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GTB अस्पताल पहुंचीं वृंदा करात, बोलीं 'विज्ञापन काफी नहीं, हेल्प डेस्क लगाए सरकार' - वृंदा करात पहुंची जीटीबी हॉस्पिटल

सीपीआई नेता वृंदा करात रविवार को जीटीबी अस्पताल पहुंचीं. यहां वे डॉक्टर्स के प्रयास से तो संतुष्ट दिखीं, लेकिन उन्होंने तत्काल हेल्पडेस्क लगाने की मांग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली सरकार को घेरते हुए कहा कि सिर्फ विज्ञापन से काम नहीं चलेगा.

brinda karat met patients of delhi violence at gtb hospital in delhi
वृंदा करात रविवार को जीटीबी अस्पताल पहुंचीं
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Published : Mar 1, 2020, 10:40 PM IST

नई दिल्ली: रविवार शाम सीपीआई नेता वृंदा करात जीटीबी अस्पताल पहुंचीं. यहां उन्होंने घायल मरीजों के स्वास्थ्य को लेकर डॉक्टर्स और परिजनों से बातचीत की. वे डॉक्टर्स के प्रयासों से संतुष्ट दिखीं. वृंदा करात ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हिंसाग्रस्त इलाकों में सरकार को हेल्प डेस्क लगाना चाहिए.

वृंदा करात रविवार को जीटीबी अस्पताल पहुंचीं

'अब तक नहीं पहुंची स्वास्थ्य सुविधा'

वृंदा करात ने कहा कि मैं खुद कदमपुरी से एक घायल को लेकर आई हूं. उस इलाके में अभी बहुत लोग घायल हैं, जिन तक अभी भी स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं पहुंच पा रही हैं. बहुत लोग पड़ोसियों की मदद से अस्पतालों तक पहुंच रहे हैं. उनका यह भी कहना था कि अब वे लोग अपने स्वास्थ्य की चिंता करें या मुआवजे की, इसलिए सरकार को चाहिए कि उन इलाकों में हेल्प डेस्क लगाए.

'सिर्फ विज्ञापन से काम नहीं चलेगा'

गौरतलब है कि दिल्ली सरकार अपनी तरफ से विज्ञापन देकर लोगों तक मुआवजा लेने की प्रक्रिया की पूरी जानकारी पहुंचा रही है. इसपर वृंदा करात का कहना था कि विज्ञापन देना और जानकारी पहुंचाना जरूरी है, लेकिन सवाल है कि वे कैसे सुविधाएं लेने के लिए वहां तक पहुंचेंगे, इसलिए उन इलाकों में हेल्प डेस्क लगाना जरूरी है, सिर्फ अखबारों में विज्ञापन देकर काम नहीं चलेगा.

नई दिल्ली: रविवार शाम सीपीआई नेता वृंदा करात जीटीबी अस्पताल पहुंचीं. यहां उन्होंने घायल मरीजों के स्वास्थ्य को लेकर डॉक्टर्स और परिजनों से बातचीत की. वे डॉक्टर्स के प्रयासों से संतुष्ट दिखीं. वृंदा करात ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हिंसाग्रस्त इलाकों में सरकार को हेल्प डेस्क लगाना चाहिए.

वृंदा करात रविवार को जीटीबी अस्पताल पहुंचीं

'अब तक नहीं पहुंची स्वास्थ्य सुविधा'

वृंदा करात ने कहा कि मैं खुद कदमपुरी से एक घायल को लेकर आई हूं. उस इलाके में अभी बहुत लोग घायल हैं, जिन तक अभी भी स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं पहुंच पा रही हैं. बहुत लोग पड़ोसियों की मदद से अस्पतालों तक पहुंच रहे हैं. उनका यह भी कहना था कि अब वे लोग अपने स्वास्थ्य की चिंता करें या मुआवजे की, इसलिए सरकार को चाहिए कि उन इलाकों में हेल्प डेस्क लगाए.

'सिर्फ विज्ञापन से काम नहीं चलेगा'

गौरतलब है कि दिल्ली सरकार अपनी तरफ से विज्ञापन देकर लोगों तक मुआवजा लेने की प्रक्रिया की पूरी जानकारी पहुंचा रही है. इसपर वृंदा करात का कहना था कि विज्ञापन देना और जानकारी पहुंचाना जरूरी है, लेकिन सवाल है कि वे कैसे सुविधाएं लेने के लिए वहां तक पहुंचेंगे, इसलिए उन इलाकों में हेल्प डेस्क लगाना जरूरी है, सिर्फ अखबारों में विज्ञापन देकर काम नहीं चलेगा.

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