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मुख्यमंत्री जी! देखिए, पीने के पानी को लेकर आपस में जमकर होती है मारा-मारी - east delhi

पीने के पानी की कमी के मुद्दे पर जब ईटीवी भारत ने महिलाओं से बात की तो उनका आक्रोश फूट पड़ा. उन्होंने बताया कि पीने के पानी के लिए स्थानीय निवासी आपस में ही लड़ मर रहे हैं.

पीने के पानी को लेकर आपस में जमकर होती है मारा-मारी
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Published : May 4, 2019, 5:33 PM IST

Updated : May 4, 2019, 11:11 PM IST

नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में पीने के पानी को लेकर मारामारी है. इस क्षेत्र में पीने के पानी की जबरदस्त किल्लत बनी हुई है. यहां की महिलाएं इस समस्या से सबसे ज्यादा पीड़ित हैं. दिल्ली जलबोर्ड के इंतजाम नाकाम साबित हो रहे हैं.

पीने के पानी की किल्लत की जमीनी सच्चाई को जानने जब ईटीवी भारत की टीम न्यू सीलमपुर के झुग्गी कॉलोनी में पहुंची तो नजारा हैरान कर देने वाला था. एक पानी के टैंकर के पास लगभग 100 से भी ज्यादा लोगों की भीड़ जमा थी. सभी पानी के लिए आपस में ही लड़ रहे थे. इस भीड़ में महिलाओं की अच्छी खासी संख्या थी.

पीने के पानी को लेकर आपस में जमकर होती है मारा-मारी

3 हजार है जनसंख्या

सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि झुग्गी कॉलोनी की आबादी लगभग 3 हज़ार है. लेकिन इतने लोगों के लिए दिल्ली जल बोर्ड द्वारा मात्र 3000 लीटर का टैंकर भेजा गया था. पीने के पानी की कमी के मुद्दे पर जब ईटीवी भारत ने महिलाओं से बात की तो उनका आक्रोश फूट पड़ा. उन्होंने बताया कि पीने के पानी के लिए स्थानीय निवासी आपस में ही लड़ मर रहे हैं.

महिलाएं होतीं हैं परेशान

महिलाओं का यह भी आरोप था कि कुछ आदमी भी महिलाओं की भीड़ में शामिल होकर पानी भर लेते हैं. जिसके कारण महिलाओं को असुविधा भी होती है. कुछ दूसरी महिलाओं का कहना है कि सरकार द्वारा किए जा रहे इंतजाम ऊंट के मुंह में जीरे के समान है. क्षेत्र की आबादी ज्यादा है और हर किसी को पानी की जरूरत है लेकिन हमें सही तरीके से पानी नहीं मिल पाता है.

वहीं इस मामले में कई पुरुषों का कहना है कि अगर सरकार रोजाना ज्यादा क्षमता वाले पानी का टैंकर क्षेत्र में भेजती है तो पानी की समस्या दूर हो सकती है. अगर बात दिल्ली सरकार के दावों की करें तो सरकार का कहना है कि सभी घरों में मुफ्त पानी पहुंचाया जा रहा है. जबकि जमीनी हकीकत इससे ठीक उलट नजर आ रही है.

नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में पीने के पानी को लेकर मारामारी है. इस क्षेत्र में पीने के पानी की जबरदस्त किल्लत बनी हुई है. यहां की महिलाएं इस समस्या से सबसे ज्यादा पीड़ित हैं. दिल्ली जलबोर्ड के इंतजाम नाकाम साबित हो रहे हैं.

पीने के पानी की किल्लत की जमीनी सच्चाई को जानने जब ईटीवी भारत की टीम न्यू सीलमपुर के झुग्गी कॉलोनी में पहुंची तो नजारा हैरान कर देने वाला था. एक पानी के टैंकर के पास लगभग 100 से भी ज्यादा लोगों की भीड़ जमा थी. सभी पानी के लिए आपस में ही लड़ रहे थे. इस भीड़ में महिलाओं की अच्छी खासी संख्या थी.

पीने के पानी को लेकर आपस में जमकर होती है मारा-मारी

3 हजार है जनसंख्या

सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि झुग्गी कॉलोनी की आबादी लगभग 3 हज़ार है. लेकिन इतने लोगों के लिए दिल्ली जल बोर्ड द्वारा मात्र 3000 लीटर का टैंकर भेजा गया था. पीने के पानी की कमी के मुद्दे पर जब ईटीवी भारत ने महिलाओं से बात की तो उनका आक्रोश फूट पड़ा. उन्होंने बताया कि पीने के पानी के लिए स्थानीय निवासी आपस में ही लड़ मर रहे हैं.

