नई दिल्लीः टीवी और फिल्मों में आना किसे पसंद नहीं होता. अक्सर लोग ये मान लेते हैं कि एक बार अगर वे फिल्म में आ गए तो पैसों की बरसात होगी और फैन्स उनके पीछे-पीछे दौड़ेंगे. लेकिन ये हर बार सच नहीं होता. अगर यकीन नहीं आता तो अशरफ से मिल लीजिए, जो चार भोजपुरी फिल्मों में काम कर चुके हैं लेकिन इसके बाद भी पेट भरने के लिए सड़कों पर बांसुरी बेचना पड़ता है.
100 से ज्यादा एलबम में बजाई बांसुरी
अशरफ बताते हैं कि वे भोजपुरी की चार फिल्मों में छोटे मोटे रोल कर चुके हैं. इसके साथ ही करीब सौ म्यूजिक एलबम में भी बांसुरी भी बजा चुके हैं. उनका कहना है कि सुनने में तो यह काफी अच्छा लगता है, लेकिन इसमें इतने पैसे नहीं मिलते कि इससे घर चल सके, वहीं कॉम्पटीशन ऐसा है कि सबको आगे बढ़ने का चांस नहीं मिलता है.
खुद से सीखा
अशरफ बताते हैं कि उनका कोई गुरु नहीं है और ना ही उन्होंने किसी से बांसुरी बजाना सीखा है. उनका कहना है कि जब वे दिल्ली आए तो यहां उन्होंने लोगों को बांसुरी बजाते देखा तो खुद बजाने की कोशिश करने लगे और ऐसे ही अभ्यास करते करते उन्होंने बांसुरी बजाना सीख लिया. अब यही उनके पेट भरने और सपने पूरे करने का साधन है.