ETV Bharat / state

Spine 20 annual summit: रीढ़ की दर्द से 80% लोग परेशान, दिव्यांगता से बचने के लिए जान लें बचाव के उपाय - Spine 20 Annual Summit

नई दिल्ली स्थित इंडिया हैबिटेट सेंटर में स्पाइन 20 वार्षिक शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया. इसमें पूरे देश से स्पाइन प्रोफेशनल्स और इस फील्ड से जुड़े अन्य लोगों ने हिस्सा लिया. रीढ़ की हड्डी की देखभाल को लेकर कई चर्चा हुई.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Aug 10, 2023, 7:36 PM IST

Updated : Aug 10, 2023, 9:21 PM IST

समिट में स्पाइन संबंधित परेशानियों पर चर्चा

नई दिल्ली: इंडिया हैबिटेट सेंटर में गुरुवार को चौथा स्पाइन-20 वार्षिक शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया. आयोजन एसोसिएशन ऑफ स्पाइन सर्जन्स ऑफ इंडिया (एएसएसआई) ने किया था. सम्मेलन में देश और दुनिया की स्पाइन सोसाइटीज ने हिस्सा लिया और रीढ़ की हड्डी की देखभाल के बारे में गंभीर मंथन किया. एएसएसआई के अध्यक्ष डॉ. सौम्यजीत बसु ने बताया कि स्पाइन केयर को लेकर भी लोगों को जागरूक करने की जरूरत है. इसके लिए एसोसिएशन केंद्र सरकार को राष्ट्रीय कार्यक्रम चलाने के लिए एक प्रस्ताव भेजेगा.

स्पाइन-20 वार्षिक शिखर के चौथे सम्मेलन का आयोजन भारत में हुआ. आयोजन में दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से अनुभवी स्पाइन सर्जन्स, रिहेबिलिटेशन एक्सपर्ट्स, ग्राहक, प्रशासक और विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारी शामिल हुए. इन लोगों ने रीढ़ की हड्डी की देखभाल और उससे जुड़ी बीमारियों को ठीक करने के लिए नए समाधान तलाश करने के बारे में विचार साझा किए. इस वर्ष की थीम, 'एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य : रीढ़ की दिव्यांगता के बिना' रखी गई है. डॉक्टर बसु ने बताया कि स्पाइन-20' एक सलाहकार समूह है, जिसकी स्थापना यूरोस्पाइन, द जर्मन स्पाइन सोसाइटी, नॉर्थ अमेरिकन स्पाइन सोसाइटी और सऊदी स्पाइन सोसाइटी ने मिलकर की थी. इसके अलावा, इस समूह से दुनियाभर की 33 भागीदार सोसाइटीज भी जुड़ी हुई हैं.

etv gfx
etv gfx

कार्यक्रम में पूरे भारत से 18 स्पाइन प्रोफेशनल्स और कंज्यूमर सोसाइटीज ने हिस्सा लिया. दुनियाभर की 37 भागीदार सोसाइटीज ने इस कार्यक्रम में भाग लिया. अतिथियों और वक्ताओं में नीति आयोग के पूर्व सीईओ और जी-20 शेरपा अमिताभकांत, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव लव अग्रवाल और डब्ल्यूएचओ रिहेबिलिटेशन प्रोग्राम, 2030 के सलाहकार मिस एलेक्जेंडर राउच भी शामिल रहे.

स्पीकर-इलेक्ट स्पाइन-20 सैमी ने कहा कि भारत और अन्य विकासशील देशों में स्पाइन केयर पर ध्यान देने की बहुत जरूरत है. विशेष रूप से कमर के दर्द और रीढ़ की हड्डी से जुड़ी अन्य परेशानियां ऐसे कारण हैं, जिनसे लोगों के स्वास्थ्य पर काफी असर होता है.

etv gfx
etv gfx

ये भी पढ़ें: हेलमेट बन सकता है हेयर फ्रैक्चर और हेयर ट्रोमा का कारण, बढ़े मरीज, जानिए कैसे रखें ख्याल

स्पाइन सर्जन और कार्यक्रम के संचालक डॉ. एच. एस. छाबड़ा ने कहा कि जनसंख्या के कम से कम 80 प्रतिशत लोगों को जीवन में कभी न कभी कमर के दर्द से जूझना पड़ता है, जो पूरी दुनिया में ज्यादातर देशों में दिव्यांगता का सबसे आम कारण है. स्पाइन वेलनेस में सुधार और रीढ़ की बीमारियां दूर करने पर ध्यान देने की बहुत अधिक जरूरत है. इस वर्ष जी-20 देशों के लिए प्रमुख सिफारिशों में 'नेशनल स्पाइन केयर प्रोग्राम' चलाना भी है.

स्पाइन 20 वार्षिक शिखर सम्मेलन
स्पाइन 20 वार्षिक शिखर सम्मेलन

स्पाइन-20 विभिन्न तरीकों से रीढ़ की बीमारियों का बोझ कम करना चाहती है. इन तरीकों में रीढ़ की हड्डी की बेहतर सेहत को बढ़ावा देना, रीढ़ की हड्डी के बारे में आधुनिक तरीकों से शोध कराना, बेहतर स्पाइन इनोवेशन पाथवेज और नीतियों और सरकारी सहायता से रीढ़ की देखभाल व इलाज में सुधार लाना शामिल है.

