नई दिल्ली: कोरोना वैक्सीन का जिस तरह से इंतजार था, उसे लगवाने को लेकर लोगों में उतनी ही झिझक भी अब नजर आ रही है. जिसकी वजह से रोजाना टीका लगवाने वाले स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या कम होती जा रही है. ऐसे में एक सवाल ये भी सामने आता है कि जो वैक्सीन बच रही है, उसके लिए अस्पताल क्या इंतजाम कर रहा है.
अस्पताल में 8 घंटे रहती है वैक्सीन
राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल(RGSSH) के नोडल ऑफिसर डॉ. अजित जैन बताते हैं कि उनके अस्पताल में वैक्सीन का सबसे बड़ा स्टोर होने के बाद भी वैक्सीन स्टोर से सीधे उनके सेंटर पर नहीं आती, बल्कि स्टोर से पहले डिस्ट्रिक में बने चार सब स्टोर पर पहुंचाई जाती है. वहां से सुबह वैक्सीन को अस्पताल पहुंचाया जाता है. शाम को जितनी वैक्सीन बच जाती हैं, उन्हें वापस सब सेंटर्स को भेज दिया जाता है. इस दौरान अस्पताल में सिर्फ 8 घंटे तक ही वैक्सीन को रखा जाता है. स्टोर से लाने ले जाने और इस्तेमाल के दौरान भी वैक्सीन का तापमान बरकरार रहे, इसके लिए इसे एक कोल्ड बॉक्स में 5 ड्राई आइस पैक के साथ रखा जाता है.
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रोजाना आती हैं कोविशील्ड की 11 शीशी
बता दें कि वैक्सीनेशन के पहले चरण में दिल्ली के 81 सेंटरों पर कोरोना टीका लगाया जा रहा है. सभी सेंटरों पर फिलहाल रोजाना 100 टीके लगाने का लक्ष्य तय किया गया है. कोविशील्ड की जो एक शीशी है, उसमें दस डोज हैं, जिसका मतलब एक शीशी में से 10 लोगों को वैक्सीन लगाई जा सकती है. इसके अनुसार एक सेंटर पर रोजाना 10 शीशी की जरूरत होती है. डॉ. जैन बताते हैं कि फिलहाल मानवीय चूक को ध्यान में रखते हुए सभी सेंटरों में 10 प्रतिशत ज्यादा वैक्सीन दी जा रही थी.