महिलाएं होतीं हैं परेशान

महिलाओं का यह भी आरोप था कि कुछ आदमी भी महिलाओं की भीड़ में शामिल होकर पानी भर लेते हैं. जिसके कारण महिलाओं को असुविधा भी होती है. कुछ दूसरी महिलाओं का कहना है कि सरकार द्वारा किए जा रहे इंतजाम ऊंट के मुंह में जीरे के समान है. क्षेत्र की आबादी ज्यादा है और हर किसी को पानी की जरूरत है लेकिन हमें सही तरीके से पानी नहीं मिल पाता है.

वहीं इस मामले में कई पुरुषों का कहना है कि अगर सरकार रोजाना ज्यादा क्षमता वाले पानी का टैंकर क्षेत्र में भेजती है तो पानी की समस्या दूर हो सकती है. अगर बात दिल्ली सरकार के दावों की करें तो सरकार का कहना है कि सभी घरों में मुफ्त पानी पहुंचाया जा रहा है. जबकि जमीनी हकीकत इससे ठीक उलट नजर आ रही है.

Intro:नई दिल्ली : उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र की ('आधी आबादी') महिलाएं आजकल पीने के पानी के लिए जद्दोजहद कर रही हैं. आपको बता दें कि उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र मैं इन दिनों पीने के पानी की जबरदस्त किल्लत बनी हुई है और दिल्ली जल बोर्ड द्वारा किए जा रहे हैं इंतजाम लोगों की जरूरत को पूरा करने के लिए नाकाम साबित हो रहे हैं.


Body:पीने के पानी की किल्लत की जमीनी सच्चाई को जानने जब ईटीवी भारत की टीम न्यू सीलमपुर के झुग्गी कॉलोनी में पहुंची तो नजारा हैरान कर देने वाला था. एक पानी के टैंकर के पास लगभग 100 से भी ज्यादा लोगों की भीड़ जमा थी और सभी पानी के लिए आपस में ही लड़ रहे थे. इस भीड़ में महिलाओं की भी अच्छी खासी संख्या थी. सबसे हैरान करने वाली बात यह है थी कि झुग्गी कॉलोनी की आबादी लगभग 3 हज़ार है. लेकिन इतने लोगों के लिए दिल्ली जल बोर्ड द्वारा मात्र 3000 लीटर का टैंकर भेजा गया था.

पीने के पानी की कमी के मुद्दे पर जब ईटीवी भारत ने महिलाओं से बात की तो उनका आक्रोश फूट पड़ा. उन्होंने बताया कि पीने के पानी के लिए स्थानीय निवासी आपस में ही लड मर रहे हैं. क्योंकि हर घर को पीने के पानी की जरूरत है. इतना ही नहीं महिलाओं का यह भी आरोप था कि कुछ आदमी भी महिलाओं की भीड़ में शामिल होकर पानी भर लेते हैं. जिसके कारण महिलाओं को असुविधा भी होती है. वहीं कुछ अन्य महिलाओं का कहना है कि सरकार द्वारा किए जा रहे इंतजाम ऊंट के मुंह में जीरे के समान है. क्योंकि क्षेत्र की आबादी ज्यादा है और हर किसी को पानी की जरूरत है. वहीं इस मामले में कई पुरुषों का कहना है कि अगर सरकार रोजाना ज्यादा क्षमता वाले पानी का टैंकर क्षेत्र में भेजती है तो पानी की समस्या दूर हो सकती है. लेकिन नेताओं को तो चुनाव प्रचार से ही फुर्सत नहीं. उन्हें आम जनता की जरूरतों से क्या लेना.


Conclusion:अगर बात दिल्ली सरकार के दावों की करें तो सरकार का कहना है कि सभी घरों में मुफ्त पानी पहुंचाई जा रही है. लेकिन जमीनी हकीकत इससे ठीक उलट है. न्यू सीलमपुर झुग्गी बस्ती के निवासियों को आज भी पीने के पानी के लिए टैंकरों की राह देखनी पड़ती है. क्योंकि पाइपलाइन द्वारा घरों तक आने वाला पानी किसी काम का नहीं होता.
Last Updated : May 4, 2019, 11:11 PM IST
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