नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में स्थित पार्थ सारथी रॉक्स (पीएसआर) के प्रवेश गेट पर जेएनयू प्रशासन द्वारा ताला लगाए जाने के बाद शुरू हुआ विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. प्रशासन द्वारा पीएसआर पर ताला लगाए जाने के विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने साबरमती ढाबे पर प्रदर्शन किया.
इस दौरान एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने कुलपति का पुतला फूंका और वाइस चांसलर प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार, डीन ऑफ स्टूडेंट उमेश कदम और चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर नवीन यादव के खिलाफ नारेबाजी की. बता दें कि बुधवार को छात्रों ने पीएसआर के प्रवेश द्वार पर प्रशासन द्वारा लगाए गए ताले को भी तोड़ दिया था. वहीं इस प्रदर्शन को लेकर एबीवीपी जेएनयू इकाई के अध्यक्ष दुर्गेश कुमार ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि विद्यार्थी परिषद शुरू से ही जेएनयू प्रशासन के इस तानाशाही रवैए के खिलाफ है.
'यह फैसला मानसिक दिवालियापन की निशानी है'
उन्होंने कहा कि प्रशासन अपनी नाकामी छुपाने के लिए पीएसआर पर गार्ड तैनात करने के बजाए वहां पर ताला लगाकर इस तरह से छात्रों को पीएसआर पर जाने से नहीं रोक पाएगी. साथ ही उन्होंने कहा कि यह फैसला प्रशासन के मानसिक दिवालियापन की निशानी है.
छात्रों द्वारा जारी रहेगी आंदोलन
वहीं उन्होंने कहा कि यूनियन की निष्क्रियता के इस दौर में एबीवीपी पूरी तरह से छात्रों के साथ खड़ी है और तब तक आंदोलन जारी रखेगी, जब तक प्रशासन अपने निर्णय को वापस नहीं ले लेता. दुर्गेश ने छात्रों को आश्वस्त करते हुए कहा कि एबीबीपी हमेशा जेएनयू छात्रों से जुड़े मुद्दों को इसी तरह उठाती रहेगी और उसके समाधान मिलने तक संघर्ष करती रहेगी.