नई दिल्लीः दिल्ली के गांवों और अनधिकृत कॉलोनियों में सीवर लाइन डालने की स्थिति आसमान से गिरे खजूर पर अटके वाली जैसी हो गई है, क्योंकि वर्षों की मांग के बाद दिल्ली जल बोर्ड ने यहां सीवर लाइन डालना स्वीकार तो किया है, लेकिन इसके लिए संभावित समय 2031 बताया है वो भी तब जब वहां एसपीएस के लिए जमीन मिल जाएगी.
जमीन पर फंसा पेंच
दिल्ली में लगातार विकास हो रहा है, इसके बाद भी कई गांव और अनाधिकृत कॉलोनियों में अभी तक सीवर लाइन नहीं है. इस संबंध में वर्षों से पत्राचार हो रहा है, लेकिन अब जाकर दिल्ली जल बोर्ड ने बताया कि 150 से ज्यादा कॉलोनियों और गांवों में लाइन बिछाने की योजना को मंजूरी दे दी गई है, लेकिन इसके पूरा होने का संभावित समय साल 2031 तक रखा गया है. ये भी तब होगा जब एसपीएस के लिए जल बोर्ड को जमीन मिल जाएगी. इससे लोग खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.
पिछले पांच साल में 221 करोड़ से ज्यादा रहा बजट
आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार पिछले पांच साल में दिल्ली जल बोर्ड ने अनधिकृत कॉलोनी में सीवर लाइन बिछाने के लिए 219.31 करोड़ का बजट रखा. इसमें साल 2016-17 में सबसे ज्यादा 80 करोड़ से ज्यादा का बजट रखा गया था.
पांच साल में 126.38 करोड़ रुपये ही खर्च हो पाए
खर्च की बात करें तो पिछले पांच साल में 126.38 करोड़ ही खर्च हो पाए. इसमें सबसे ज्यादा खर्च भी साल 2016-17 में ही हुआ. जबकि गांव के लिए यह बजट 1.70 करोड़ था. यहां सबसे ज्यादा बजट वर्ष 2019-20 में 1.30 करोड़ का था. गांवों में पांच साल में कुल 1.41 करोड़ खर्च हो पाए. खास बात ये है कि साल 2016-17 और 2017-18 में गांव में सीवर बिछाने के लिए कोई बजट ही नहीं रखा गया.