नई दिल्ली: लॉकडाउन और कोरोना के बीच पहले से ही लोगों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. ऐसे में राजधानी दिल्ली में सरकार के तमाम दावों के बीच निजी स्कूलों की मनमानी रुकने का नाम ही नहीं ले रही है. स्कूल आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) कैटेगरी के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं और इस वर्ग के विद्यार्थियों से भी फीस मांग रहे हैं. हद तो ये है कि फीस नहीं देने की स्थिति में वे विद्यार्थी को स्कूल से निकालने तक की बात कह रहे हैं. मामला निहाल विहार इलाके का है.
शिक्षा के व्यवसायीकरण के बीच आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्र भी निजी क्षेत्र के बड़े स्कूलों में शिक्षा प्राप्त कर सकें. इसके लिए निजी स्कूलों में ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के छात्रों के लिए सीटें आरक्षित रहती है लेकिन कई स्कूल इसे लेकर मनमानी कर रहे हैं. वे ईडब्ल्यूएस कैटेगरी की एक छात्रा से न सिर्फ एडमिशन फीस मांग रहे हैं, बल्कि हर महीने स्कूल फीस भी देने का दबाव बना रहे हैं. खास बात ये है कि स्कूल ने छात्रा को चेतावनी दी है कि अगर वो फीस नहीं दे पति तो उसे स्कूल आने की भी जरूरत नहीं है.
पिता करते हैं कबाड़ का काम
9वीं कक्षा में पढ़ने वाली इस छात्रा का कहना है कि उसके पिता कबाड़ का काम करते हैं. उनके पास इतने पैसे नहीं हैं कि वे स्कूल की फीस भर सकें. लेकिन वो भी अन्य बच्चों की तरह पढ़-लिख कर कुछ बनना चाहती है. अभी तक तो ईडब्ल्यूएस कैटेगरी की सुविधा के तहत उसने पढ़ाई कर ली लेकिन अब आगे की पढ़ाई उसे मुश्किल लग रही है. इसलिए अब बच्ची ने सरकार से गुहार लगाई है कि उसे भी 12वीं तक पढ़ने का मौका मिले.