नई दिल्ली: दिल्ली में सड़कों पर वाहनों के अवैध तरीके से पार्किंग और चौक चौराहों पर ऑटो, ई रिक्शा या फटफट सेवा जैसे सवारी गाड़ियों के खड़े रहने का नजारा आम है. यही इन सड़कों पर जाम का मुख्य कारण भी है. पुलिस ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करने का दम भी भरती है, लेकिन इसके बाद भी स्थिति में कोई बदलाव नहीं होता है. इसलिए अब ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था में बदलाव की मांग उठने लगी है.
5 महीने 156 पर मुकदमा, 3200 से ज्यादा को नोटिस
दिल्ली पुलिस का दावा है कि किंग्सवे कैंप से लेकर बुराड़ी को जाने वाली सड़क पर यातायात को सुचारू रूप से चलाने के लिए पर्याप्त मात्रा में ट्रैफिक पुलिस के जवान हैं. जिन्होंने वाहनों के अवैध पार्किंग और चौक चौराहों पर खड़े होने वाले रेडी पटरी वालों के खिलाफ जून 2020 से लेकर अक्तूबर तक 106 संयुक्त अभियान चलाया.
इसके तहत अवैध पार्किंग को लेकर 156 वाहन मालिकों के खिलाफ मुकदमा किया तो 3286 को नोटिस भेजा गया. वहीं 1500 से ज्यादा रेडी पटरी वालों के खिलाफ कार्रवाई कर उन्हें सड़क से हटाया गया. लेकिन सड़क पर स्थिति कुछ और ही दिखाई पड़ती है.
सीसीटीवी लगाने की मांग
आरटीआई कार्यकर्ता हरपाल राणा का कहना है कि पुलिस के तमाम उपायों के बाद भी सड़क पर वाहन गलत तरह से पार्क होते ही हैं और इसकी वजह से जाम भी लगता ही है.
उनकी सलाह है कि जिस तरह से अब सड़कों पर कामर्शियल वाहनों के स्पीड की चेकिंग और चालान होता है उसी तरह से पार्किंग की भी होनी चाहिए. जिससे मानव श्रम का सही उपयोग होगा, भ्रष्टाचार की संभावना कम होगी और वाहन चालकों में कानून का डर बनेगा.