नई दिल्ली: ऑटो किराए में बढ़ोतरी के बाद टैक्सी चालकों ने अब अपनी मांगों को लेकर आवाज बुलंद कर दी है. इन मांगों में स्पीड गवर्नर और जीपीएस जैसी अनिवार्यताओं को हटाने, निजी कंपनियों पर लगाम कसने और किराए में संशोधन जैसे बिंदु शामिल हैं. इसी को लेकर अब टैक्सी चालक यूनियन सड़कों पर उतरने की चेतावनी दे रही है.
टैक्सी यूनियन का हल्ला बोल
ऑटो किराए में बढ़ोतरी के बाद अब आम आदमी पार्टी सरकार घिर गई है. अब टैक्सी यूनियन किराये में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं. आरोप लग रहे हैं कि दिल्ली सरकार ओला और उबर जैसी निजी कंपनियों को बढ़ावा दे रही है.
टैक्सी चालक देव कुमार कहते हैं कि ऑटो का किराया तो बढ़ा दिया गया है लेकिन 2009 के बाद टैक्सी चालकों की कोई सुनवाई नहीं हुई है. वो कहते हैं कि शीला दीक्षित सरकार ने वादा किया था कि समय-समय पर टैक्सी का किराया बढ़ेगा. इसी तरह का वायदा अरविंद केजरीवाल सरकार ने भी किया था, इसके लिए कमेटी भी बनाई गई थी पर किराया नहीं बढ़ाया गया. जबकि महंगाई दो सौ गुना बढ़ गई है. इसमें गाड़ियों की खरीद भी शामिल है.
'OLA-Uber को फायदा पहुंचा रही सरकार'
टैक्सी चालक दयाराम केजरीवाल सरकार की आलोचना करते हुए कहते हैं कि सरकार ने ना तो अब तक GPS की अनिवार्यता खत्म की है और ना ही स्पीड गवर्नर को लेकर कोई समाधान हो रहा है. जीपीएस और स्पीड गवर्नर से कोई फायदा तो होता नहीं बल्कि टैक्सी वालों की जेब पर बोझ जरूर पड़ जाता है. वो कहते हैं कि ये सब ओला-उबर के लिए किया जा रहा है.
ऑटो के साथ टैक्सी का किराया भी बढ़े- महामंत्री यूनियन
दिल्ली ऑटो रिक्शा संघ और दिल्ली प्रदेश टैक्सी यूनियन के महामंत्री राजेन्द्र सोनी कहते हैं कि वो तो शुरू से ही इस पक्ष में हैं कि ऑटो के साथ टैक्सियों का किराया भी बढ़ना चाहिए था. उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है जब ऑटो का किराया तो बढ़ाया गया है पर टैक्सियों के विषय में कुछ भी तय नहीं किया गया है.
सोनी कहते हैं कि ये केजरीवाल सरकार का गलत फैसला है और वो इसके खिलाफ आने वाले दिनों में अपनी आवाज उठाएंगे.
उधर ऑल दिल्ली ऑटो टैक्सी ट्रांसपोर्ट कांग्रेस यूनियन के अध्यक्ष किशन वर्मा ने कहा कि किराया बढ़ाने का फैसला टैक्सी यूनियन चालकों के हित में नहीं है. यहां तक कि सरकार को ऑटो का बढ़ा हुआ किराया भी वापस ले लेना चाहिए. किशन वर्मा कहते हैं कि अभी के समय में निजी कंपनियों के आने के चलते टैक्सी वाले पहले ही मुश्किलों का सामना कर रहे हैं.
स्पीड गवर्नर और जीपीएस जैसे नियमों ने चालकों की जान निकाल रखी है. ऐसे में किराया बढ़ाना टैक्सी चालकों के हित में नहीं होगा. उन्होंने कहा कि सरकार को पहले स्पीड गवर्नर और जीपीएस से संबंधित मांगों पर सुनवाई करनी चाहिए. साथ ही ओला-उबर जैसी कंपनियों पर लगाम लगानी चाहिए. किशन वर्मा कहते हैं कि आने वाले दिनों में वो इस मांग को लेकर ही सड़कों पर उतरेंगे.
बता दें कि इससे पहले साल 2013 में टैक्सी किराए में बढ़ोतरी की गई थी. अभी के समय में लोगों को टैक्सी के लिए 25 रुपए शुरुआती किलोमीटर और उसके बाद 14 रुपये प्रति किलोमीटर नॉन-एसी और 16 रुपये प्रति किलोमीटर एसी टैक्सियों के लिए देना पड़ता है. टैक्सी वालों का कहना है कि किराया बढ़ोतरी से पहले उनके सामने अभी के समय में बहुत सी परेशानियां हैं जिनका समाधान दिल्ली सरकार को करना चाहिए.