नई दिल्ली: कोरोना की दूसरी लहर कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में लगे डॉक्टर के लिए काफी घातक साबित हो रही है. दिल्ली समेत पूरे देश भर में सैकड़ों डॉक्टर्स की मौत कोरोना संक्रमण की वजह से हो गई है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने इसको लेकर चिंता जाहिर की है और एक लिस्ट जारी की है, जिसमें कोरोना संक्रमण से मरने वाले डॉक्टर की संख्या बताई गई है.
इस लिस्ट के मुताबिक पूरे देश भर में कोरोना की दूसरी लहर में 420 डॉक्टर्स और अकेले दिल्ली में 100 डॉक्टर्स की मौत हुई है. हैरानी की बात यह है कि इनमें ऐसे डॉक्टर्स भी काफी संख्या में शामिल हैं, जिन्होंने कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज ले लिए थे.
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वैक्सीन के दोनों डोज ले चुके 12 डॉक्टर्स की मौत
आईएमए के मुताबिक दिल्ली में कम से कम 12 ऐसे डॉक्टर से जिन्होंने कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लिए थे, लेकिन इसके बावजूद वह कोरोना संक्रमित हुए और इनमें से सभी की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल इसके एक उदाहरण हैं.
हालांकि केंद्र सरकार ने कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लेने के बावजूद जान गंवाने वाले डॉक्टर की बढ़ती संख्या को देखते हुए चिंता जाहिर की है. हालांकि नीति आयोग ने भी स्पष्ट किया है कि भारत में बनने वाले दोनों टीके को इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति दी गई है.
जाहिर है इससे संबंधित आंकड़े अभी पूरे नहीं हुए हैं. आंकड़े कलेक्ट किए जा रहे हैं. उनकी स्टडी के बाद वैक्सीन की एफिकेसी बढ़ाने की दिशा में काम किया जाएगा.
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'अधूरी वैक्सीन से फुलप्रूफ सुरक्षा की उम्मीद उचित नहीं'
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा जारी सूची के मुताबिक कोरोना की पहली लहर में दिल्ली में केवल 23 डॉक्टर्स की कोरोना संक्रमण की वजह से मौत हुई थी. वहीं कोरोना की दूसरी लहर में ज्यादातर डॉक्टर्स के वैक्सीन के दोनों डोज लेने के बावजूद 100 डॉक्टर्स की अब तक मौत हो चुकी है. आईएमए का यह आंकड़ा काफी डराने वाला है. यह आंकड़ा यहीं तक सीमित नहीं है. हर रोज डॉक्टर्स की मौत का सिलसिला जारी है.
एक अप्रैल से 15 मई तक अकेले दिल्ली में 100 डॉक्टर्स की मौत
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के महासचिव डॉ जयेश लेले बताते हैं कि उन्हें यह जानकारी देते हुए बहुत दुख हो रहा है कि 1 अप्रैल से 15 मई के बीच लगभग डेढ़ महीने के दौरान पूरे देश भर में 400 से अधिक डॉक्टर्स के कोरोना संक्रमण से मौत हो चुकी है. कोरोना की पहली लहर में दिसंबर 2020 तक पूरे देश में 740 डॉक्टर्स की मृत्यु हुई थी. दूसरी लहर इतनी खतरनाक क्यों है?
इसके बारे में डॉक्टर जयेश बताते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर में मरीजों की संख्या 4 गुना बढ़ गई है. जुलाई और सितंबर तक कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या पीक टाइम में 94000 तक पहुंच गई थी. 1 अप्रैल 2021 के बाद कोरोना मरीजों की संख्या जो बढ़ना शुरू हुई वह चार लाख के पास तक पहुंच गई.
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लगभग 20 दिनों तक 3.50 लाख से ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज लगातार बने रहे. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पैरामेडिकल स्टाफ और डॉक्टर्स के ऊपर मरीजों का कितना बड़ा दबाव रहा होगा. 15 घंटे तक लगातार उन्हें काम करना पड़ता है. पर्याप्त आराम उन्हें नहीं मिल पाता है. इस दौरान अगर कोरोना संक्रमित हुए तो कमजोर इम्युनिटी की वजह से उनका वायरल लोड अधिक होता है. इसीलिए ज्यादा संख्या में डॉक्टर्स की कोरोना संक्रमण से मौत हो रही है.
डॉक्टर्स को बचाने की अपील
डॉ. जयेश लेले ने सरकार से डॉक्टर से उनके परिवारों की आर्थिक सुरक्षा की मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने आगे इस तरह की कंडीशन ना आए इसके लिए अधिक संख्या में डॉक्टर्स की नियुक्ति करने की मांग की है ताकि एक डॉक्टर के ऊपर ज्यादा वर्क लोड ना हो.
पिछले डेढ़ वर्षों से कोरोना से लड़ते हुए काफी डर गए हैं, बीमार हो रहे हैं. जब डॉक्टर ही नहीं बचेंगे तो मरीजों का इलाज कौन करेगा? इसलिए डॉक्टर की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी होगी.