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RFID टैग के बिना दिल्ली में नहीं होगी कमर्शियल वाहनों की एंट्री

आने वाले दिनों में दिल्ली की सीमाओं पर बने उन 13 पॉइंट्स से ही कमर्शियल वाहनों को एंट्री मिलेगी जिनपर कि ये सिस्टम लगा हुआ है. इनमें आया नगर, टिकरी, कापसहेड़ा, शाहदरा मैन, शाहदरा (फ्लाइओवर), गाजीपुर ओल्ड, गाजीपुर मेन, डीएनडी फ्लाइओवर, बदरपुर - फरीदाबाद मेन, कुंडली, रजोकरी, कालिंदी कुंज के टोल प्वाइंट शामिल हैं.

RFID टैग के बिना दिल्ली में नहीं होगी कमर्शियल वाहनों की एंट्री
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Published : Jun 27, 2019, 8:51 PM IST

नई दिल्ली: आगामी 1 जुलाई से दिल्ली में बिना आरएफआईडी टैग लगे कमर्शियल वाहनों का प्रवेश बंद हो जाएगा. इस टैग को लेकर कई डेडलाइन पार करने के बाद आखिरकार साउथ एमसीडी ने ये फैसला लिया है. बहुत जल्दी इसके लिए एक सार्वजनिक सूचना भी जारी की जाएगी.

'13 प्वाइंट्स पर लगा सिस्टम'

साउथ एमसीडी के ही एक अधिकारी ने बताया कि निगम इसे सख्ती से लागू करने के लिए तैयार है. आने वाले दिनों में दिल्ली की सीमाओं पर बने उन 13 पॉइंट्स से ही कमर्शियल वाहनों को एंट्री मिलेगी जिनपर कि ये सिस्टम लगा हुआ है. इनमें आया नगर, टिकरी, कापसहेड़ा, शाहदरा मैन, शाहदरा (फ्लाइओवर), गाजीपुर ओल्ड, गाजीपुर मेन, डीएनडी फ्लाइओवर, बदरपुर - फरीदाबाद मेन, कुंडली, रजोकरी, कालिंदी कुंज के टोल प्वाइंट शामिल हैं. हालांकि यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि अभी तक 8 प्वाइंट पर ही काम पूरा किया गया है जबकि बची जगहों पर भी इसे पूरा कर लेने का दावा किया गया है.

200 रुपये है फीस

अधिकारी के अनुसार टैग के लिए रजिस्ट्रेशन कराना आसान है और अब तक लगभग 50 हजार गाड़ियां इसमें रजिस्टर हो चुकी हैं. इसके लिए ड्राइवरों को आरसी, इंश्योरेंस की कॉपी, ड्राइविंग लाइसेंस, गाड़ियों के वास्तविक ओनर का मोबाइल नंबर देना पड़ता है. इसकी फीस महज 200 रुपये है जिसके बाद ये टैग शीशे पर लगा दिया जाता है.

बताया जा रहा है कि ये टैग पूरे देश में लागू होगा. इसकी मदद से टोल प्लाजा पर लंबी-लंबी लाइनें नहीं लगेगी और टोल कटने के काम पूरी तरह ऑटोमेटिक हो जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद फैसला

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट और पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड की सख्ती के बाद ये फैसला लिया गया है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित मॉनीटरिंग कमिटी ने भी पिछले दिनों टोल पर लगने वाली लंबी-लंबी लाइनों को लेकर चिंता जताई थी. खास बात है कि इसमें टैक्स चोरी और पेनल्टी बचाने वालों के लिए भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.

नई दिल्ली: आगामी 1 जुलाई से दिल्ली में बिना आरएफआईडी टैग लगे कमर्शियल वाहनों का प्रवेश बंद हो जाएगा. इस टैग को लेकर कई डेडलाइन पार करने के बाद आखिरकार साउथ एमसीडी ने ये फैसला लिया है. बहुत जल्दी इसके लिए एक सार्वजनिक सूचना भी जारी की जाएगी.

