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उपद्रवियों ने ली मोनिस की जान, परिजनों ने ढूंढा तो GTB अस्पताल में मिली लाश - दिल्ली हिंसा न्यूज

समयपुर बादली का रहने वाला 22 साल का मोनिस यमुना विहार में हुई हिंसा में मारा गया. परिजनों से उसने 25 फरवरी को फोन कर घर लौटने की बात कही थी. लेकिन वो नहीं लौटा और जब परिजन जीटीबी अस्पताल पहुंचे तो वहां के शवगृह में उन्हें मोनिस का शव दिखा.

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उपद्रवियों ने ली मोनिस की जान
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Published : Feb 29, 2020, 11:22 PM IST

नई दिल्ली: समयपुर बादली का रहने वाला 22 साल का मोनिस यमुना विहार में हुई हिंसा का शिकार हो गया. काम पर जा रहे मोनिस की उपद्रवियों ने हत्या कर दी.

उपद्रवियों ने ली मोनिस की जान

यमुना विहार में हुई हिंसा में फंसा था मोनिस

मृतक मोनिस के भाई ने ईटीवी भारत को बताया कि मोनिस परिवार के साथ समयपुर बादली इलाके में रहता था और मुस्तफाबाद इलाके में बेलदारी का काम किया करता था. 25 फरवरी को वह काम पर गया था, लेकिन यमुना विहार में हुई हिंसा में वे फंस गया.

हिंसा शांत होते ही घर लौटने का किया था वादा

25 फरवरी को मोनिस ने फोन कर घरवालों को बताया कि वह हिंसा में फंस गया है. हिंसा शांत होते ही वह घर लौट आएगा. इस बातचीत के कुछ देर बाद ही मोनिस का मोबाइल बंद हो गया. परिवार के लोगों ने उसकी खोज खबर शुरू की.

26 फरवरी को फिर बजी मोनिस के फोन की घंटी

26 फरवरी को एक बार फिर उसके मोबाइल पर घंटी बजी. फोन उठाने वाले ने कहा कि यहां कोई मोनिस नहीं है और एक बार फिर मोबाइल बंद हो गया. इसके बाद परिवार का को डर सताने लगा कि उपद्रवियों ने मोनिस के साथ कुछ गलत तो नहीं किया. परिजनों ने जीटीबी सहित दिल्ली के सभी अस्पतालों में उसका पता किया लेकिन कुछ पता नहीं चला.

जीटीबी प्रशासन असंवेदनशील !

हिंसा में मारे गए जीटीबी अस्पताल में रखे शव में मोनिस की पहचान की जब परिजनों ने कोशिश की तो शव गृह में मौजूद कर्मचारियों ने उसे भगा दिया, लेकिन कई मिन्नतें के बाद शव गृह में मौजूद कर्मचारियों ने वहा रखे शव को दिखाया, जिसमें मोनिस का शव भी था. मोनिस के परिवार में उसके भाई, बहन और बूढ़े माता-पिता हैं.

नई दिल्ली: समयपुर बादली का रहने वाला 22 साल का मोनिस यमुना विहार में हुई हिंसा का शिकार हो गया. काम पर जा रहे मोनिस की उपद्रवियों ने हत्या कर दी.

उपद्रवियों ने ली मोनिस की जान

यमुना विहार में हुई हिंसा में फंसा था मोनिस

मृतक मोनिस के भाई ने ईटीवी भारत को बताया कि मोनिस परिवार के साथ समयपुर बादली इलाके में रहता था और मुस्तफाबाद इलाके में बेलदारी का काम किया करता था. 25 फरवरी को वह काम पर गया था, लेकिन यमुना विहार में हुई हिंसा में वे फंस गया.

हिंसा शांत होते ही घर लौटने का किया था वादा

25 फरवरी को मोनिस ने फोन कर घरवालों को बताया कि वह हिंसा में फंस गया है. हिंसा शांत होते ही वह घर लौट आएगा. इस बातचीत के कुछ देर बाद ही मोनिस का मोबाइल बंद हो गया. परिवार के लोगों ने उसकी खोज खबर शुरू की.

26 फरवरी को फिर बजी मोनिस के फोन की घंटी

26 फरवरी को एक बार फिर उसके मोबाइल पर घंटी बजी. फोन उठाने वाले ने कहा कि यहां कोई मोनिस नहीं है और एक बार फिर मोबाइल बंद हो गया. इसके बाद परिवार का को डर सताने लगा कि उपद्रवियों ने मोनिस के साथ कुछ गलत तो नहीं किया. परिजनों ने जीटीबी सहित दिल्ली के सभी अस्पतालों में उसका पता किया लेकिन कुछ पता नहीं चला.

जीटीबी प्रशासन असंवेदनशील !

हिंसा में मारे गए जीटीबी अस्पताल में रखे शव में मोनिस की पहचान की जब परिजनों ने कोशिश की तो शव गृह में मौजूद कर्मचारियों ने उसे भगा दिया, लेकिन कई मिन्नतें के बाद शव गृह में मौजूद कर्मचारियों ने वहा रखे शव को दिखाया, जिसमें मोनिस का शव भी था. मोनिस के परिवार में उसके भाई, बहन और बूढ़े माता-पिता हैं.

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