ETV Bharat / state

कोरोना की वजह से कहीं आप भी तो नहीं हो गए अवसाद के मरीज...

जहां कोरोना महामारी ने बहुत सी चीजों को रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल कर दिया है, वहीं खराब सेहत, बेरोजगारी, वित्तीय संकट तथा रोजाना की चिंताओं ने लोगों की मानसिक समस्याओं को भी बढ़ा दिया है और लोग तेजी के साथ अवसादग्रस्त हो रहे हैं.

presently 20 cr. Indians are in depression
अवसाद मरीज
author img

By

Published : Oct 11, 2020, 3:29 AM IST

नई दिल्लीः अवसाद एक मानसिक बीमारी है. डॉक्टरों का कहना है कि लंबे समय तक अवसाद का रहना इंसान के जान के लिए खतरनाक भी हो सकता है. हिंदुस्तान में अवसाद के विस्तार को इसी बात से समझा जा सकता है कि हर 20वां व्यक्ति अवसाद से ग्रस्त हैं. हिंदुस्तान में इतना कौमन है कि अधिकांश लोगों को पता ही नहीं कि वह अवसाद में हैं और बचे-खुचे में भी बहुत कम ये मानने को तैयार होते क्योंकि वे मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी हर बीमारी को पागलपन समझते हैं, जबकि ऐसा नहीं होता.

करीब 20 करोड़ भारतीय अवसाद के शिकार

एम पावर फाउंडेशन की डॉ. निकिता सुले बताती हैं कि इसे आसानी से पहचाना जा सकता है. मसलन दो सप्ताह से ज्यादा की मायूसी, भूख और नींद का कम हो जाना और अत्यधिक थकान होना आदि. डॉ. सुले बताती हैं कि एक अनुमान के मुताबिक कोरोना की वजह से देश में अवसाद के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है.

करीब 20 करोड़ भारतीय अवसाद के शिकार

फिलहाल करीब 20 करोड़ लोग अवसाद ग्रस्त हैं, लेकिन ज्यादा परेशानी की बात नहीं है क्योंकि अवसाद का इलाज है. ये काउंसलिंग और कुछ दवाओं से कुछ समय में ठीक हो सकता है, लेकिन अगर इसका समय पर इलाज नहीं कराया गया तो ये जानलेवा भी हो सकता है.

नई दिल्लीः अवसाद एक मानसिक बीमारी है. डॉक्टरों का कहना है कि लंबे समय तक अवसाद का रहना इंसान के जान के लिए खतरनाक भी हो सकता है. हिंदुस्तान में अवसाद के विस्तार को इसी बात से समझा जा सकता है कि हर 20वां व्यक्ति अवसाद से ग्रस्त हैं. हिंदुस्तान में इतना कौमन है कि अधिकांश लोगों को पता ही नहीं कि वह अवसाद में हैं और बचे-खुचे में भी बहुत कम ये मानने को तैयार होते क्योंकि वे मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी हर बीमारी को पागलपन समझते हैं, जबकि ऐसा नहीं होता.

करीब 20 करोड़ भारतीय अवसाद के शिकार

एम पावर फाउंडेशन की डॉ. निकिता सुले बताती हैं कि इसे आसानी से पहचाना जा सकता है. मसलन दो सप्ताह से ज्यादा की मायूसी, भूख और नींद का कम हो जाना और अत्यधिक थकान होना आदि. डॉ. सुले बताती हैं कि एक अनुमान के मुताबिक कोरोना की वजह से देश में अवसाद के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है.

करीब 20 करोड़ भारतीय अवसाद के शिकार

फिलहाल करीब 20 करोड़ लोग अवसाद ग्रस्त हैं, लेकिन ज्यादा परेशानी की बात नहीं है क्योंकि अवसाद का इलाज है. ये काउंसलिंग और कुछ दवाओं से कुछ समय में ठीक हो सकता है, लेकिन अगर इसका समय पर इलाज नहीं कराया गया तो ये जानलेवा भी हो सकता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.