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National Lok Adalat: 28 साल पुराने मामले का आपसी सहमति से हुआ निपटारा - शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन

डीएसएलएसए द्वारा दिल्ली के सभी सात कोर्ट कॉम्प्लेक्स में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. इस दौरान तिलक नगर थाने में दर्ज एक 28 साल पुराने मामले का निपटारा किया गया. वहीं, द्वारका कोर्ट में लगी लोक अदालत में मोटर एक्सीडेंट क्लेम (एमएसीटी) के तहत पीड़ित को एक करोड़ 24 लाख रूपये का मुआवजा देने का फैसला सुनाया गया.

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Published : May 14, 2023, 10:39 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएसएलएसए) द्वारा दिल्ली के सभी सात कोर्ट कॉम्प्लेक्स में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. इस दौरान तिलक नगर थाने में दर्ज एक 28 साल पुराने मामले का निपटारा किया गया. यह केस वर्ष 1995 में गोपाल वर्सेज राज्य सरकार के बीच दर्ज हुआ था. दोनों पक्षों की सहमति से इस केस का निपटारा लोक अदालत की बेंच ने किया.

वहीं, द्वारका कोर्ट में लगी लोक अदालत में मोटर एक्सीडेंट क्लेम (एमएसीटी) के एक मामले आशा रानी वर्सेज दिनेश का भी निपटारा हुआ, जिसमें बीमा कंपनी द्वारा पीड़ित को एक करोड़ 24 लाख रूपये का मुआवजा देने का फैसला सुनाते हुए मामले का निपटारा किया गया. इसके अलावा क्रिमिनल कंपाउंडेबल, चेक बाउंस, बैंक रिकवरी, बिजली बिल डिस्पुट, मोटर एक्सीडेंट क्लेम, मैरिज डिसपुट, भूमि अधिग्रहण, श्रमिक मामलों सहित कुल एक लाख 66 हजार 631 मामलों का निपटारा किया गया. साथ ही 156.92 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ. निपटाए गए मामलों में एक लाख 36 हजार से अधिक यातायात चालानों का निपटारा भी शामिल है.

लोक अदालत के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश एवं डीएसएलएसए के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल ने साकेत कोर्ट का दौरा कर लोक अदालत की व्यवस्थाओं का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने मामलों का निपटारा कर रहे न्यायिक अधिकारियों और एसोसिएट सदस्यों से बातचीत भी की. इस दौरान उनके साथ दक्षिणी जिला की प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश शैलेंदर कौर, दक्षिण पूर्वी जिले की प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश रेनू भटनागर और डीएसएलएसए के सदस्य सचिव मुकेश कुमार गुप्ता भी मौजूद रहे.

राष्ट्रीय लोक अदालत के अलावा बिजली बिल से संबंधित मामलों की स्थाई लोक अदालत और बकाया वसूली न्यायाधिकरण द्वारा निपटाए गए मामलों से भी सरकारी खजाने को बड़ी धनराशि प्राप्त हुई. अगर लोक अदालत और अन्य संस्थाओं द्वारा निपटाए गए मामलों और कुल राजस्व की बात करें तो एक दिन में ही कुल एक लाख 67 हजार 693 मामले निपटे और 3099.63 करोड़ रूपये का राजस्व आया. अब अगली राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन नौ सितंबर को होगा.

आंकड़ों की नजर से लोक अदालत

  1. लोक अदालत में आए कुल मामले- 2,34,671
  2. लोक अदालत में निपटाए गए मामले- 1,66,631
  3. मामलों के निपटारे से प्राप्त राजस्व- 156.92 करोड़
  4. लोक अदालत में आए कुल यातायात चालान- 1,55,000
  5. लोक अदालत में निपटाए गए यातायात चालान- 1,36,665
  6. निपटाए गए यातायात चालान से प्राप्त राजस्व- 1.18 करोड़
  7. लोक अदालत में निपटाए गए एमएसीटी के मामले- 541
  8. निपटाए गए एमएसीटी के मामलों से प्राप्त राजस्व- 43.42 करोड़
  9. उपभोक्ता आयोग द्वारा लोक अदालत में निपटे मामले- 134
  10. उपभोक्ता आयोग से निपटे मामलों से प्राप्त राजस्व- 4.92 करोड़
  11. बिजली मामलों की स्थाई लोक अदालत में आए मामले- 721
  12. बिजली मामलों के निपटारे से प्राप्त राजस्व- 1.78 करोड़ रूपये
  13. बकाया वसूली न्यायाधिकरण द्वारा निपटाए गए मामले- 174
  14. न्यायाधिकरण द्वारा निपटाए मामलों से प्राप्त राजस्व- 2933.34 करोड़

