नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक नरेश कुमार यादव ने बुधवार को महरौली में अतिक्रमण हटाओ अभियान को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका वापस ले ली. दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) इस इलाके में पिछले पांच दिनों से अभियान चलाए हुए हैं. डीडीए के अनुसार, इस अभियान का उद्देश्य सरकार की भूमि पर अनधिकृत अतिक्रमण को हटाना है, जिसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के संरक्षित स्मारक शामिल हैं. नरेश कुमार यादव महरौली क्षेत्र से विधायक हैं.
जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने याचिका को वापस लिए जाने के बाद इसे खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि अगर वे चाहें तो जनहित याचिका (पीआईएल) दायर कर सकते हैं. यादव ने अपने वकील मोहित गुप्ता के माध्यम से याचिका दायर की थी और दावा किया था कि अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई क्षेत्र के लगभग एक लाख निवासियों को प्रभावित करने वाली है. वहीं कुछ इमारतों पर अत्यधिक जल्दबाजी करने का भी आरोप लगाया. याचिकाकर्ता के वकील की शुरुआती दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि रिट सार्वजनिक प्रकृति की है, क्योंकि सिर्फ याचिकाकर्ता इस मामले में पीड़ित नहीं है. वह जनहित याचिका दाखिल कर सकता है.
याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट से कहा कि यह मामला हजारों लोगों से संबंधित है और याचिकाकर्ता भी क्षेत्र से एक निर्वाचित प्रतिनिधि है. वहीं एकलव्य कालरा और अन्य द्वारा दायर एक अन्य मामले में, अदालत ने डीडीए को नोटिस जारी किया और अदालत ने वकील को इस संबंध में निर्देश देने को कहा. अब इस मामले को सुनवाई के लिए गुरुवार को सूचीबद्ध किया गया है. पीठ ने सुनवाई की अगली तारीख तक यथास्थिति बनाए रखने का भी निर्देश दिया. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि अतिक्रमण वाले जगह पर एक नोटिस चिपकाया गया था, जो हटाए जाने वाली इमारतों की सूची में नहीं था. उनकी और अन्य संपत्तियों पर नोटिस क्यों चिपकाया गया था?
जस्टिस प्रतिभा एम सिंह की एक अन्य पीठ ने भी डेरा मंडी में अतिक्रमण हटाए जाने से संबंधित एक मामले की सुनवाई की. अदालत ने इस पर रोक लगा दी और इसी तरह के मामले की सुनवाई कर रही एक अन्य पीठ के समक्ष मामले को सूचीबद्ध किया. वकील कवलप्रीत कौर ने कहा कि यह मामला अतिक्रमण हटाए जाने से संबंधित है. यह अतिक्रमण हटाओ अभियान डीडीए द्वारा 10 फरवरी को दिल्ली पुलिस के समन्वय से महरौली पुरातत्व पार्क में पड़ने वाले लधा सराय गांव में शुरू किया गया था.