नई दिल्ली: सरकारी महकमों में एक कहावत मशहूर है कि आपदा आई, कमाई के अवसर लाई. ऐसे में भला कोरोना इससे अछूता कैसे रह सकता है. दिल्ली में कोरोना काल में भ्रष्टाचार का पहला मामला सामने आया है. इसमें दिल्ली सरकार के सबसे बड़े लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल के पूर्व मेडिकल डायरेक्टर डॉ. जेसी पासी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है, जिसकी शिकायत केंद्रीय सतर्कता आयोग को भेज दी गई है.
'सवा लाख की मशीन 25 लाख में खरीदी'
केंद्रीय सतर्कता आयोग को 20 जुलाई को शिकायत भेजी गई थी. शिकायत के अनुसार, कोरोना फंड से कोरोना महामारी में काम आने वाले उपकरण या दवाइयां खरीदी जानी थी. वहीं एलएनजेपी अस्पताल में कोरोना मरीजों का इलाज नहीं चल रहा हैं, लेकिन वहां मशीन खरीदी गई. जब कोरोना मरीजों का इलाज नहीं हो रहा, तो मशीन का क्या काम होगा. इस मशीन का नाम ऑटोक्लेव मशीन है. जो उच्च दाब में वाष्प के द्वारा चीजों को स्टेरेलाइज करने के काम आती है. इस मशीन को कश्मीरी गेट स्थित सुश्रुत ट्रामा सेंटर के जरिए खरीदी गया. खास बात ये है कि इस मशीन को बाजार मूल्य से करीब 20 गुणा ज्यादा मूल्य पर खरीदने का आरोप लगाया गया है.
पूर्व डायरेक्टर पर लगा आरोप
सीवीसी को भेजे गए शिकायत के अनुसार, ट्रामा सेंटर ने इस मशीन की जरूरत साल 2017 में बताई थी, लेकिन तब किसी कारण से इसे नहीं खरीदा जा सका था. दिल्ली में महामारी के शुरुआत के बाद मार्च महीने में जब लोक नायक अस्पताल के पूर्व डायरेक्टर डॉ. जेसी पासी को 62 साल की उम्र होने के बाद भी दोबारा अस्पताल के डायरेक्टर का चार्ज दिया गया, तब उनके डेढ़ महीने के कार्यकाल में इस मशीन को खरीदा गया.
'2017 के स्पेसिफिकेशन की नहीं मशीन'
शिकायत के अनुसार डॉ. पासी के दूसरे कार्यकाल के दौरान तीन और डॉक्टरों डॉ. आरएस तोलिया, डॉ. एसएन बासना और डॉ. रविंदर को भी दूसरे अस्पताल से लोक नायक अस्पताल में लाया गया, जिन्हें करीब साल भर पहले दूसरे अस्पतालों में ट्रांसफर कर भेजा गया था. इन्हें अस्पताल में खरीद और स्टोर से जुड़े महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया गया. आरोप है कि इस दौरान जो दो मशीनें खरीदी गईं, वो भी 2017 के स्पेसिफिकेशन के अनुसार नहीं है. इसके आधार पर शिकायतकर्ता ने इस मामले में जांच की मांग की है.