नई दिल्ली: दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में OYO और आईबीबों जैसी कंपनियों के लिए अलग से पॉलिसी बनाने की मांग उठी है. AAP ने लोगों की सुरक्षा का हवाला देते हुए स्टैंडिंग कमिटी में ये मांग रखी है.
'आप' नेता ने लगाया आरोप
निगम में विपक्ष के नेता और आम आदमी पार्टी के पार्षद नरेंद्र गिरसा ने इन कंपनियों पर रिहायशी इलाकों में कमर्शियल गतिविधियां करने का आरोप लगाया है. इसके लिए उन्होंने पश्चिमी दिल्ली में नजफगढ़ जोन के रामफल चौक का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां 50 से भी ज्यादा होटल हैं जबकि पूरा इलाका रिहायशी है.
'बिना लाइसेंस के चल रही हैं कंपनियां'
गिरसा ने कहा कि रिहायशी इलाकों में गतिविधियां करने वाली यह कंपनियां लोगों को सेवाएं तो देती हैं लेकिन इनके पास कोई लाइसेंस नहीं होता. इनकी किसी के प्रति जवाबदेही नहीं होती. मसलन रिहायशी इलाकों में होने के चलते ना तो इनसे कोई अग्निशामक यंत्र के विषय में पूछता है और न ही कमर्शियल मीटर के बारे में.
कंपनियों के लिए बनाई जाए पॉलिसी
उन्होंने कहा कि ऐसी कंपनियों के लिए एक पॉलिसी बनाई जानी चाहिए. जिससे लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर इनमें कुछ कायदे-कानून भी हों. उन्होंने दलील दी कि ऐसा करने से न सिर्फ निगम को राजस्व की प्राप्ति होगी बल्कि लोगों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सकेगी. हालांकि अन्य सदस्यों ने इस पर प्रतिक्रिया नहीं दी लेकिन माना जा रहा है कि इस पर गंभीरता से विचार किया जा सकता है.
वहीं नेता सदन कमलजीत सहरावत ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि वो इस बात से सहमत नहीं है कि ऐसे होटलों से कमर्शियल चार्ज नहीं लिया जाता. उन्होंने कहा कि विपक्ष की नेता ने जो भी कहा है उस पर ध्यान दिया जाएगा. हालांकि ये कहना गलत होगा कि निगम ऐसी गतिविधियों पर ध्यान नहीं देती.