ये भी पढ़ेंः Delhi Weather: दिल्ली में धूल भरी आंधी चलने की आशंका, इस दिन हो सकती है बारिश, जानें ताजा अपडेट

नई दिल्ली: दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएसएलएसए) द्वारा दिल्ली के सभी सात कोर्ट कॉम्प्लेक्स में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. इस दौरान तिलक नगर थाने में दर्ज एक 28 साल पुराने मामले का निपटारा किया गया. यह केस वर्ष 1995 में गोपाल वर्सेज राज्य सरकार के बीच दर्ज हुआ था. दोनों पक्षों की सहमति से इस केस का निपटारा लोक अदालत की बेंच ने किया.

वहीं, द्वारका कोर्ट में लगी लोक अदालत में मोटर एक्सीडेंट क्लेम (एमएसीटी) के एक मामले आशा रानी वर्सेज दिनेश का भी निपटारा हुआ, जिसमें बीमा कंपनी द्वारा पीड़ित को एक करोड़ 24 लाख रूपये का मुआवजा देने का फैसला सुनाते हुए मामले का निपटारा किया गया. इसके अलावा क्रिमिनल कंपाउंडेबल, चेक बाउंस, बैंक रिकवरी, बिजली बिल डिस्पुट, मोटर एक्सीडेंट क्लेम, मैरिज डिसपुट, भूमि अधिग्रहण, श्रमिक मामलों सहित कुल एक लाख 66 हजार 631 मामलों का निपटारा किया गया. साथ ही 156.92 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ. निपटाए गए मामलों में एक लाख 36 हजार से अधिक यातायात चालानों का निपटारा भी शामिल है.

लोक अदालत के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश एवं डीएसएलएसए के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल ने साकेत कोर्ट का दौरा कर लोक अदालत की व्यवस्थाओं का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने मामलों का निपटारा कर रहे न्यायिक अधिकारियों और एसोसिएट सदस्यों से बातचीत भी की. इस दौरान उनके साथ दक्षिणी जिला की प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश शैलेंदर कौर, दक्षिण पूर्वी जिले की प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश रेनू भटनागर और डीएसएलएसए के सदस्य सचिव मुकेश कुमार गुप्ता भी मौजूद रहे.

राष्ट्रीय लोक अदालत के अलावा बिजली बिल से संबंधित मामलों की स्थाई लोक अदालत और बकाया वसूली न्यायाधिकरण द्वारा निपटाए गए मामलों से भी सरकारी खजाने को बड़ी धनराशि प्राप्त हुई. अगर लोक अदालत और अन्य संस्थाओं द्वारा निपटाए गए मामलों और कुल राजस्व की बात करें तो एक दिन में ही कुल एक लाख 67 हजार 693 मामले निपटे और 3099.63 करोड़ रूपये का राजस्व आया. अब अगली राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन नौ सितंबर को होगा.

आंकड़ों की नजर से लोक अदालत

  1. लोक अदालत में आए कुल मामले- 2,34,671
  2. लोक अदालत में निपटाए गए मामले- 1,66,631
  3. मामलों के निपटारे से प्राप्त राजस्व- 156.92 करोड़
  4. लोक अदालत में आए कुल यातायात चालान- 1,55,000
  5. लोक अदालत में निपटाए गए यातायात चालान- 1,36,665
  6. निपटाए गए यातायात चालान से प्राप्त राजस्व- 1.18 करोड़
  7. लोक अदालत में निपटाए गए एमएसीटी के मामले- 541
  8. निपटाए गए एमएसीटी के मामलों से प्राप्त राजस्व- 43.42 करोड़
  9. उपभोक्ता आयोग द्वारा लोक अदालत में निपटे मामले- 134
  10. उपभोक्ता आयोग से निपटे मामलों से प्राप्त राजस्व- 4.92 करोड़
  11. बिजली मामलों की स्थाई लोक अदालत में आए मामले- 721
  12. बिजली मामलों के निपटारे से प्राप्त राजस्व- 1.78 करोड़ रूपये
  13. बकाया वसूली न्यायाधिकरण द्वारा निपटाए गए मामले- 174
  14. न्यायाधिकरण द्वारा निपटाए मामलों से प्राप्त राजस्व- 2933.34 करोड़

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