नई दिल्लीः दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने हथियार डीलर संजय भंडारी से जुड़े मनी लॉड्रिंग मामले में ED की ओर से दाखिल पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लेने के मामले पर फैसला टाल दिया. स्पेशल जज नीलोफर आबिदा परवीन ने कल यानि 22 दिसंबर को फैसला सुनाने का आदेश दिया. कोर्ट ने 20 दिसंबर को पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लेने के मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था.
सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से पेश वकील नवीन कुमार माटा, अनिल खत्री और मोहम्मद फैजा ने कहा कि पूरक चार्जशीट में संयुक्त अरब अमीरात के बिजनेसमैन सीसी थम्पी और ब्रिटेन स्थित व्यवसायी सुमित चड्ढा का नाम शामिल किया है. उनमें से संजय भंडारी कथित तौर पर प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा के करीबी सहयोगी हैं. ईडी के मुताबिक, सुमित चड्ढा और उनकी पत्नी को समन जारी किया था लेकिन दोनों जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए.
चार्जशीट में आरोप है कि यूपीए के शासनकाल में भंडारी ने कमीशन लिया और लंदन में संपत्ति खरीदी. इसके लाभार्थी मालिक रॉबर्ट वाड्रा हैं. वाड्रा ने ईडी के आरोपों को गलत बताया है. इस मामले में पहले ईडी ने हथियार डीलर संजय भंडारी के मनी लॉड्रिंग मामले में दक्षिण दिल्ली के पंचशील पार्क में पंचशील शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में स्थित संपति को कब्जे में लिया, जो एसबी हॉस्पिटेलिटी एंड सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर रजिस्टर्ड है.
ED ने 2017 में भंडारी और दूसरे आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. जांच एजेंसी ने भंडारी के खिलाफ 2020 में पहली चार्जशीट दाखिल की थी. ईडी रॉबर्ट वाड्रा के साथ भंडारी के संबंधों की भी जांच कर रही है. भंडारी फिलहाल ब्रिटेन में है.
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