ये भी पढ़ें: DELHI AIIMS: एम्स में अंगदान करने वालों के परिवार को किया गया सम्मानित, लोगों को अंगदान के बताए फायदे

समिट में स्पाइन संबंधित परेशानियों पर चर्चा

नई दिल्ली: इंडिया हैबिटेट सेंटर में गुरुवार को चौथा स्पाइन-20 वार्षिक शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया. आयोजन एसोसिएशन ऑफ स्पाइन सर्जन्स ऑफ इंडिया (एएसएसआई) ने किया था. सम्मेलन में देश और दुनिया की स्पाइन सोसाइटीज ने हिस्सा लिया और रीढ़ की हड्डी की देखभाल के बारे में गंभीर मंथन किया. एएसएसआई के अध्यक्ष डॉ. सौम्यजीत बसु ने बताया कि स्पाइन केयर को लेकर भी लोगों को जागरूक करने की जरूरत है. इसके लिए एसोसिएशन केंद्र सरकार को राष्ट्रीय कार्यक्रम चलाने के लिए एक प्रस्ताव भेजेगा.

स्पाइन-20 वार्षिक शिखर के चौथे सम्मेलन का आयोजन भारत में हुआ. आयोजन में दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से अनुभवी स्पाइन सर्जन्स, रिहेबिलिटेशन एक्सपर्ट्स, ग्राहक, प्रशासक और विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारी शामिल हुए. इन लोगों ने रीढ़ की हड्डी की देखभाल और उससे जुड़ी बीमारियों को ठीक करने के लिए नए समाधान तलाश करने के बारे में विचार साझा किए. इस वर्ष की थीम, 'एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य : रीढ़ की दिव्यांगता के बिना' रखी गई है. डॉक्टर बसु ने बताया कि स्पाइन-20' एक सलाहकार समूह है, जिसकी स्थापना यूरोस्पाइन, द जर्मन स्पाइन सोसाइटी, नॉर्थ अमेरिकन स्पाइन सोसाइटी और सऊदी स्पाइन सोसाइटी ने मिलकर की थी. इसके अलावा, इस समूह से दुनियाभर की 33 भागीदार सोसाइटीज भी जुड़ी हुई हैं.

etv gfx
etv gfx

कार्यक्रम में पूरे भारत से 18 स्पाइन प्रोफेशनल्स और कंज्यूमर सोसाइटीज ने हिस्सा लिया. दुनियाभर की 37 भागीदार सोसाइटीज ने इस कार्यक्रम में भाग लिया. अतिथियों और वक्ताओं में नीति आयोग के पूर्व सीईओ और जी-20 शेरपा अमिताभकांत, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव लव अग्रवाल और डब्ल्यूएचओ रिहेबिलिटेशन प्रोग्राम, 2030 के सलाहकार मिस एलेक्जेंडर राउच भी शामिल रहे.

स्पीकर-इलेक्ट स्पाइन-20 सैमी ने कहा कि भारत और अन्य विकासशील देशों में स्पाइन केयर पर ध्यान देने की बहुत जरूरत है. विशेष रूप से कमर के दर्द और रीढ़ की हड्डी से जुड़ी अन्य परेशानियां ऐसे कारण हैं, जिनसे लोगों के स्वास्थ्य पर काफी असर होता है.

etv gfx
etv gfx

ये भी पढ़ें: हेलमेट बन सकता है हेयर फ्रैक्चर और हेयर ट्रोमा का कारण, बढ़े मरीज, जानिए कैसे रखें ख्याल

स्पाइन सर्जन और कार्यक्रम के संचालक डॉ. एच. एस. छाबड़ा ने कहा कि जनसंख्या के कम से कम 80 प्रतिशत लोगों को जीवन में कभी न कभी कमर के दर्द से जूझना पड़ता है, जो पूरी दुनिया में ज्यादातर देशों में दिव्यांगता का सबसे आम कारण है. स्पाइन वेलनेस में सुधार और रीढ़ की बीमारियां दूर करने पर ध्यान देने की बहुत अधिक जरूरत है. इस वर्ष जी-20 देशों के लिए प्रमुख सिफारिशों में 'नेशनल स्पाइन केयर प्रोग्राम' चलाना भी है.

स्पाइन 20 वार्षिक शिखर सम्मेलन
स्पाइन 20 वार्षिक शिखर सम्मेलन

स्पाइन-20 विभिन्न तरीकों से रीढ़ की बीमारियों का बोझ कम करना चाहती है. इन तरीकों में रीढ़ की हड्डी की बेहतर सेहत को बढ़ावा देना, रीढ़ की हड्डी के बारे में आधुनिक तरीकों से शोध कराना, बेहतर स्पाइन इनोवेशन पाथवेज और नीतियों और सरकारी सहायता से रीढ़ की देखभाल व इलाज में सुधार लाना शामिल है.

ये भी पढ़ें: DELHI AIIMS: एम्स में अंगदान करने वालों के परिवार को किया गया सम्मानित, लोगों को अंगदान के बताए फायदे

Last Updated : Aug 10, 2023, 9:21 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.