नई दिल्ली: केजरीवाल सरकार राजधानी में शिक्षा में सुधार पर खासा जोर देती आई है, शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया और शिक्षा विभाग स्कूलों को बेहतर बनाने के लिए अक्सर नई योजनाओं का जिक्र करते हैं. एक कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि देश में शिक्षा के जरिए सर्जिकल स्ट्राइक करने का वक्त आ गया है.
शिक्षकों को किया संबोधित
शिक्षा मंत्री ने तीन दिवसीय प्रशासनिक कैपेसिटी बिल्डिंग फॉर हेड ऑफ स्कूल, स्कूल इंस्पेक्टर एमसीडी और एनडीएमसी के शिक्षकों को संबोधित किया और कहा कि बेरोजागरी, भुखमरी, महिलाओं पर अत्याचार, कुपोषण जैसी तमाम समस्याओं पर बेहतर शिक्षा से सर्जिकल स्ट्राइक करने की जरूरत है. हर साल केजरीवाल सरकार शिक्षकों के लिए इस तरह के कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम का आयोजन करती है.
'सरकारी स्कूलों में बेहर शिक्षा होनी चाहिए
'मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमारे वीर जवानों ने अपने देश की रक्षा के लिए सर्जिकल स्ट्राइक की थी. लेकिन आए दिन कभी मुजफ्फरपुर तो कभी गोरखपुर में फैली दिमागी बुखार की बीमारी या महिलाओं पर हो रहे अत्याचार की अखबार में छपी हेडलाइन से हम सभी का मन दुखी हो जाता है.
दिल्ली में हम सरकारी स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार करने के बाद अब कुपोषण, बेरोजगारी, हिंसा और महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार समेत तमाम ज्वलनशील मुद्दों पर फोकस कर रहे हैं. सरकारी स्कूलों में बेहतर होती शिक्षा से सर्जिकल स्ट्राइक करने की जरूरत है.
आपका बच्चा पढ़-लिख कर मिसाल बनें
उन्होंने कहा कि हमें अपने बच्चों को ऐसी शिक्षा देने की जरूरत है जिससे कि वो समाज के लिए एक मिसाल बन सके. साथ ही दिल्ली के स्कूलों में चल रहे एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम से हमारे देश में फैली बेरोजगारी को घटाने में अपना योगदान दे सकेंगे. इसके अलावा उन्होंने कहा कि देश में महिलाओं के प्रति बढ़ते अत्याचार को खत्म करने के लिए हमें अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा देने की जरूरत है.
वहीं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि सरकारी स्कूलों में बच्चों को हैप्पीनेस करिकुलम के जरिए खुश रखने की कोशिश कर रहे हैं. जिसके जरिए वो अपने जीवन को खुश रख सकेंगे और दूसरे के जीवन में खुशहाली दे सकेंगे. हैप्पीनेस करिकुलम को पढ़ रहे कई बच्चों ने अपने परिवार में तनाव के माहौल को खत्म करने का काम किया है.
शिक्षकों को कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम में बताया गया कि दिल्ली में सरकारी स्कूलों में पिछले चार सालों में हम माइनस लेवल से ग्राउंड लेवल तक पहुंचे हैं. अब अगले आने वाले पांच सालों में हमें शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाना है. जिससे कि देश के अन्य राज्य दिल्ली के बेहतर शैक्षिक मॉडल से प्रेरणा ले सके और देश में बेरोजगारी, अशिक्षा, कुपोषण, महिलाओं के प्रति अत्याचार को घटाने में योगदान दे सकें.