नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में यौन अपराधों के मामलों में न्याय में देरी से रिपोर्ट आने के चलते दिल्ली महिला आयोग ने फॉरेंसिक साइंस लैब को नोटिस जारी किया है. महिला आयोग में नोटिस जारी कर फॉरेंसिक लैब से सवाल पूछा है कि सभी लंबित मामलों की जानकारी दी जाए और उनके कारणों की वजह बताई जाए.
दिल्ली महिला आयोग ने बताया कि राजधानी में बड़ी संख्या में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ लगातार अपराधों के मामले सामने आ रहे हैं. इसकी मुख्य वजह सजा में देरी होना है.
उन्होंने बताया कि दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण की रिपोर्ट की मानें तो दिल्ली महिला आयोग ने पास्को एक्ट के मामले में सजा के न्याय की बात करें तो उनमें 2014 में 16.33 प्रतिशत, 2015 में 19.65 प्रतिशत और 2016 में केवल 18.49 प्रतिशत मामलों में ही सजा मिली है. आयोग का कहना है कि ज्यादा लंबित मामले होने की वजह से फॉरेंसिक रिपोर्ट का देर से आना और कुछ नमूनों की रिपोर्ट बिना किसी निष्कर्ष से आना बड़ा सवाल खड़े करता है.
आयोग ने बताया कि कुछ समय पहले महिला आयोग ने रोहिणी स्थित फॉरेंसिक लैब का दौरा किया था और समस्याओं को सुलझाने के लिए प्रयास करेगी. उन्होंने बताया कि इस मामले में अब तक कार्रवाई नहीं की गई है. इस बाबत आयोग ने जनवरी 2017 से अब हर महीने के लंबित मामलों की जानकारी मांगी है.
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि जांच रिपोर्ट में देरी की वजह से अपराधिक मामले अदालतों में रुक जाते हैं. इस वजह से पीड़ितों को मानसिक पीड़ा होती है. आयोग ने पूरी कोशिश करेगा कि यौन अपराधों की पीड़िता को जल्द से जल्द न्याय मिले और इसके लिए लंबित मामलों को खत्म करना बेहद जरूरी है.