नई दिल्ली: किराड़ी के अगर नगर इलाके में दिल्ली महिला आयोग द्वारा legal literacy program LLP चलाया गया. इसके तहत DSLSA ( रोहिणी कोर्ट) की एडवोकेट रितंभरा कराला ने चाइल्ड मैरिज एक्ट की जानकारी महिलाओं को दी. यह प्रोग्राम आयोग की मेंबर फिरदौस खान द्वारा चलाया जा रहा है. इस दौरान महिलाओं को बाल विवाह एक्ट की जानकारी देते हुए बताया गया कि अगर कोई भी 18 वर्ष से कम उम्र की बच्ची से शादी करता है, तो वह एक अपराध है, जिसमें दो साल की जेल और एक लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है.
कानून के बारे में जानकर ही महिलाएं होंगी मजबूत
एडवोकेट रितंभरा कराला ने कहा कि देश में सबसे ज्यादा महिलाएं अशिक्षित हैं. इन्हें कानून के बारे में जानकारी नहीं है. इसलिए महिलाओं के साथ शोषण होता है. इन्हें जानकारी होगी कि कौन सा विभाग उनके साथ है और उनको क्या करना चाहिए, तब यह सभी महिलाएं मजबूत होंगी. तब जाकर बच्चों के बाल विवाह और घरेलू हिंसा पर रोक लग सकेगी.
ये भी पढ़ेंःदिल्ली में कोरोना 500 के पार: हरकत में सरकार, दिए सख्ती बढ़ाने के आदेश
बच्ची के शारीरिक व मानसिक विकास पर पड़ता असर
राजू अतुला कहते हैं कि 18 वर्ष से कम उम्र में शादी करने से बच्ची के शारीरिक और मानसिक विकास पर असर पड़ता है. ऐसे में महिलाओं को खुद जागरूक होना होगा. इस प्रोग्राम का उद्देश्य महिलाओं को बाल विवाह अधिनियम की जानकारी देना है. यह कार्यक्रम स्थानीय आदर्श परिवार महिला पंचायत द्वारा किया जा रहा है. दिल्ली महिला आयोग पूरी दिल्ली में यह प्रोग्राम स्थानीय महिला पंचायतों के सहयोग से चला रही है, ताकि महिलाओं को उनके अधिकारों एवं कानून की जानकारी मिल सके.