नई दिल्ली: एक तरफ तो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हर रविवार को सुबह दस बजे घर के गमलों और कूलरों का पानी बदलने का अभियान चलाते हैं कि मच्छरों का प्रकोप कम हो, तो वहीं दूसरी तरफ उनके एक कद्दावर मंत्री के क्षेत्र में पीडब्ल्यूडी की लापरवाही से करीब 700 परिवारों की एक पॉश कॉलोनी गंदे पानी और मच्छरों के बीच रहने को मजबूर हैं.
नाले की निकासी है समस्या
नालियां इसीलिए बनाई जाती हैं कि मकानों का गंदा पानी सुव्यवस्थित तरीके से बाहर चला जाए, लेकिन दिलशाद गार्डन पॉकेट-ए में पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों ने ऐसा नाला बनाया है, जिससे अंदर का पानी बाहर जाने के बजाए बाहर का पानी अंदर आता है. जाहिर है ये पानी सालों भर नालियों में सड़ता रहता है, जिसमें मच्छर से लेकर जाने कितने तरह के कीटाणु पैदा होते हैं.
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विधायक नहीं देते ध्यान
स्थानीय लोगों का कहना है कि कालोनी की ये नालियां बाहर पीडब्ल्यूडी के जिस नाले में गिरती है, वह ऊंचा है. अगर इसे गहरा कर दिया जाए तो पानी बाहर निकल जाएगा. इसके लिए वे कई बार स्थानीय विधायक और दिल्ली सरकार के मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन हर बार विधायक मामले को टाल जाते हैं.