'13 प्वाइंट्स पर लगा सिस्टम'

साउथ एमसीडी के ही एक अधिकारी ने बताया कि निगम इसे सख्ती से लागू करने के लिए तैयार है. आने वाले दिनों में दिल्ली की सीमाओं पर बने उन 13 पॉइंट्स से ही कमर्शियल वाहनों को एंट्री मिलेगी जिनपर कि ये सिस्टम लगा हुआ है. इनमें आया नगर, टिकरी, कापसहेड़ा, शाहदरा मैन, शाहदरा (फ्लाइओवर), गाजीपुर ओल्ड, गाजीपुर मेन, डीएनडी फ्लाइओवर, बदरपुर - फरीदाबाद मेन, कुंडली, रजोकरी, कालिंदी कुंज के टोल प्वाइंट शामिल हैं. हालांकि यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि अभी तक 8 प्वाइंट पर ही काम पूरा किया गया है जबकि बची जगहों पर भी इसे पूरा कर लेने का दावा किया गया है.

200 रुपये है फीस

अधिकारी के अनुसार टैग के लिए रजिस्ट्रेशन कराना आसान है और अब तक लगभग 50 हजार गाड़ियां इसमें रजिस्टर हो चुकी हैं. इसके लिए ड्राइवरों को आरसी, इंश्योरेंस की कॉपी, ड्राइविंग लाइसेंस, गाड़ियों के वास्तविक ओनर का मोबाइल नंबर देना पड़ता है. इसकी फीस महज 200 रुपये है जिसके बाद ये टैग शीशे पर लगा दिया जाता है.

बताया जा रहा है कि ये टैग पूरे देश में लागू होगा. इसकी मदद से टोल प्लाजा पर लंबी-लंबी लाइनें नहीं लगेगी और टोल कटने के काम पूरी तरह ऑटोमेटिक हो जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद फैसला

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट और पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड की सख्ती के बाद ये फैसला लिया गया है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित मॉनीटरिंग कमिटी ने भी पिछले दिनों टोल पर लगने वाली लंबी-लंबी लाइनों को लेकर चिंता जताई थी. खास बात है कि इसमें टैक्स चोरी और पेनल्टी बचाने वालों के लिए भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.

Intro:नई दिल्ली:
आगामी 1 जुलाई से दिल्ली में बिना आरएफआईडी टैग लगे कमर्शियल वाहनों का प्रवेश बंद हो जाएगा. इस टैग को लेकर कई डेडलाइन पार करने के बाद आखिरकार साउथ एमसीडी ने ये फैसला लिया है. बहुत जल्दी इसके लिए एक सार्वजनिक सूचना भी जारी की जाएगी.Body:साउथ एमसीडी के ही एक अधिकारी ने बताया कि निगम इसे सख्ती से लागू करने के लिए तैयार है. आने वाले दिनों में दिल्ली की सीमाओं पर बने उन 13 पॉइंट्स से ही कमर्शियल वाहनों को एंट्री मिलेगी जिनपर कि ये सिस्टम लगा हुआ है. इनमें आया नगर, टिकरी, कापसहेड़ा, शाहदरा मैन, शाहदरा (फ्लाइओवर), गाजीपुर ओल्ड, गाजीपुर मेन, डीएनडी फ्लाइओवर, बदरपुर - फरीदाबाद मेन, कुंडली, रजोकरी, कालिंदी कुंज के टोल प्वाइंट शामिल हैं. हालांकि यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि अभी तक 8 प्वाइंट पर ही काम पूरा किया गया है जबकि बची जगहों पर भी इसे पूरा कर लेने का दावा किया गया है.

वो कहते हैं कि टैग के लिए रजिस्ट्रेशन कराना आसान है और अब तक लगभग 50 हजार गाड़ियां इसमें रजिस्टर हो चुकी हैं. इसके लिए ड्राइवरों को आरसी, इंश्योरेंस की कॉपी, ड्राइविंग लाइसेंस, गाड़ियों के वास्तविक ओनर का मोबाइल नंबर आदि चीज़ें देनी पड़ती हैं. इसकी फीस महज 200 रुपये है जिसके बाद ये टैग शीशे पर लगा दिया जाता है.

बताया जा रहा है कि ये टैग पूरे देश में लागू होगा. इसकी मदद से टोल प्लाजा पर लंबी-लंबी लाइनें नहीं लगेगी और टोल कटने के काम पूरी तरह ऑटोमेटिक हो जाएगा.Conclusion:बता दें कि सुप्रीम कोर्ट और पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड की सख्ती के बाद ये फैसला लिया गया है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित मॉनीटरिंग कमिटी ने भी पिछले दिनों टोल पर लगने वाली लंबी-लंबी लाइनों को लेकर चिंता जताई थी. खास बात है कि इसमें टैक्स चोरी और पेनल्टी बचाने वालों के लिए भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.
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