया था.

वहीं मारे गए लोगों के मोबाइल उसने एक पोटली में रखकर गुरुग्राम में सड़क किनारे फेंक दिया था. उसे यह भी पता था कि पुलिस टेक्निकल सर्विलांस की मदद से उनकी लोकेशन निकाल सकती है. इसलिए वह दोनों के मोबाइल गुरुग्राम स्थित घर पर ही छोड़कर आया था.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के वसंत विहार इलाके में कुछ दिन पहले एक बुजुर्ग दंपत्ति और उनकी नौकरानी की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी. हत्या को अंजाम देने वाला आरोपी मनोज भट्ट बेहद ही शातिर है. वह इस वारदात को अंजाम देने के लिए कोई हथियार नहीं बल्कि अपने साथ कंडोम लेकर गया था.

दिल्ली ट्रिपल मर्डर केस में ध्यान भटकाने की कोशिश

आपराधी इसके जरिये पुलिस का ध्यान भटकाना चाहता था. जिसमें वो काफी हद तक कामयाब भी रहा.

ऐसे बना मनोज भट्ट अपराधी
क्राइम ब्रांच द्वारा की गई पूछताछ में मनोज भट्ट ने पुलिस को बताया कि वह दसवीं कक्षा तक पढ़ा है. वह पहले लाजपत नगर में पत्नी के साथ रहता था. वर्ष 2010 में किसी बात पर पत्नी से उसका झगड़ा हो गया. उसने अपने परिचित फकरु एवं उसके दोस्तों से अपनी पत्नी की हत्या करवा दी.

मामले में उसे साजिश के चलते गिरफ्तार किया गया था. पांच साल जेल में रहने के बाद वह बरी हो गया था. वर्ष 2016 में उसकी मुलाकात प्रीति सहरावत से हुई थी. उनके बीच जल्द दोस्ती हो गई और वह लिव-इन में रहने लगे. उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, इसलिए वह कोई बड़ा हाथ मारना चाहता था.

चकमा देने के लिए रखा कंडोम
मनोज ने पुलिस को बताया कि वह अपने साथ एक जोड़ी कपड़े, कोल्ड ड्रिंक की बोतल में शराब और कंडोम लेकर वहां गया था. वह पहले गला दबाकर तीनों को मारना चाहता था, लेकिन बाद में उसने इसके लिए किचन से उठाए गए चाकू का इस्तेमाल किया.

तीनों की हत्या करने के बाद उसने खुशबू के बिस्तर पर कंडोम छोड़ दिया ताकि पुलिस को यह लूट का मामला न लगे. वह चाहता था कि पुलिस इसे खुशबू का प्रेम-प्रसंग, दुष्कर्म आदि समझे. वास्तव में हुआ भी यही छानबीन कर रही लोकल पुलिस ने इसे लूट का मामला नहीं माना.

ऐसे दिया वारदात को अंजाम
पुलिस को किसी भी सूरत में उनका सुराग न लगे, इसके लिए मनोज ने पूरा प्रयास किया. उसने यहां पर किसी भी सीसीटीवी में दोनों का चेहरा नहीं आने दिया. हत्या के बाद उसने चलती हुई बाइक से चाकू फेंक दिया था.

वहीं मारे गए लोगों के मोबाइल उसने एक पोटली में रखकर गुरुग्राम में सड़क किनारे फेंक दिया था. उसे यह भी पता था कि पुलिस टेक्निकल सर्विलांस की मदद से उनकी लोकेशन निकाल सकती है. इसलिए वह दोनों के मोबाइल गुरुग्राम स्थित घर पर ही छोड़कर आया था.

Intro:नई दिल्ली
वसंत विहार में ट्रिपल मर्डर को अंजाम देने वाला मनोज भट्ट बेहद शातिर है. वह इस जघन्य अपराध को अंजाम देने के लिए कोई हथियार लेकर नहीं गया था. बल्कि वह अपने साथ कंडोम लेकर गया था. दरअसल इसके जरिये वह पुलिस को बरगलाना चाहता था. इसमें वह काफी हद तक कामयाब भी रहा. लोकल पुलिस यह समझ ही नहीं सकी कि यह हत्या लूट के लिए की गई है. वह प्रेम प्रसंग से लेकर सेक्स के कोण पर जांच में लगे रहे.


Body:क्राइम ब्रांच द्वारा की गई पूछताछ में मनोज भट्ट ने पुलिस को बताया कि वह दसवीं कक्षा तक पढ़ा है. वह पहले लाजपत नगर में पत्नी के साथ रहता था. वर्ष 2010 में किसी बात पर पत्नी से उसका झगड़ा हो गया. उसने अपने परिचित फकरु एवं उसके दोस्तों से अपनी पत्नी की हत्या करवा दी. इस मामले में उसे साजिश के चलते गिरफ्तार किया गया था. पांच साल जेल में रहने के बाद इस मामले में वह बरी हो गया था. वर्ष 2016 में उसकी मुलाकात प्रीति सहरावत से हुई थी. उनके बीच जल्द दोस्ती हो गई और वह लिव-इन में रहने लगे. उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, इसलिए वह कोई बड़ा हाथ मारना चाहता था.



पुलिस को चकमा देने के लिए रखा कंडोम
मनोज ने पुलिस को बताया कि वह अपने एक जोड़ी कपड़े, कोल्ड ड्रिंक की बोतल में शराब और कंडोम लेकर वहां गया था. वह पहले गला दबाकर तीनों को मारना चाहता था, लेकिन बाद में उसने इसके लिए किचन से उठाए गए चाकू का इस्तेमाल किया. तीनों की हत्या करने के बाद उसने खुशबू के बिस्तर पर कंडोम छोड़ दिया ताकि पुलिस को यह लूट का मामला न लगे. वह चाहता था कि पुलिस इसे खुशबू का प्रेम-प्रसंग, दुष्कर्म आदि समझे. वास्तव में हुआ भी यही छानबीन कर रही लोकल पुलिस ने इसे लूट का मामला नहीं माना.




Conclusion:पुलिस से बचने के लिए बरती सावधानी
पुलिस को किसी भी सूरत में उनका सुराग न लगे, इसके लिए मनोज ने पूरा प्रयास किया. उसने यहां पर किसी भी सीसीटीवी में दोनों का चेहरा नहीं आने दिया. हत्या के बाद उसने चलती हुई बाइक से चाकू फेंक दिया था. वहीं मारे गए लोगों के मोबाइल उसने एक पोटली में रखकर गुरुग्राम में सड़क किनारे फेंक दिया था. उसे यह भी पता था कि पुलिस टेक्निकल सर्विलांस की मदद से उनकी लोकेशन निकाल सकती है. इसलिए वह दोनों के मोबाइल गुरुग्राम स्थित घर पर ही छोड़कर आया था.

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